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हजारों आदिवासी परिवारों के साथ छल, धोखा और अन्याय- अजय सिंह

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने सिंगरौली के जालपानी की गोंड वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण शुरू होने के बाद निर्माण स्थल चमारीडोल बदले जाने पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज की है.

Mp congress ajay singh rahul
एमपी में हजारों आदिवासी परिवारों के साथ अन्याय
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Published : Mar 11, 2022, 9:52 PM IST

भोपाल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने सिंगरौली के जालपानी की गोंड वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण शुरू होने के बाद निर्माण स्थल चमारीडोल बदले जाने पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज की है. दरअसल, अजयसिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पूछा है कि अचानक बांध स्थल को बदलने की कौन सी मजबूरी आ पड़ी. किसके इशारे पर कौन से खास व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए हजारों आदिवासियों के साथ छल, धोखा और अन्याय किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, क्षेत्र के आदिवासी सोनगढ़ में बांध का स्थान न बदलने के लिए पिछले 23 फरवरी से लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

औपचारिकताएं पूरी, फिर क्यों बदला जा रहा निर्माण स्थल
अजयसिंह ने कहा कि जब एक बार गोपद नदी पर बनने वाले बांध की जगह कुसमी के जालपानी में तय हो गई है तो इसे बदलने की क्या मजबूरी और औचित्य है? वैसे भी यहां बांध निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. ठेकेदार को तीन सौ करोड़ एडवांस भी दिया जा चुका है, इसमें से दौ सौ करोड़ खर्च भी हो चुके हैं. जंगल की कटाई कर लकड़ी वन विभाग को सौंप दी गई है, वन और पर्यावरण की स्वीकृति भी अंतिम चरण में है. फिर निर्माण स्थल बदलकर अचानक चमारीडोल क्यों कर दिया गया है?

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डूब गांव की पंचायतों से नहीं ली गई सहमति
अजयसिंह सिंह ने कहा कि, नयी प्रस्तावित जगह पर आदिवासी ब्लाक कुसमी के छरू ग्राम पंचायत के 33 आदिवासी गांव डूब में आएंगे, हजारों आदिवासी परिवार विस्थापित होंगे. बांध की लंबाई और लागत दो गुनी हो जाएगी. डूब के गावों की पंचायतों से सहमति भी नहीं ली गई है, साथ ही यहां के आदिवासियों की मांग है कि, चमारीडोल की जगह पूर्व में प्रस्तावित जालपानी में ही बांध बनाया जाए. इस मांग को लेकर आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं. आरोप है कि, ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की गरज से बांध स्थल बदला जा रहा है. उनका यह भी आरोप है कि, जालपानी के कोल ब्लाक पर एक उद्योगपति की नजर लगी है जिसे शिवराजसिंह की शह प्राप्त है.

बांध स्थल ना बदले जाने की सीएम से मांग
अजयसिंह ने कहा कि, पूर्व प्रस्तावित बांध स्थल से संजय टाइगर रिजर्व दस किलोमीटर दूर है, यहां वन और कृषि भूमि प्रभावित नहीं होगी. निर्माण कार्य भी प्रारम्भ हो गया था जिसे रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि, चमारीडोल के लिए ही प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिली थी, इसलिए मेरा शिवराजसिंह से व्यक्तिगत आग्रह है कि तय बांध स्थल कतई न बदला जाए, यह निर्णय अव्यवहारिक होगा.

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आदिवासी मिले अजय सिंह से
बांध स्थल बदले जाने के विरोध में सोनगढ़ में आन्दोलनरत आदिवासियों की ओर से एक प्रतिनिधि मण्डल शुक्रवार को भोपाल में अजयसिंह से मिला. इसमें हंसलाल यादव, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष कुसमी, उदितनरायण साहू अध्यक्ष ब्लाक किसान कांग्रेस कुसमी, ध्यानसिंह अध्यक्ष किसान संघर्ष समिति सोनगढ़, जगधारी सिंह टेकाम उपाध्यक्ष किसान संघर्ष समिति सिंगरौली और गेंदलाल साकेत प्रवक्ता जिला कांग्रेस सिंगरौली शामिल थे.

भोपाल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने सिंगरौली के जालपानी की गोंड वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण शुरू होने के बाद निर्माण स्थल चमारीडोल बदले जाने पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज की है. दरअसल, अजयसिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पूछा है कि अचानक बांध स्थल को बदलने की कौन सी मजबूरी आ पड़ी. किसके इशारे पर कौन से खास व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए हजारों आदिवासियों के साथ छल, धोखा और अन्याय किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, क्षेत्र के आदिवासी सोनगढ़ में बांध का स्थान न बदलने के लिए पिछले 23 फरवरी से लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

औपचारिकताएं पूरी, फिर क्यों बदला जा रहा निर्माण स्थल
अजयसिंह ने कहा कि जब एक बार गोपद नदी पर बनने वाले बांध की जगह कुसमी के जालपानी में तय हो गई है तो इसे बदलने की क्या मजबूरी और औचित्य है? वैसे भी यहां बांध निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. ठेकेदार को तीन सौ करोड़ एडवांस भी दिया जा चुका है, इसमें से दौ सौ करोड़ खर्च भी हो चुके हैं. जंगल की कटाई कर लकड़ी वन विभाग को सौंप दी गई है, वन और पर्यावरण की स्वीकृति भी अंतिम चरण में है. फिर निर्माण स्थल बदलकर अचानक चमारीडोल क्यों कर दिया गया है?

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डूब गांव की पंचायतों से नहीं ली गई सहमति
अजयसिंह सिंह ने कहा कि, नयी प्रस्तावित जगह पर आदिवासी ब्लाक कुसमी के छरू ग्राम पंचायत के 33 आदिवासी गांव डूब में आएंगे, हजारों आदिवासी परिवार विस्थापित होंगे. बांध की लंबाई और लागत दो गुनी हो जाएगी. डूब के गावों की पंचायतों से सहमति भी नहीं ली गई है, साथ ही यहां के आदिवासियों की मांग है कि, चमारीडोल की जगह पूर्व में प्रस्तावित जालपानी में ही बांध बनाया जाए. इस मांग को लेकर आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं. आरोप है कि, ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की गरज से बांध स्थल बदला जा रहा है. उनका यह भी आरोप है कि, जालपानी के कोल ब्लाक पर एक उद्योगपति की नजर लगी है जिसे शिवराजसिंह की शह प्राप्त है.

बांध स्थल ना बदले जाने की सीएम से मांग
अजयसिंह ने कहा कि, पूर्व प्रस्तावित बांध स्थल से संजय टाइगर रिजर्व दस किलोमीटर दूर है, यहां वन और कृषि भूमि प्रभावित नहीं होगी. निर्माण कार्य भी प्रारम्भ हो गया था जिसे रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि, चमारीडोल के लिए ही प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिली थी, इसलिए मेरा शिवराजसिंह से व्यक्तिगत आग्रह है कि तय बांध स्थल कतई न बदला जाए, यह निर्णय अव्यवहारिक होगा.

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