भोपाल। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा द्वारा चलाए जा रहे लड़की हूं लड़ सकती हूं (ladki hun lad sakti hun) अभियान की सफलता को देखते हुए मध्य प्रदेश में भी इस अभियान की शुरूआत (congress campaign in mp)की गई है. 2023 में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस अभियान के तहत महिला कांग्रेस प्रदेश भर में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग करेगी. पार्टी की तरफ से इस अभियान को विकासखंड और मतदान केन्द्र तक संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं.
सरकार की सद्बुद्धि के लिए कांग्रेस ने की प्रार्थना
मकर संक्रांति से MP में कांग्रेस ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन शुरू किया. महिला कांग्रेस ने जोरशोर से इस कैंपेन की शुरूआत की.हालाकि अभी साफ नहीं हुआ है कि यूपी में जिस तरह प्रियंका गांधी हैं उस तरह मध्य प्रदेश में इस अभियान का मुख्य चेहरा कौन होगा. पारंपरिक तरीके से कांग्रेस कार्यालय में तिल, गुड़ के लड्डू बांटकर हनुमान चालीसा का पाठ कर अभियान की शुरूआत की गई. आयोजन के साथ ही कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश की वह साफ्ट हिंदुत्व और महिलाओं पर फोकस करने के एजेंडे के साथ आगे बढ़ेगी.
बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य
'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान को लेकर कांग्रेस ने ब्लॉक स्तर तक जाने की रणनीति तैयार की है. मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष अर्चना जायसवाल के मुताबिक इस अभियान की शुरुआत प्रदेश के सभी जिलों स्तर पर एक साथ की गई है. इसके 1 महीने बाद ब्लॉक स्तर और इसके बाद मंडल स्तर तक इस अभियान को लेकर जाया जाएगा.अभियान के तहत महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता तमाम जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचेंगी. इस दौरान महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा.अर्चना जायसवाल के मुताबिक अगले 1 साल में इस अभियान के तहत बड़ी संख्या में महिलाओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रदेश में 2.58 करोड़ महिला मतदाताओं पर कांग्रेस की नज़र
मध्यप्रदेश में आगामी 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. महिला कांग्रेस इस अभियान के जरिए महिलाओं के बीच पार्टी की पकड़ को मजबूत करने की कोशिश कर रही है.
- प्रदेश में 5 करोड़ 36 लाख 17 हजार 266 मतदाता हैं.
- इसमें से महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 58 लाख 26 हजार 293 हैं.
- खास बात है कि प्रदेश में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पहले से बढ़ा है.
- साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 74.85 फीसदी मतदान हुआ, इसमें महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत 73.83 रहा.
- महिला कांग्रेस की कोशिश इन्ही महिला मतदाताओं के बीच पार्टी की मजबूत पकड़ बनाने की है.
-प्रदेश में मौजूदा महिला विधायकों की संख्या 21 है. इसमें बीजेपी 14 और कांग्रेस की 6 और बीएसपी से 1 महिला विधायक है. मौजूदा सरकार में 4 महिला मंत्री भी हैं. सियासत में महिलाओं की यही भागीदारी कांग्रेस को भी भा रही है. इसलिए उसका सारा फोकस प्रदेश में आधी आबादी के वोट बैंक को पार्टी से जोड़ने पर है.
महिला और बाल अपराध में अव्वल है मध्य प्रदेश
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के महिला और बाल अपराध के आंकड़े डराने और शर्मसार करने वाले हैं. महिला, बाल और आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में साल 2020 में मध्यप्रदेश पहले पायदान पर है. NCRB के डाटा के मुताबिक-
- साल 2019 के मुताबिक साल 2020 में प्रदेश में आदिवासियों के उत्पीडन के मामले में 20 फीसदी की बढोत्तरी हुई है.
- साल 2020 में हर रोज करीब 46 बच्चे, हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के शिकार हुए हैं.
- ये आंकड़े तब हैं जब साल 2019 की तुलना में 2020 में अपराधों में कुछ कमी आई है.
- प्रदेश में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध की दर 59.1 फीसदी है. साल 2019 में 19 हजार 28 बाल अपराध से जुड़े मामले प्रदेश में दर्ज हुए थे.
2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में आई कमी
- महिला अपराध के मामलों में भी 2020 में कमी आई है.
-महिला अपराध के मामले में मध्यप्रदेश देश में पांचवे स्थान पर है.
- 2020 में एमपी में महिलाओं पर अत्याचार के 25 हजार 640 मामले दर्ज हुए थे.
- साल 2020 में बलात्कार के 2339 मामले दर्ज हुए, यानी हर रोज करीब 6 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना हुई.
- उधर मध्यप्रदेश पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक 2020 की अपेक्षा इस साल दहेज प्रताडना, छेड़खानी, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसे मामलों में 5 से लेकर 9 फीसदी तक की बढोत्तरी हुई है.