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शिवराज अपने कार्यकाल में इतने संवेदनशील होते, तो अब तक पीड़ितों को न्याय मिल गया होताः कांग्रेस - एमपी न्यूज

पुलिस कस्टडी में शिवम मिश्रा की मौत के मामले में शिवराज सिंह के विरोध-प्रदर्शन पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि अगर शिवराज ने अपने कार्यकाल में इतनी सक्रियता और संवेदनशीलता दिखाई होती, तो उस समय के पीड़ित परिवार आज न्याय के लिए नहीं भटक रहे होते.

कांग्रेस कार्यालय
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Published : Jun 21, 2019, 9:10 PM IST

भोपाल। पुलिस कस्टडी में हुई शिवम मिश्रा की मौत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सड़क पर उतर आए हैं. शुक्रवार को उन्होंने शिवम मिश्रा के परिवार के साथ धरना दिया और राज्यपाल से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की. इस विरोध-प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि अगर शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में इतनी सक्रियता और संवेदनशीलता दिखाई होती, तो उस समय के पीड़ित परिवार आज न्याय के लिए नहीं भटक रहे होते.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि भोपाल के बैरागढ़ में शिवम मिश्रा की हुई मौत की घटना बेहद दुखद है. मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद इस घटना की न्यायिक जांच की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन बड़ा अफसोस है कि पार्टी द्वारा प्रदेश बदर किए गए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस घटना को राजनीति का विषय बना रहे हैं और ओछी राजनीति कर रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक है.

शिवराज के धरने पर कांग्रेस का निशाना
सिर्फ राजनीति कर रहे शिवराज सिंहः नरेंद्र सलूजाकांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि यदि शिवराज सिंह इतनी सक्रियता और संवेदनशीलता अपने कार्यकाल में दिखाते, तो इतनी वारदातें नहीं होतीं. शिवराज सिंह को भोपाल की तरह गोटेगांव और हरदा जाकर भी धरना देना चाहिए, जहां भाजपा के केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व मंत्री जालम पटेल के बेटों और हरदा में बीजेपी विधायक कमल पटेल की गुंडागर्दी के कारण लोग त्रस्त हैं.नरेंद्र सलूजा ने कहा कि इन घटनाओं के लिये भी शिवराज सिंह को धरना देना चाहिये. अच्छा होता कि वे आज राज्यपाल से मुलाकात में भोपाल के साथ-साथ गोटेगांव और हरदा में भाजपा नेताओं के पुत्रों की गुंडागर्दी और उनके क्षेत्र में कानून व्यवस्था को निरंतर दी जा रही चुनौती पर भी चर्चा करते. इससे उनकी अपराध, अपराधियों और कानून-व्यवस्था के प्रति चिंता समझ में आती, लेकिन सिर्फ भोपाल की घटना को उठाना यह बताता है कि वह इस पर राजनीति कर रहे हैं.

भोपाल। पुलिस कस्टडी में हुई शिवम मिश्रा की मौत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सड़क पर उतर आए हैं. शुक्रवार को उन्होंने शिवम मिश्रा के परिवार के साथ धरना दिया और राज्यपाल से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की. इस विरोध-प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि अगर शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में इतनी सक्रियता और संवेदनशीलता दिखाई होती, तो उस समय के पीड़ित परिवार आज न्याय के लिए नहीं भटक रहे होते.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि भोपाल के बैरागढ़ में शिवम मिश्रा की हुई मौत की घटना बेहद दुखद है. मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद इस घटना की न्यायिक जांच की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन बड़ा अफसोस है कि पार्टी द्वारा प्रदेश बदर किए गए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस घटना को राजनीति का विषय बना रहे हैं और ओछी राजनीति कर रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक है.

शिवराज के धरने पर कांग्रेस का निशाना
सिर्फ राजनीति कर रहे शिवराज सिंहः नरेंद्र सलूजाकांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि यदि शिवराज सिंह इतनी सक्रियता और संवेदनशीलता अपने कार्यकाल में दिखाते, तो इतनी वारदातें नहीं होतीं. शिवराज सिंह को भोपाल की तरह गोटेगांव और हरदा जाकर भी धरना देना चाहिए, जहां भाजपा के केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व मंत्री जालम पटेल के बेटों और हरदा में बीजेपी विधायक कमल पटेल की गुंडागर्दी के कारण लोग त्रस्त हैं.नरेंद्र सलूजा ने कहा कि इन घटनाओं के लिये भी शिवराज सिंह को धरना देना चाहिये. अच्छा होता कि वे आज राज्यपाल से मुलाकात में भोपाल के साथ-साथ गोटेगांव और हरदा में भाजपा नेताओं के पुत्रों की गुंडागर्दी और उनके क्षेत्र में कानून व्यवस्था को निरंतर दी जा रही चुनौती पर भी चर्चा करते. इससे उनकी अपराध, अपराधियों और कानून-व्यवस्था के प्रति चिंता समझ में आती, लेकिन सिर्फ भोपाल की घटना को उठाना यह बताता है कि वह इस पर राजनीति कर रहे हैं.
Intro:भोपाल। पुलिस अभिरक्षा के दौरान मौत का शिकार हुए शिवम मिश्रा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सड़क पर उतर आए हैं।आज उन्होंने शिवम मिश्रा के परिवार के साथ धरना दिया और राज्यपाल से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। उनकी इस विरोध प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि अगर शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में इतनी सक्रियता और संवेदनशीलता दिखाते, तो उस समय के पीड़ित परिवार आज न्याय के लिए नहीं भटक रहे होते।शिवराज सिंह को भोपाल की तरह गोटेगांव और हरदा जाकर भी भाजपा नेताओं के पुत्रों के खिलाफ भी धरना देना चाहिए और राज्यपाल से भी चर्चा करना चाहिए।


Body:मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि भोपाल के बैरागढ़ में शिवम मिश्रा की हुई मौत की घटना बेहद दुखद है। मुख्यमंत्री कमलनाथ स्वयं इस घटना की न्यायिक जांच की घोषणा कर चुके हैं। कह चुके हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, परिवार को न्याय मिलेगा। लेकिन बड़ा अफसोस है कि पार्टी द्वारा प्रदेश बदर किए गए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस घटना को राजनीति का विषय बना रहे हैं और ओछी राजनीति कर रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक है।

सलूजा का कहना है कि काश शिवराज सिंह जितनी सक्रियता और संवेदनशीलता और समय दिखाते जब उनकी सरकार में इस तरह की घटनाएं प्रतिदिन घटित होती थी। शिवराज सिंह को भोपाल की तरह है गोटेगांव और हरदा जाकर भी धरना देना चाहिए। जहां भाजपा के केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और शिवराज सरकार केपूर्व मंत्री जालम पटेल के पुत्रों की गुंडागर्दी के कारण लोग त्रस्त हैं। हाल ही में उन्होंने किस तरह खुलेआम गोलियां चलाकर 7 लोगों को घायल किया है। शिवराज सिंह को खड़े होकर करना वहां भी उनके आतंक के खिलाफ धरना देना चाहिए। साथ ही हरदा के भाजपा विधायक कमल पटेल के पुत्र की गुंडागर्दी के खिलाफ हरदा जाकर धरना करना चाहिए। अच्छा होता कि वे आज राज्यपाल से मुलाकात में भोपाल के साथ-साथ गोटेगांव और हरदा में भाजपा नेताओं के पुत्रों की गुंडागर्दी और उनके क्षेत्र में कानून व्यवस्था को निरंतर दी जा रही चुनौती पर भी चर्चा करते। तो इससे उनकी अपराध, अपराधियों के प्रति व कानून व्यवस्था के प्रति चिंता समझ में आती। लेकिन सिर्फ भोपाल की घटना को उठाना यह बताता है कि वह इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं।


Conclusion:नरेंद्र सलूजा शिवराज सिंह की मनोदशा भली-भांति समझती है। जिस प्रकार उन्हीं की पार्टी द्वारा उन्हें दूर किया जा रहा है। कोई जवाबदारी नहीं दी जा रही है। अपने आप को प्रदेश की राजनीति में जिंदा रखने के लिए इस तरह की सक्रियता दिखा रहे हैं। आज उन्हें बेटी बचाओ अभियान ध्यान आ रहा है। लेकिन जब उनकी सरकार थी।तब बहिन बेटियों सबसे ज्यादा असुरक्षित थी,तब तो उन्हें सुरक्षा व सम्मान देने में नाकाम साबित हुए और आज विपक्ष में बैठकर उनकी चिंता सता रही है। लेकिन प्रदेश की जनता सब जानती है कि शिवराज में कानून व्यवस्था में प्रदेश की क्या स्थिति थी। किस प्रकार मासूम बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटना घटी थी। इस प्रकार कानून-व्यवस्था को अपराधियों द्वारा प्रतिदिन चुनौती दी जाती थी। किस प्रकार प्रदेश दुष्कर्म व अपराध में देश में अव्वल नंबर था। उस समय शिवराज बहन बेटियों को सुरक्षा देने की बजाय खुद के अभिनंदन में व्यस्त थे।उनके राज में बहन बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित थी और आज एक घटना को निश्चित तौर पर बेहद दुखद है और वो राजनीति का विषय बना रहे हैं।
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