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सरकार की मनमर्जी का खामियाजा भुगत रही है जनता ? राज्य टैक्स कम करे तो घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम - राज्य टैक्स कम करे तो घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

पेट्रोल और डीजल, दोनों ही उत्पाद सरकार की आय का मुख्य स्रोत भी हैं, लेकिन आम आदमी और पेट्रोल पंप ऑनर्स और डीलर्स एसोसिएशन सहित मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी का ऐसा मानना है कि केंद्र और राज्य की सरकार यदि टैक्स का बोझ कर करें तो महंगाई की चक्की में पिस रही जनता को कुछ राहत जरूर मिल सकती है.

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सरकार की मनमर्जी का खामियाजा भुगत रही है जनता
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Published : Oct 22, 2021, 9:24 PM IST

भोपाल। क्या पेट्रोल-डीजल के बढ़ी हुई कीमत सरकारों की मनमर्जी का नतीजा है? क्या सरकार बढ़ा हुआ टैक्स घटाकर इनके दाम कम कर सकती है? क्या सरकार ऐसा करेगी ? जैसा की आप जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल की महंगाई के पीछे केंद्र व राज्य सरकार सरकारों के टैक्स सबसे बड़ी वजह हैं. यह दोनों ही उत्पाद सरकार की आय का मुख्य स्रोत भी हैं, लेकिन आम आदमी और पेट्रोल पंप ऑनर्स और डीलर्स एसोसिएशन सहित मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी का ऐसा मानना है कि केंद्र के बजाए राज्य सरकार यदि टैक्स का बोझ कुछ कम करें तो महंगाई की चक्की में पिस रही जनता को कुछ राहत जरूर मिल सकती है.

2014 के बाद लगातार बढ़ा टैक्स का बोझ

जानकारों का कहना है कि टैक्स कम करने की गुंजाइश राज्य सरकारों के पास ज्यादा है. ऐसा करने से उनके खजाने पर बहुत ज्यादा बोझ नहीं पढ़ेगा. ऐसे में राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीजल पर राज्य में लगने वाले टैक्स कम करके जनता को कुछ राहत देनी चाहिए. मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन के मुताबिक

- 2014 में केंद्र सरकार ₹17 प्रति लीटर डीजल पर टैक्स वसूलती थी, वहीं पेट्रोल पर ₹19 प्रति लीटर टैक्स वसूला जाता था.

- आज केंद्र सरकार पेट्रोल पर ₹33 और डीजल पर ₹31 टैक्स वसूल रही है.

- इसी तरह राज्य सरकार भी डीजल पर 23 प्रतिशत और और पेट्रोल पर 32% टैक्स वसूलती थी.

- राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 4.50 रुपए और डीजल पर 2.50 रुपए अतिरिक्त सेस बढ़ा दिया.

- इसके बाद एमपी में पेट्रोल पर 43 रुपए और डीजल पर ₹30 टैक्स के रूप में ही वसूले जा रहे हैं.

- मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि केंद्र की बजाय राज्य सरकारों के पास टैक्स कम करने की गुंजाइश ज्यादा है. यदि वे टैक्स घटा कर पेट्रोल -डीजल के रेट 4 से ₹5 कम कर देंगे तो उनकी सेहत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.



जिम्मेदारी से बच रही भाजपा सरकार
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि 1 साल में पेट्रोल और डीजल पर 22 से ₹27 बढ़ाए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी उस दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम थी जबकि क्रूड ऑयल की कीमत ज्यादा थी. सूलजा ने आरोप लगाया कि अब जबकि क्रूड आयल के रेट कम है, इसके बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पेट्रोल और डीजल महंगे होने पर भाजपा के नेता साइकिल और बैलगाड़ी यात्रा निकालकर प्रदर्शन करते थे और कांग्रेस सरकार को कोसते थे, लेकिन अब कीमतें इतनी बढ़ गई हैं तो बेतुके और बचकाने बयान देते हैं. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के नेता और सरकार जिम्मेदारी से भागने वाले लोग हैं.

पेट्रोल-डीजल के अल्टरनेट पर काम शुरू- वीडी शर्मा

आपको बता दें कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों और टैक्स को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल के अल्टरनेट पर काम शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का विकल्प दिया है और इस दिशा में एथेनॉल के रूप में अल्टरनेट देकर काम शुरू कर दिया गया है.

पेट्रोल-डीजल की महंगाई का असर दूसरी जरूरी चीजों पर भी दिखाई देने लगा है. 115 के पार पहुंचे पेट्रोल और 105 पर पहुंचे डीजल की कीमतें आए दिन नए रिकॉर्ड बना रही हैं. गुरूवार को भी डीजल के दाम 33 से 37 पैसे तो पेट्रोल के दाम 31 से 35 पैसे बढे हैं. कई राज्यों में डीजल ₹100 से ऊपर पहुंच गया हैं. राजधानी भोपाल में पेट्रोल ₹115.50 प्रति लीटर मिल रहा है वहीं डीजल की कीमत भी बढ़कर 104.86 रुपए प्रति लीटर हो गई है, जो त्योहारों के मौसम में आम आदमी की कमर तोड़ रही है.

भोपाल। क्या पेट्रोल-डीजल के बढ़ी हुई कीमत सरकारों की मनमर्जी का नतीजा है? क्या सरकार बढ़ा हुआ टैक्स घटाकर इनके दाम कम कर सकती है? क्या सरकार ऐसा करेगी ? जैसा की आप जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल की महंगाई के पीछे केंद्र व राज्य सरकार सरकारों के टैक्स सबसे बड़ी वजह हैं. यह दोनों ही उत्पाद सरकार की आय का मुख्य स्रोत भी हैं, लेकिन आम आदमी और पेट्रोल पंप ऑनर्स और डीलर्स एसोसिएशन सहित मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी का ऐसा मानना है कि केंद्र के बजाए राज्य सरकार यदि टैक्स का बोझ कुछ कम करें तो महंगाई की चक्की में पिस रही जनता को कुछ राहत जरूर मिल सकती है.

2014 के बाद लगातार बढ़ा टैक्स का बोझ

जानकारों का कहना है कि टैक्स कम करने की गुंजाइश राज्य सरकारों के पास ज्यादा है. ऐसा करने से उनके खजाने पर बहुत ज्यादा बोझ नहीं पढ़ेगा. ऐसे में राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीजल पर राज्य में लगने वाले टैक्स कम करके जनता को कुछ राहत देनी चाहिए. मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन के मुताबिक

- 2014 में केंद्र सरकार ₹17 प्रति लीटर डीजल पर टैक्स वसूलती थी, वहीं पेट्रोल पर ₹19 प्रति लीटर टैक्स वसूला जाता था.

- आज केंद्र सरकार पेट्रोल पर ₹33 और डीजल पर ₹31 टैक्स वसूल रही है.

- इसी तरह राज्य सरकार भी डीजल पर 23 प्रतिशत और और पेट्रोल पर 32% टैक्स वसूलती थी.

- राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 4.50 रुपए और डीजल पर 2.50 रुपए अतिरिक्त सेस बढ़ा दिया.

- इसके बाद एमपी में पेट्रोल पर 43 रुपए और डीजल पर ₹30 टैक्स के रूप में ही वसूले जा रहे हैं.

- मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि केंद्र की बजाय राज्य सरकारों के पास टैक्स कम करने की गुंजाइश ज्यादा है. यदि वे टैक्स घटा कर पेट्रोल -डीजल के रेट 4 से ₹5 कम कर देंगे तो उनकी सेहत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.



जिम्मेदारी से बच रही भाजपा सरकार
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि 1 साल में पेट्रोल और डीजल पर 22 से ₹27 बढ़ाए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी उस दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम थी जबकि क्रूड ऑयल की कीमत ज्यादा थी. सूलजा ने आरोप लगाया कि अब जबकि क्रूड आयल के रेट कम है, इसके बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पेट्रोल और डीजल महंगे होने पर भाजपा के नेता साइकिल और बैलगाड़ी यात्रा निकालकर प्रदर्शन करते थे और कांग्रेस सरकार को कोसते थे, लेकिन अब कीमतें इतनी बढ़ गई हैं तो बेतुके और बचकाने बयान देते हैं. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के नेता और सरकार जिम्मेदारी से भागने वाले लोग हैं.

पेट्रोल-डीजल के अल्टरनेट पर काम शुरू- वीडी शर्मा

आपको बता दें कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों और टैक्स को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल के अल्टरनेट पर काम शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का विकल्प दिया है और इस दिशा में एथेनॉल के रूप में अल्टरनेट देकर काम शुरू कर दिया गया है.

पेट्रोल-डीजल की महंगाई का असर दूसरी जरूरी चीजों पर भी दिखाई देने लगा है. 115 के पार पहुंचे पेट्रोल और 105 पर पहुंचे डीजल की कीमतें आए दिन नए रिकॉर्ड बना रही हैं. गुरूवार को भी डीजल के दाम 33 से 37 पैसे तो पेट्रोल के दाम 31 से 35 पैसे बढे हैं. कई राज्यों में डीजल ₹100 से ऊपर पहुंच गया हैं. राजधानी भोपाल में पेट्रोल ₹115.50 प्रति लीटर मिल रहा है वहीं डीजल की कीमत भी बढ़कर 104.86 रुपए प्रति लीटर हो गई है, जो त्योहारों के मौसम में आम आदमी की कमर तोड़ रही है.

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