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मसीहा कौन? कमलनाथ की 'आदिवासी अधिकार यात्रा' की शिवराज के पास क्या है काट, 2023 में ये है सत्ता की चाबी - मध्य प्रदेश में आदिवासी वोट बैंक पर किसकी पकड़

एमपी (MP) में आदिवासी वोटबैंक (Adivasi Vote Bank) को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस( BJP-Cong) में होड़ सी लग गई है. भाजपा 17 सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की मौजदूगी में जबलपुर (Jabalpur) में एक बड़ा आयोजन कर आदिवासी वोटरों को रिझाने में जुटी हुई है. कांग्रेस ने आदिवासी बाहुल्य जिले बड़वानी से ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’(Adivasi Adhikar Yayta) शुरु कर इस बड़े वोट बैंक को साधने के लिए अपना मास्टर स्ट्रोक चल दिया है.

adivasi vote bank
आदिवासियों का मसीहा कौन ?
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Published : Sep 7, 2021, 1:28 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 9:20 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Assembly Election 2023 ) होने हैं. हालांकि चुनाव में करीब 2 साल बाकी हैं. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सियासी मोहरे अभी से बैठाने शुरु कर दिए हैं. कांग्रेस को पिछले चुनाव में हाथ आई सत्ता छिन जाने की टीस है. तो बीजेपी को भी डर है कि इस बार भी बहुमत नहीं मिला तो क्या होगा. इस बार कांग्रेस ने आदिवासियों (Adivasi Vote Bank) को लुभाने के लिए बड़ा प्लान बनाया है. वैसे तो आदिवासी कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता रहा है. लेकिन इस बार बीजेपी भी इस पर अपना दावा ठोक रही है. यानि इस बार असली बड़ी लड़ाई आदिवासी वोटों (Adivasi Vote Bank) को लेकर होनी है.

क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोटर ?

प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 40 से ज्यादा सीटें आदिवासियों (Adivasi Vote Bank) के लिए रिजर्व हैं. इसके बाद सामान्य वर्ग की करीब 30 सीटें ऐसी हैं जहां आदिवासी वोट किसी को भी जिता सकता है. आदिवासी वोट बैंक परंपरागत रूप से कांग्रेस का माना जाता रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों से बीजेपी इसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 47 आदिवासी सीटों में से 30 सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी को 16 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.

आदिवासियों का मसीहा कौन ?

आदिवासी अधिकार यात्रा बहाना, विधानसभा चुनाव 2023 पर निशाना

चुनाव (Vidhan Sabha Assembly Election 2023 ) की आहट के बीच पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस, आदिवासी वोटरों (Adivasi Vote Bank) को रिझाने के लिए हाथ पैर मारने लगी है. अगस्त में डेढ़ दिन चले विधानसभा सत्र के दौरान भी विश्व आदिवासी दिवस के मुद्दे को कांग्रेस ने जमकर विधानसभा में उठाया. 6 सितंबर से बड़वानी में कांग्रेस ने आदिवासी अधिकार यात्रा (Adivasi Adhikar Yayta) की भी शुरुआत की. इसके बहाने कांग्रेस बड़वानी और उससे लगे आधा दर्जन से ज्यादा जिलों को अपनी ओर करने की कोशिश में लगी हुई है.

यशपाल सिंह सिसोदिया, भाजपा प्रवक्ता

कमलनाथ ने शिवराज सिंह को बताया एक्टर

बड़वानी में ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’ (Adivasi Adhikar Yayta) में पूर्व सीएम कमलनाथ ने खुद को और कांग्रेस पार्टी को आदिवासियों का सबसे बड़ा हितैषी बताया. उन्होंने दावा किय वे खुद आदिवासी बाहुल्य जिले छिंदवाड़ा से आते हैं. उनकी 15 महीने की सरकार ने आदिवासियों के हित में कई काम किए. इस दौरान कमलनाथ (kamal Nath) ने सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) पर करारा हमला बोला. आम सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने वर्तमान सीएम को सबसे बड़ा एक्टर बताया. कमलनाथ ने सीएम शिवराज को अपना नाम बदलने की भी नसीहत दे डाली.

आदिवासियों को कैसे लुभाएगी शिवराज सरकार ?

दूसरी ओर बीजेपी, कमलनाथ (Kamal Nath) और कांग्रेस (Congress) की इस यात्रा का काट निकालने में लगी है. बीजेपी भी आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) को साधने के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर रही है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) 18 सितंबर को आदिवासी गोंडवाना के राजा शहीद शंकर शाह और उनके बेटे रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जबलपुर आ रहे है।. भाजपा इस बड़े कार्यक्रम के जरिए गोंड वोटों के साथ-साथ पूरे आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) पर अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाह रही है. भाजपा ने कांग्रेस की आदिवासी अधिकार यात्रा (Adivasi Adhikar Yayta) को धोखा यात्रा करार दिया है.

कैसे बनें आदिवासियों का मसीहा ?

कमलनाथ आदिवासी अधिकार यात्रा(Adivasi Adhikar Yayta) निकाल रहे है तो सी एम शिवराज सिंह(Cm Shiv Raj Singh) ने भी आदिवासी वर्ग को खुश करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है . हाल ही में सीएम हाउस पर जनजाति की पंचायत बुलाई गई. यहां शिवराज सिंह ने मास्टर स्ट्रोक (Master Stroke) मारने की कोशिश की. सीएम ने आदिवासियो के लिए एक लाख नोकरियां निकालने का ऐलान किया. इस पंचायत में 51 जनजातियों को बुलाया गया था. सीएम ने घोषणा की कि 31 अगस्त को जनजातियों के विमुक्ति दिवस (Vimukti Diwas) के रूप में मनाया जाएगा. सीएम शिवराज ने 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाने की भी घोषणा की. साथ ही इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया.

आदिवासियों के लिए वादों की बारिश

  • मैं शिवराज सिंह चौहान को कहता हूं कि आप अपना नाम शिवराज सलमान रख लें, आप एक्टिंग बहुत अच्छी कर लेते हैं। आप जनता के सामने एक्टिंग करते हैं और जनता को गुमराह करते हैं: बड़वानी में कमलनाथ, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता pic.twitter.com/I7L09CQmsZ

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) September 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिवराज सिंह (Cm Shiv Raj Singh Chouhan) ने आदिवासी कल्याण के लिए कई योजनाओं का भी ऐलान किया. बीजेपी 5 आदिवासी जिलों में घर घर अपने कार्यकर्ताओं को भेजेगी. आदिवासी युवाओं (Adivasi Vote Bank) के लिए स्वरोजगार कोर्स शुरु किए जाएंगे. सूदखोरों के चंगुल से निकालने और ऋणमुक्ति अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक वनों के प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभा को देने की घोषणा भी की जाएगी. सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष के पद पर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की नियुक्ति का प्रावधान करने की तैयारी है. जनजातियों में कुपोषण को दूर करने के लिए कार्यक्रम शुरु किए जाएंगे. जनजातीय वस्तुओं की मार्केटिंग के लिए मदद दी जाएगी.

आदिवासियों के नाम पर, कांग्रेस-बीजेपी काम पर!

बीजेपी किसी भी हालत में आदिवासियों के वोट (Adivasi Vote Bank) चाहती है. कमलनाथ की आदिवासी अधिकार यात्रा (Adivasi Adhikar Yayta) से बीजेपी में भी बेचैनी है. इसकी काट के लिए बीजेपी सरकार और संगठन दोनों स्तर पर हमला कर रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कांग्रेस की आदिवासी अधिकार यात्रा को धोखा बताया है. उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि कमलनाथ बताएं इस सालों के कांग्रेस शासन में आदिवासी घास फूस के झोपड़े में क्यों जीवन बिताता रहा. शर्मा ने आरोप लगाया कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने आदिवासियों को गरीबी से जूझने के लिए मजबूर किया .मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ (Kamal Nath) को अलीराजपुर झाबुआ मंडला आदिवासी अंचल याद क्यों नहीं आए.

किसका 'हाथ' आएगा आदिवासी वोट बैंक ?

2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) भाजपा से छिटक कर कांग्रेस के साथ चला गया था और कांग्रेस ने 47 सीटों में से 30 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया था. अब 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) को साध कर सत्ता पर काबिज रहना चाहती है. तो कांग्रेस आदिवासी वोट बैंक के सहारे एक बार फिर 2018 का इतिहास दोहराने की कोशिश में लगी है.

भाजपा प्रवक्ता ने आदिवासी यात्रा को बताया धोखा यात्रा
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और विधायक यशपाल सिंह ने भी कांग्रेस की आदिवासियों के लिए निकली जा रही अधिकार यात्रा को धोखा यात्रा बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विरासत में अंग्रेजों की राजनीति मिली है. वो विदेशी ताकतों के जरिये वर्ग विभेद की लाइन खींचने का काम कर रहे हैं. जिस तरह अंग्रेजों ने कहा था कि फुट डालो और राज करो. उसी नीति पर कांग्रेस चल रही है. इसलिए मैं इसे धोखा यात्रा करार देता हूं. विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने आदिवासियों के लिए भाजपा सरकार द्वारा किये गए कामों का बखान करते हुए कांग्रेस पर आदिवासियों के इस्तेमाल का आरोप भी लगाया है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Assembly Election 2023 ) होने हैं. हालांकि चुनाव में करीब 2 साल बाकी हैं. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सियासी मोहरे अभी से बैठाने शुरु कर दिए हैं. कांग्रेस को पिछले चुनाव में हाथ आई सत्ता छिन जाने की टीस है. तो बीजेपी को भी डर है कि इस बार भी बहुमत नहीं मिला तो क्या होगा. इस बार कांग्रेस ने आदिवासियों (Adivasi Vote Bank) को लुभाने के लिए बड़ा प्लान बनाया है. वैसे तो आदिवासी कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता रहा है. लेकिन इस बार बीजेपी भी इस पर अपना दावा ठोक रही है. यानि इस बार असली बड़ी लड़ाई आदिवासी वोटों (Adivasi Vote Bank) को लेकर होनी है.

क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोटर ?

प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 40 से ज्यादा सीटें आदिवासियों (Adivasi Vote Bank) के लिए रिजर्व हैं. इसके बाद सामान्य वर्ग की करीब 30 सीटें ऐसी हैं जहां आदिवासी वोट किसी को भी जिता सकता है. आदिवासी वोट बैंक परंपरागत रूप से कांग्रेस का माना जाता रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों से बीजेपी इसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 47 आदिवासी सीटों में से 30 सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी को 16 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.

आदिवासियों का मसीहा कौन ?

आदिवासी अधिकार यात्रा बहाना, विधानसभा चुनाव 2023 पर निशाना

चुनाव (Vidhan Sabha Assembly Election 2023 ) की आहट के बीच पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस, आदिवासी वोटरों (Adivasi Vote Bank) को रिझाने के लिए हाथ पैर मारने लगी है. अगस्त में डेढ़ दिन चले विधानसभा सत्र के दौरान भी विश्व आदिवासी दिवस के मुद्दे को कांग्रेस ने जमकर विधानसभा में उठाया. 6 सितंबर से बड़वानी में कांग्रेस ने आदिवासी अधिकार यात्रा (Adivasi Adhikar Yayta) की भी शुरुआत की. इसके बहाने कांग्रेस बड़वानी और उससे लगे आधा दर्जन से ज्यादा जिलों को अपनी ओर करने की कोशिश में लगी हुई है.

यशपाल सिंह सिसोदिया, भाजपा प्रवक्ता

कमलनाथ ने शिवराज सिंह को बताया एक्टर

बड़वानी में ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’ (Adivasi Adhikar Yayta) में पूर्व सीएम कमलनाथ ने खुद को और कांग्रेस पार्टी को आदिवासियों का सबसे बड़ा हितैषी बताया. उन्होंने दावा किय वे खुद आदिवासी बाहुल्य जिले छिंदवाड़ा से आते हैं. उनकी 15 महीने की सरकार ने आदिवासियों के हित में कई काम किए. इस दौरान कमलनाथ (kamal Nath) ने सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) पर करारा हमला बोला. आम सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने वर्तमान सीएम को सबसे बड़ा एक्टर बताया. कमलनाथ ने सीएम शिवराज को अपना नाम बदलने की भी नसीहत दे डाली.

आदिवासियों को कैसे लुभाएगी शिवराज सरकार ?

दूसरी ओर बीजेपी, कमलनाथ (Kamal Nath) और कांग्रेस (Congress) की इस यात्रा का काट निकालने में लगी है. बीजेपी भी आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) को साधने के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर रही है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) 18 सितंबर को आदिवासी गोंडवाना के राजा शहीद शंकर शाह और उनके बेटे रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जबलपुर आ रहे है।. भाजपा इस बड़े कार्यक्रम के जरिए गोंड वोटों के साथ-साथ पूरे आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) पर अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाह रही है. भाजपा ने कांग्रेस की आदिवासी अधिकार यात्रा (Adivasi Adhikar Yayta) को धोखा यात्रा करार दिया है.

कैसे बनें आदिवासियों का मसीहा ?

कमलनाथ आदिवासी अधिकार यात्रा(Adivasi Adhikar Yayta) निकाल रहे है तो सी एम शिवराज सिंह(Cm Shiv Raj Singh) ने भी आदिवासी वर्ग को खुश करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है . हाल ही में सीएम हाउस पर जनजाति की पंचायत बुलाई गई. यहां शिवराज सिंह ने मास्टर स्ट्रोक (Master Stroke) मारने की कोशिश की. सीएम ने आदिवासियो के लिए एक लाख नोकरियां निकालने का ऐलान किया. इस पंचायत में 51 जनजातियों को बुलाया गया था. सीएम ने घोषणा की कि 31 अगस्त को जनजातियों के विमुक्ति दिवस (Vimukti Diwas) के रूप में मनाया जाएगा. सीएम शिवराज ने 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाने की भी घोषणा की. साथ ही इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया.

आदिवासियों के लिए वादों की बारिश

  • मैं शिवराज सिंह चौहान को कहता हूं कि आप अपना नाम शिवराज सलमान रख लें, आप एक्टिंग बहुत अच्छी कर लेते हैं। आप जनता के सामने एक्टिंग करते हैं और जनता को गुमराह करते हैं: बड़वानी में कमलनाथ, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता pic.twitter.com/I7L09CQmsZ

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) September 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शिवराज सिंह (Cm Shiv Raj Singh Chouhan) ने आदिवासी कल्याण के लिए कई योजनाओं का भी ऐलान किया. बीजेपी 5 आदिवासी जिलों में घर घर अपने कार्यकर्ताओं को भेजेगी. आदिवासी युवाओं (Adivasi Vote Bank) के लिए स्वरोजगार कोर्स शुरु किए जाएंगे. सूदखोरों के चंगुल से निकालने और ऋणमुक्ति अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक वनों के प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभा को देने की घोषणा भी की जाएगी. सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष के पद पर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की नियुक्ति का प्रावधान करने की तैयारी है. जनजातियों में कुपोषण को दूर करने के लिए कार्यक्रम शुरु किए जाएंगे. जनजातीय वस्तुओं की मार्केटिंग के लिए मदद दी जाएगी.

आदिवासियों के नाम पर, कांग्रेस-बीजेपी काम पर!

बीजेपी किसी भी हालत में आदिवासियों के वोट (Adivasi Vote Bank) चाहती है. कमलनाथ की आदिवासी अधिकार यात्रा (Adivasi Adhikar Yayta) से बीजेपी में भी बेचैनी है. इसकी काट के लिए बीजेपी सरकार और संगठन दोनों स्तर पर हमला कर रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कांग्रेस की आदिवासी अधिकार यात्रा को धोखा बताया है. उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि कमलनाथ बताएं इस सालों के कांग्रेस शासन में आदिवासी घास फूस के झोपड़े में क्यों जीवन बिताता रहा. शर्मा ने आरोप लगाया कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार ने आदिवासियों को गरीबी से जूझने के लिए मजबूर किया .मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ (Kamal Nath) को अलीराजपुर झाबुआ मंडला आदिवासी अंचल याद क्यों नहीं आए.

किसका 'हाथ' आएगा आदिवासी वोट बैंक ?

2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) भाजपा से छिटक कर कांग्रेस के साथ चला गया था और कांग्रेस ने 47 सीटों में से 30 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया था. अब 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा आदिवासी वोट बैंक (Adivasi Vote Bank) को साध कर सत्ता पर काबिज रहना चाहती है. तो कांग्रेस आदिवासी वोट बैंक के सहारे एक बार फिर 2018 का इतिहास दोहराने की कोशिश में लगी है.

भाजपा प्रवक्ता ने आदिवासी यात्रा को बताया धोखा यात्रा
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और विधायक यशपाल सिंह ने भी कांग्रेस की आदिवासियों के लिए निकली जा रही अधिकार यात्रा को धोखा यात्रा बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विरासत में अंग्रेजों की राजनीति मिली है. वो विदेशी ताकतों के जरिये वर्ग विभेद की लाइन खींचने का काम कर रहे हैं. जिस तरह अंग्रेजों ने कहा था कि फुट डालो और राज करो. उसी नीति पर कांग्रेस चल रही है. इसलिए मैं इसे धोखा यात्रा करार देता हूं. विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने आदिवासियों के लिए भाजपा सरकार द्वारा किये गए कामों का बखान करते हुए कांग्रेस पर आदिवासियों के इस्तेमाल का आरोप भी लगाया है.

Last Updated : Sep 18, 2021, 9:20 AM IST
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