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अमित शाह के जबलपुर दौरे पर सीएम का तंज, कहा- बेहतर होता गिरती अर्थव्यवस्था पर बोलते

भोपाल। जबलपुर में हुई अमित शाह की रैली पर सीएम कमलनाथ ने निशाना साधा है. सीएम कमलनाथ ने कहा कि जबलपुर में अमित शाह अगर गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने और रोजगार के अवसर सृजित करने पर बोलते तो अच्छा लगता. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

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अमित शाह के इतिहास के बारे में सब जानते हैं : शोभा ओझा
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Published : Jan 13, 2020, 4:02 PM IST

भोपाल। जबलपुर में हुई अमित शाह की रैली पर सीएम कमलनाथ ने निशाना साधा है. सीएम कमलनाथ ने कहा कि जबलपुर में अमित शाह अगर गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने और रोजगार के अवसर सृजित करने पर बोलते तो अच्छा लगता. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

अमित शाह के इतिहास के बारे में सब जानते हैं : शोभा ओझा

बता दें नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली करने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने कांग्रेस और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को आड़े हाथों लिया. अमित शाह ने कहा था कि कमलनाथ जोर-जोर से कहते हैं कि सीएए यहां लागू नहीं होगा. कमलनाथ जी जोर से बोलने की आयु नहीं है, आपका स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा. अगर इतना जोर बाकी है तो मध्य प्रदेश को ठीक करिए.


वहीं कांग्रेस कि मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि अमित शाह के इतिहास के बारे में सब जानते है. एक तड़ी पार व्यक्ति इससे ज्यादा और ऐसी भाषा के अलावा बोल भी क्या सकता है. साल भर में प्रदेश की दिशा और दशा दोनों बदली है. जिस तरह से अमित शाह ने जिस भाषा का उपयोग किया है वो निंदनीय हैं.

भोपाल। जबलपुर में हुई अमित शाह की रैली पर सीएम कमलनाथ ने निशाना साधा है. सीएम कमलनाथ ने कहा कि जबलपुर में अमित शाह अगर गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने और रोजगार के अवसर सृजित करने पर बोलते तो अच्छा लगता. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

अमित शाह के इतिहास के बारे में सब जानते हैं : शोभा ओझा

बता दें नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली करने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने कांग्रेस और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को आड़े हाथों लिया. अमित शाह ने कहा था कि कमलनाथ जोर-जोर से कहते हैं कि सीएए यहां लागू नहीं होगा. कमलनाथ जी जोर से बोलने की आयु नहीं है, आपका स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा. अगर इतना जोर बाकी है तो मध्य प्रदेश को ठीक करिए.


वहीं कांग्रेस कि मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि अमित शाह के इतिहास के बारे में सब जानते है. एक तड़ी पार व्यक्ति इससे ज्यादा और ऐसी भाषा के अलावा बोल भी क्या सकता है. साल भर में प्रदेश की दिशा और दशा दोनों बदली है. जिस तरह से अमित शाह ने जिस भाषा का उपयोग किया है वो निंदनीय हैं.

Intro:भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली करने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर पहुंचे थे। जहां उन्होंने कांग्रेस और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को आड़े हाथों लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सीएए के विरोध को लेकर तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ जोर-जोर से कहते हैं कि सीएए यहां लागू नहीं होगा।कमलनाथ जी जोर से बोलने की आयु नहीं है, आपका स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा। अगर इतना जोर बाकी है तो मध्य प्रदेश को ठीक करिए।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आज अपना बयान जारी करते हुए अमित शाह को कहा है कि जबलपुर में गृहमंत्री की अमर्यादित निराशा नजर आई है। बेहतर होता कि गृहमंत्री जो कठिन परिश्रम प्रति पक्षियों की आलोचना में कर रहे हैं। उतना ही कठिन परिश्रम गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने और रोजगार के अवसर सृजित करने में करते।


Body:मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कमलनाथ ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि जबलपुर मूर्धन्य महर्षि जावली,आचार्य रजनीश और महर्षि योगी की तपोभूमि है।जबलपुर की ख्याति उसके नागरिकों ने अपने संस्कारों से स्थापित की है।इसलिए भारत की आजादी के संत और सेनानी विनोबा भावे जी ने जबलपुर को देश के सर्वाधिक संस्कारवान लोगों की नगरी के रूप में रेखांकित करते हुए संस्कारधानी की उपमा प्रदान की थी।

कल भारत के गृहमंत्री देश की संस्कारधानी जबलपुर में अपना राजनैतिक उद्बोधन दे रहे थे। वे कांग्रेस के नेताओं को आंख के अंधे कान के बहरे कह रहे थे और कौवे की उपमा दे रहे थे। उनका उद्बोधन ना तो उनकी पद की गरिमा के अनुरूप था और ना ही संस्कारधानी के संस्कारों के अनुरूप।

संत कबीर ने कहा है" सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप"
देश के गृहमंत्री ने कल यह भी असत्य कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हिंदुओं, सिखों,जैन, क्रिश्चियन,बौद्ध और पारसी की नागरिकता के खिलाफ है।जबकि कांग्रेस ने कभी इस बात का विरोध नहीं किया है कि वह पड़ोसी देशों के धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए गए लोगों को नागरिकता दिए जाने का विरोध करती है. कांग्रेस की सरकार जब भी केंद्र में रही,तब हमने हमेशा बिना धर्म और जाति के विभेद के नागरिकता प्रदान की है। कांग्रेस ने हमेशा से कहा है कि ऐसा कोई कानून नहीं लाया जाना चाहिए, जो बाबासाहेब के संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ हो। जो देश के नागरिकों में धर्म, जाति और भाषा के आधार पर भेद पैदा करता हो।

आगे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि गृहमंत्री ने कल गेहूं खरीदी और किसानों के मुआवजे का भी जिक्र किया।देश के गृहमंत्री भली-भांति जानते हैं कि उनको जो मेमोरेंडम 6621 करोड़ का किसानों के मुआवजे का मैंने स्वयं सौंपा है। उसमें से उन्होंने सिर्फ एक हजार करोड़ रुपए दिए हैं।


Conclusion:आगे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा है कि गृहमंत्री यह भली-भांति जानते हैं कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को गेहूं पर प्रोत्साहन राशि दिए जाने का हवाला देकर केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी में कटौती कर दी है।

उन्होंने कहा कि खैर हम समझ सकते हैं कि राज्यों में मिल रही लगातार हार गृह मंत्री की इस अमर्यादित निराशा का कारण है। गृहमंत्री ने कल उम्र को लेकर भी कुछ बात कही है, तो मुझे एक किस्सा याद आता है। एक बार ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के 80 में जन्मदिन की पार्टी में एक फोटोग्राफर उनसे मिला, फोटोग्राफर ने चर्चिल को शुभकामना देते हुए कहा कि वह आशा करता है कि सौवें जन्मदिन पर भी उसे चर्चिल की फोटोग्राफ उतारने का मौका मिलेगा। चर्चिल ने तुरंत उसकी बात का जवाब देते हुए कहा कि नौजवान तुम तो अभी युवा हो और घबराओ मत 20 साल में तुम्हें कुछ नहीं होगा।

अंततः एक बेहतर होता गृहमंत्री जितना कठिन परिश्रम प्रति पक्षियों की आलोचना करने में कर रहे हैं। इतना कठिन परिश्रम गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने और रोजगार के अवसर सुरजीत करने में करते।


बाइट - शोभा ओझा - अध्यक्ष, मीडिया विभाग,मप्र कांग्रेस।
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