भोपाल। झाबुआ उपचुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो चुका है. ये उपचुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि झाबुआ के परिणाम के बाद सीएम कमलनाथ प्रदेश में सरकार गठन के बाद से खाली पड़े निगम मंडलों में नियुक्तियां कर सकते हैं. इसके अलावा बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार भी कर सकते हैं.
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि ये सब बहुप्रतीक्षित मामला है. झाबुआ उपचुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद सीएम कमलनाथ इन सभी कार्यों पर काम कर सकते हैं. मंत्रिमंडल के विस्तार पर उन्होंने कहा कि जो भी लंबित मामले हैं, राजनीतिक निर्णय हैं. झाबुआ उपचुनाव के बाद उन सभी मुद्दों पर मंथन शुरु होगा.
सरकार गठन के 10 महीने बाद भी खाली पड़े निगम मंडल के पद
प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनने के 10 महीने बाद भी अब तक निगम मंडलों में नियुक्तिया नहीं की जा सकी हैं. ये मामला लगातार टलता जा रहा है. कभी लोकसभा चुनाव के चलते तो कभी संगठन में बदलाव की कवायद के चलते. देखा जाए तो सीएम कमलनाथ ने अब तक केवल अपेक्स बैंक के प्रशासक के पद पर अशोक सिंह को नियुक्त किया है, जबकि हाल ही में मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ में भी नियुक्ति कर दी गई है. ऐसे में चर्चा है कि अब सारे पदों पर जल्द ही और नियुक्तिया कर दी जाएंगी.
मंत्रिमंडल का भी हो सकता है विस्तार
झाबुआ के परिणाम के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा भी जोर पकड़ रही है. हालांकि, मंत्रिमंडल विस्तार पूरी तरह से झाबुआ के चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा. अगर कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ये चुनाव जीतते हैं तो उनकी वरिष्ठता के चलते स्वाभाविक रूप से वह मंत्री पद के दावेदार होंगे. ऐसी स्थिति में पुराने दावेदारों की दावेदारी पर तो असर पड़ेगा ही, साथ ही सरकार के संतुलन के लिए मुख्यमंत्री को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि निर्दलीय विधायकों में सुरेंद्र सिंह शेरा लगातार सरकार पर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं, जबकि बदनावर विधायक राज्यवर्धन सिंह, लक्ष्मण सिंह और बिसाहू लाल सिंह जैसे नेता भी मंत्री पद के लिए दावेदारी जता रहे हैं.