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जीएसटी रिटर्न का मुश्किल पैटर्न, एमपी के कई कारोबारी नहीं भर पा रहे रिटर्न अब देनी होगी पेनेल्टी, रियल टाइम इनपुट क्रेडिट शो करने की मांग

जीएसटी रिटर्न के मुश्किल पैटर्न के चलते कारोबारी टैक्स फाइल नहीं कर (trouble getting returns to file GST) पाए हैं. 20 फरवरी की आखिरी तारीख भी निकल गई, लेकिन कारोबारी अभी तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाए. अब उन्हें लेट फीस के साथ रिटर्न भरना होगा.

business man-trouble getting GST
जीएसटी रिटर्न न भर पाने से कारोबारी परेशान
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Published : Feb 24, 2022, 10:17 PM IST

भोपाल। जीएसटी रिटर्न के मुश्किल पैटर्न के चलते कारोबारी टैक्स फाइल नहीं कर (trouble getting returns to file GST) पाए हैं. 20 फरवरी की आखिरी तारीख भी निकल गई, लेकिन कारोबारी अभी तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाए. अब उन्हें लेट फीस के साथ रिटर्न भरना होगा. जीएसटी रिटर्न फाइल करने में कारोबारियों की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं. जिसके चलते उन्हें पेनल्टी देनी पड़ रही है. यह पेनेल्टी 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लगेगी.

भोपाल के 600 से ज्यादा कारोबारी परेशान
राजधानी भोपाल और आसपास के जिलों के करीब 600 डीलर से ऐसे हैं जिन्होंने अपना मंथली जीएसटी आर-3 बी रिटर्न फाइल नहीं किया है. अब इन्हें ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस के रूप में भुगतान करना होगा. सभी कारोबारियों का टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक है और सभी जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं. वहीं जीएसटी के जानकारों ने इनकी परेशानी और बढ़ा दी है. उनका कहना है कि यदि डीलर ने जनवरी माह का रिटर्न फाइल नहीं किया तो वे अगले माह का रिटर्न भी नहीं भर पाएगा.

जीएसटी रिटर्न न भर पाने से कारोबारी परेशान
जीएसटी रिटर्न न भर पाने से कारोबारी परेशान
जिन लोगों के रजिस्ट्रेशन रद्द हुए उनमें अधिकतर कॉन्ट्रैक्टरजीएसटी फाइल करने में हो रही दिक्कतों पर मध्य प्रदेश टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के सचिव का कहना है कि पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते जीएसटी रिटर्न फाइल करने में काफी परेशानी आ रही है. उन्हें भी फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि रिटर्न फाइल नहीं करने के कारण जिन लोगों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं उनमें से अधिकतर कांट्रेक्टर हैंं. इन लोगों को पिछले 6 महीने से और साल भर से पेमेंट नहीं हुआ है. जिसके चलते वे समय पर जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं. अब उनको पेनल्टी के साथ रिटर्न फाइल करना होगा. कुछ तकनीकी समस्याएं भी परेशानी बढ़ा रही हैं. जैसे

- जीएसटी फाइलिंग में इनपुट टैक्स एलिजिबल दिखाई दे रहा है, लेकिन पोर्टल उसे अलाऊ नहीं कर रहा है.

- कई जगह सर्वर स्लो होने के कारण भी ट्रेडर्स को काफी परेशानी आ रही है.

- उनकी मांग है कि सरकार आईटीसी को फ्री फ्लो करे और टैक्स प्रैक्टिशनर के लिए इनपुट टैक्स फ्री फ्लो किया जाए.

- जीएसटी नियमों का सरलीकरण किया जाए और जो सप्लायर डिफाल्टर है उसको दंड दिया जाए, ना कि व्यापारी को.

रियल टाइम में दिखे इनपुट क्रेडिट

चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन के मुताबिक इसके लिए जरूरी है कि विक्रेता व्यापारी समय से अपना रिटर्न फाइल करें जिससे क्रेता व्यापारी को भी अपना रिटर्न फाइल करने में सहूलियत होगी. ऑनलाइन सिस्टम में सरकार को चाहिए कि बिलिंग सॉफ्टवेयर आईटीसी पर डायरेक्ट फ्लो कर दे ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट रियल टाइम में दिखने लगे. सीए राजेश जैन बताते हैं कि पहले प्रोबेशनली आईटीसी लेने के प्रावधान थे, लेकिन बाद में सरकार ने नियमों में सख्ती कर दी. सीए के मुताबिक जितना आईटीसी आपके gstr-2 b में दिख रहा है इतना ही आईटीसी ले सकेंगे. ऐसे में यदि विक्रेता व्यापारी द्वारा जीएसटी रिटर्न नहीं भरा जा रहा है तो क्रेता व्यापारी को भी जीएसटी रिटर्न फाइल करने में परेशानी होगी. इन हालातों में व्यापारी को इस बात का इंतजार करना होता है कि उसे विक्रेता व्यापारी द्वारा भरा गया रिटर्न दिखाई दे.

क्या होता है GSTR 3b रिटर्न
जीएसटीआर 3b एक मासिक टैक्स रिटर्न फॉर्म है जिसे जीएसटी पोर्टल का उपयोग करके हुए फाइल किया जाता है. जीएसटीआर 3b को फाइल करने की प्रक्रिया में रिटर्न डैशबोर्ड से उपयुक्त वित्तीय वर्ष और अवधि का सिलेक्शन करना, ऑटोपायलट डाटा में बदलाव करना, रिव्यू करना और आखिर में इन बदलावों की पुष्टि करना शामिल है, लेकिन यदि विक्रेता व्यापारी द्वारा जीएसटी रिटर्न नहीं भरा जा रहा है तो क्रेता व्यापारी को भी जीएसटी रिटर्न फाइल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

भोपाल। जीएसटी रिटर्न के मुश्किल पैटर्न के चलते कारोबारी टैक्स फाइल नहीं कर (trouble getting returns to file GST) पाए हैं. 20 फरवरी की आखिरी तारीख भी निकल गई, लेकिन कारोबारी अभी तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाए. अब उन्हें लेट फीस के साथ रिटर्न भरना होगा. जीएसटी रिटर्न फाइल करने में कारोबारियों की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं. जिसके चलते उन्हें पेनल्टी देनी पड़ रही है. यह पेनेल्टी 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लगेगी.

भोपाल के 600 से ज्यादा कारोबारी परेशान
राजधानी भोपाल और आसपास के जिलों के करीब 600 डीलर से ऐसे हैं जिन्होंने अपना मंथली जीएसटी आर-3 बी रिटर्न फाइल नहीं किया है. अब इन्हें ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस के रूप में भुगतान करना होगा. सभी कारोबारियों का टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक है और सभी जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं. वहीं जीएसटी के जानकारों ने इनकी परेशानी और बढ़ा दी है. उनका कहना है कि यदि डीलर ने जनवरी माह का रिटर्न फाइल नहीं किया तो वे अगले माह का रिटर्न भी नहीं भर पाएगा.

जीएसटी रिटर्न न भर पाने से कारोबारी परेशान
जीएसटी रिटर्न न भर पाने से कारोबारी परेशान
जिन लोगों के रजिस्ट्रेशन रद्द हुए उनमें अधिकतर कॉन्ट्रैक्टरजीएसटी फाइल करने में हो रही दिक्कतों पर मध्य प्रदेश टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के सचिव का कहना है कि पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते जीएसटी रिटर्न फाइल करने में काफी परेशानी आ रही है. उन्हें भी फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि रिटर्न फाइल नहीं करने के कारण जिन लोगों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं उनमें से अधिकतर कांट्रेक्टर हैंं. इन लोगों को पिछले 6 महीने से और साल भर से पेमेंट नहीं हुआ है. जिसके चलते वे समय पर जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं. अब उनको पेनल्टी के साथ रिटर्न फाइल करना होगा. कुछ तकनीकी समस्याएं भी परेशानी बढ़ा रही हैं. जैसे

- जीएसटी फाइलिंग में इनपुट टैक्स एलिजिबल दिखाई दे रहा है, लेकिन पोर्टल उसे अलाऊ नहीं कर रहा है.

- कई जगह सर्वर स्लो होने के कारण भी ट्रेडर्स को काफी परेशानी आ रही है.

- उनकी मांग है कि सरकार आईटीसी को फ्री फ्लो करे और टैक्स प्रैक्टिशनर के लिए इनपुट टैक्स फ्री फ्लो किया जाए.

- जीएसटी नियमों का सरलीकरण किया जाए और जो सप्लायर डिफाल्टर है उसको दंड दिया जाए, ना कि व्यापारी को.

रियल टाइम में दिखे इनपुट क्रेडिट

चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन के मुताबिक इसके लिए जरूरी है कि विक्रेता व्यापारी समय से अपना रिटर्न फाइल करें जिससे क्रेता व्यापारी को भी अपना रिटर्न फाइल करने में सहूलियत होगी. ऑनलाइन सिस्टम में सरकार को चाहिए कि बिलिंग सॉफ्टवेयर आईटीसी पर डायरेक्ट फ्लो कर दे ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट रियल टाइम में दिखने लगे. सीए राजेश जैन बताते हैं कि पहले प्रोबेशनली आईटीसी लेने के प्रावधान थे, लेकिन बाद में सरकार ने नियमों में सख्ती कर दी. सीए के मुताबिक जितना आईटीसी आपके gstr-2 b में दिख रहा है इतना ही आईटीसी ले सकेंगे. ऐसे में यदि विक्रेता व्यापारी द्वारा जीएसटी रिटर्न नहीं भरा जा रहा है तो क्रेता व्यापारी को भी जीएसटी रिटर्न फाइल करने में परेशानी होगी. इन हालातों में व्यापारी को इस बात का इंतजार करना होता है कि उसे विक्रेता व्यापारी द्वारा भरा गया रिटर्न दिखाई दे.

क्या होता है GSTR 3b रिटर्न
जीएसटीआर 3b एक मासिक टैक्स रिटर्न फॉर्म है जिसे जीएसटी पोर्टल का उपयोग करके हुए फाइल किया जाता है. जीएसटीआर 3b को फाइल करने की प्रक्रिया में रिटर्न डैशबोर्ड से उपयुक्त वित्तीय वर्ष और अवधि का सिलेक्शन करना, ऑटोपायलट डाटा में बदलाव करना, रिव्यू करना और आखिर में इन बदलावों की पुष्टि करना शामिल है, लेकिन यदि विक्रेता व्यापारी द्वारा जीएसटी रिटर्न नहीं भरा जा रहा है तो क्रेता व्यापारी को भी जीएसटी रिटर्न फाइल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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