भोपाल। एमपी में भी होगा नमो नमो...एमपी पर पीएम मोदी का फोकस और बीजेपी के करवाए गए आंतरिक सर्वे के हिसाब से माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव केवल पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा. 17 सितंबर को कुनो और अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में पीएम मोदी का संभावित उज्जैन दौरा चुनाव के मुहाने पर खड़े मध्यप्रदेश की अंदरूनी राजनीति को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है. ये दौरा उस वक्त है कि जब प्रदेश बीजेपी में संगठन से लेकर सत्ता तक बदलाव की हर दिन सुगबुगाहट है. सीएम शिवराज के दिल्ली दौरे को हर बार एक ही निगाह से देखा जा रहा है. इसी बीच छत्तीसगढ़ बीजेपी संगठन में हुए बदलाव के बाद यह भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि प्रदेश के बीजेपी संगठन में चुनाव से पहले बड़े बदलाव हो चुके होंगे.
मोदी ही होंगे 2023 चुनाव का चेहरा: इसमें दो राय नहीं कि बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे को छोटे से लेकर बड़े हर चुनाव में आगे रखती है, लेकिन मध्यप्रदेश के मामले में 2003 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक पार्टी प्रदेश स्तर के किसी नेता को चुनावी चेहरा बनाकर चुनाव लड़ते आई है. 2003 में मध्यप्रदेश में सत्ता पलट का चेहरा बनीं थी उमा भारती. उनके बाद से सीएम शिवराज की बदौलत बीजेपी ने एमपी में सत्ता की हैट्रिक बनाई. पिछले दिनों हुए निकाय चुनाव नतीजों में बीजेपी में पार्टी की उम्मीद से कम आए नतीजे बता रहे हैं कि राज्य में चुनाव जिताऊ चेहरों का रंग फीका पड़ रहा है. उसके बाद सत्ता संगठन में उठ रही बदलाव की अटकलों के बीच माना जा रहा है कि क्या मध्य प्रदेश में 2023 का चुनाव सीएम शिवराज के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा या फिर एमपी में भी उन राज्यों की कतार में आ जाएगा जहां पीएम मोदी के सहारे ही चुनावी नैय्या पार होगी.
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पीएम की एमपी विजिट इत्तेफाक है या रणनीति: 17 सितम्बर को सालगिरह के मौके पर एमपी आ रहे पीएम मोदी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में फिर से एमपी के दौरे पर होंगे. ये इत्तेफाक है या तय रणनीति. जो कार्यक्रम बताया गया है उसमें पीएम उज्जैन में मकाहाल मदिर में दर्शन करने के बाद महाकाल विस्तारीकरण योजना में बनें महाकाल पथ, रुद्र सागर और विकास प्राधिकरण के यात्री सुविधा केंद्र का लोकार्पण करेंगे. बीजेपी की राजनीति के मद्देनजर देखें तो पीएम उस समय आ रहे हैं कि जब मध्यप्रदेश बीजेपी के कई हिस्से अलग अलग दिखाई दे रहे हैं. सीएम शिवराज की अपनी सियासत है, लेकिन सरकारी योजनाओं में भ्रष्ट्राचार और अफसरशाही को टारगेट करते हुए जिस तरह से हमले तेज़ हुए हैं. उसमें माना जा रहा है कि शिवराज मौजूदा राजनीति में अकेले पड़ते दिखाई दे रहे हैं. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के लिए निकाय चुनाव का रिपोर्ट कार्ड संकट बना हुआ है. जिसके बाद 2023 की सियासी रण को लेकर उनपर पार्टी का भरोसा हिला हुआ नजर आ रहा है. इसी बीच सिंधिया और विजयवर्गीय की नजदीकियां भी चर्चा का विषय़ बनी हुई हैं. जानकारों की निगाह इसी तरफ है कि पीएम मोदी के दौरे के साथ प्रदेश का यह सियासी सीन बदलेगा या तस्वीर में और गहरे रंग भरे जाएंगे.
राहुल से पहले महाकाल आएंगे मोदी: राहुल गांधी इन दिनों कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा पर हैं. इसी यात्रा के दौरान वे 16 दिन मध्यप्रदेश में बिताएंगे. उनके कार्यक्रम में उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने का कार्यक्रम भी शामिल हैं. राहुल नवम्बर में महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. उनका नर्मदा स्नान का भी कार्यक्रम है. प्रदेश कांग्रेस राहुल के इस कार्यक्रम को मेगा इवेंट में बदलकर सियासी संदेश देना चाहती है. कांग्रेस का मानना है कि चुनाव के मुहाने पर खड़े प्रदेश में राहुल कांग्रेस कार्यकर्तांओं में उर्जा का संचार करें. इसी रणनीति के मद्देनजर पीएम मोदी राहुल गांधी से पहले एमपी का दौरा कर चुके होंगे. बीजेपी को उम्मीद है कि पीएम के लगातार दौरों से एमपी की सियासी फिजा मोदी मय हो जाएगी और मोदी मैजिक के दम पर एमपी में भी नमो नमो होगा.