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सावधान! गुजरात से हो रही है अवैध बायोडीजल की सप्लाई, एथेनॉल मिला पेट्रोल बेचकर आम आदमी को लगाया जा रहा है चूना

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Published : Sep 14, 2021, 6:58 PM IST

मध्य प्रदेश के निमाड़, मालवा, इंदौर, उज्जैन, भोपाल जैसे जिलों में बायोडीजल की खपत और इसकी अवैध तरीके से बिक्री के मामले तेजी से बढ़े हैं. हाल ही में इंदौर में 2 पेट्रोल पंपों से 24000 लीटर बायोडीजल बरामद किया है. अवैध बायोडीजल की सप्लाई मध्य प्रदेश में गुजरात की सीमा से लगते जिलों में की जा रही है. वहीं एथेनॉल मिले पेट्रोल की बिक्री पेट्रोल के दाम पर करके पेट्रोल कंपनियां भी आम आदमी को चूना लगा रही है. इसे लेकर एमपी हाईकोर्ट में एक पीआईएल भी फाइल की गई है.

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सावधान! गुजरात से हो रही है अवैध बायोडीजल की सप्लाई

भोपाल/इंदौर/जबलपुर. तेजी से बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों के चलते मध्य प्रदेश में भी बायोडीजल की खपत और इसकी बिक्री का गोरखधंधा भी तेजी से बढ़ा है. खासकर मालवा निमाड़ सहित प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में इन दिनों अवैध बायोडीजल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन ने इस मामले में छापेमारी कर 2 पेट्रोल पंपों से 24000 लीटर बायोडीजल बरामद किया था. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद अंचल में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से चल रहे बायोडीजल की अवैध बिक्री के गोरखधंधे का भी खुलासा हुआ है.

विकल्प के तौर पर बढ़ी बायोडीजल की मांग
देशभर में पेट्रोल की तरह ही डीजल के दाम भी ₹100 के आसपास पहुंचने के बाद डीजल के विकल्प के तौर पर बायोडीजल की मांग में खासा इजाफा हुआ है, हालांकि राज्य एमपी में वैद्य अनुमति के बिना बायोडीजल की बिक्री को प्रतिबंधित कर रखा है, बावजूद इसके प्रदेश के मालवा निमाड़ अंचल में बड़े पैमाने पर गुजरात के रास्ते 'इंपोर्टेड डीजल' कहे जाने वाले बायोडीजल की बड़े पैमाने पर चोरी छुपे बंपर आवक हो रही है. अवैध तरीके से आ रहे इस 'इंपोर्टेड डीजल' को इंदौर समेत धार, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, देवास ,उज्जैन, मक्सी और शाजापुर आदि जिलों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.

रोजाना 400 टैंकर की अवैध सप्लाई

एक अनुमान के मुताबिक इंपोर्टेड डीजल के हर रोज लगभग 300 से 400 टैंकर मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित विभिन्न पेट्रोल पंपों पर चोरी छुपे बायोडीजल की सप्लाई कर रहे हैं. जिसे ऑर्डर मिलने पर रात में टैंकरों से सीधे ही बेचा जा रहा है. कई पेट्रोल पंप संचालक भी बायोडीजल को डीजल में मिलाकर बेच रहे हैं. पंपों पर बायोडीजल को अलग से करीब ₹70/ लीटर में बेचा जा रहा है. इस तरह से हो रही बायोडीजल की अवैध बिक्री पर व्यापारी 20 से ₹30 का मुनाफा कमा रहे हैं.

सार्वजनिक विक्रय के लिए 11 विभागों की अनुमति जरूरी
मध्यप्रदेश में बायो डीजल की बिक्री के लिए आमतौर पर पेट्रोल पंप जैसी व्यवस्था नहीं है लेकिन फिर भी इसके सार्वजनिक विक्रय के लिए विस्फोटक अधिनियम खाद्य अधिनियम एवं अन्य नियमों के अनुसार करीब 11 विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूरी है. इन विभागों की अनुमति के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थान पर ही बायोडीजल विक्रय की अनुमति दी जाती है, लेकिन उज्जैन में दो स्थानों को छोड़कर अंचल के करीब एक दर्जन जिलों में बायोडीजल अवैध तरीके से बेचा जा रहा है.

यह है कानून

बायोडीजल पंप का संचालन करने के दौरान 11 विभागों में से किसी एक की भी परमीशन अगर नहीं होती है तो संचालक के खिलाफ मोटर स्परिट और हाई स्पीड डीजल (आपूर्ति ,वितरण का विनिमयन और कदाचारों की रोकथाम) नियम 2005 के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाती है. जिसमें दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है.


इंदौर में जब्त हुआ 23 हजार लीटर मिलावटी बायोडीजल
हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन ने बिचोली हप्सी क्षेत्र में दो अवैध पेट्रोल पंपों पर अवैध तरीके से बायोडीजल बेचे जाने की शिकारत मिलने पर छापामारा था. इस दौरान 2 पंपो में से 1 पर साढ़े 4000 लीटर और दूसरे पर साढे 19000 लीटर बायोडीजल पाया गया. प्रशासन ने बायोडीजल बेचने वाले महेश्वर स्वराज बायोडीजल के रामपाल सिंह चौहान और कर्मचारी राजेश रूप सिंह परमार के खिलाफ अवैध डीजल बेचने का प्रकरण दर्ज किया था. अवैध तरीके से बायोडीजल की बिक्री बढ़ने के मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन अब आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. इंदौर जिले में ही फिलहाल 4 प्रकरणों में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.


मध्यप्रदेश में ऐसे आता है बायोडीजल
गुजरात से आने वाले अवैध बायोडीजल के टैंकर झाबुआ, बड़वानी और अलीराजपुर आदि इलाकों में लेकर आते हैं.उसके बाद इस बायोडीजल को टैंकरों में भरकर इंदौर, उज्जैन, भोपाल और आसपास के जिलों में भेजा जाता है. एक अनुमान के मुताबिक इंदौर में ही बायोडीजल की प्रतिदिन खपत 10 लाख लीटर के करीब पहुंच चुकी है. 55 रुपए प्रति लीटर के भाव पर खरीदा जाने वाले यह बायो डीजल पेट्रोल पंप पर 80 से ₹90 /लीटर तक वाहन मालिकों को बेच दिया जाता है. इसके अलावा अवैध रूप से रात के अंधेरे में सीधे ही टैंकरों के जरिए भी ग्रामीण इलाकों में इसकी सप्लाई की जा रही है.

ट्रक ऑपरेटरों ने की रोक लगाने की मांग
आपको बता दें कि बायोडीजल सामान्य डीजल से 15 से 20 रुपए प्रति लीटर सस्ता होता है. वर्तमान में सामान्य डीजल की कीमत 97.44 रुपए है, यही वजह है कि हैवी वाहन संचालक बायोडीजल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. मिलावट की शिकायतों के पीछे यही बड़ी वजह है. इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने बायोडीजल के नाम पर बेचे जा रहे मिलावटी डीजल की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है. एसोसिएशन के मुताबिक बायोडीजल के नाम पर सॉल्वेंट स्प्रेड आदि का मिश्रण कर हाईवे, ढाबे और बायोडीजल पंपों पर 70 से ₹75/ लीटर मिलावटी डीजल बेचा जा रहा है. जिससे वाहनों के इंजन सीज हो रहे हैं. एसोसिएशन का कहना है कि यह बायोडीजल पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है.

60 रुपए का एथेनॉल 110 रु. में कैसे बेचा जा रहा है?

हाईकोर्ट में पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने और पेट्रोल कंपनियों द्वारा एथेनॉल मिले पेट्रोल की कीमत भी सामान्य पेट्रोल की तरह वसूले जाने को लेकर एक याचिका फाइल की गई है. पीआईएल में याचिकाकर्ता ने पेट्रोल कंपनियों और सरकार पर आम आदमी को चूना लगाने का आरोप लगाया है. याचिका में पूछा गया है कि 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला एथेनॉल ₹110 में कैसे बेचा जा रहा है. पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने के नाम पर आम आदमी को क्यों चूना लगाया जा रहा है.

ऐसे लग रहा है आपको चूना

1 लीटर पेट्रोल मैं 10% एथेनॉल मिलाया जा रहा है. यदि हम 10 लीटर पेट्रोल खरीदते हैं, तो हमें लगभग 1 लीटर एथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल मिलता है. 10 लीटर पेट्रोल की कीमत होती है लगभग 11 सौ रुपए, इसमें ₹60 का एथेनॉल मिला हुआ है. यानि आपने जो पेट्रोल खरीदा वो 1050 रुपए का हुआ. अब जो 60 रुपए जो आपने चुकाए वो एथनॉल की कीमत है. पेट्रोल की कीमत अभी लगभग 110 ₹/ लीटर है. यानि पेट्रोल की वास्तिवक कीमत 1050 रुपए हुई और जो 60 रुपए आपने ज्यादा चुकाए वो सरकार को मुफ्त में दे दिए. एथेनॉल पर जीएसटी लगता है यदि वह जीएसटी भी हम लगाते हैं तो भी कीमत ₹70 से ज्यादा नहीं होगी, लेकिन सरकार इसपर vet लगा रही है, तब भी एथनॉल मिश्रित पेट्रोल की कीमत लगभग ₹90 रुपए के करीब होती है, लेकिन बाजार में जो पेट्रोल बेचा जा रहा है उसकी कीमत 110 रुपए है, यानि 20 रुपए ज्यादा वसूले जा रहे हैं, ऐसा क्यों हो रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

याचिकाकर्ता ने उठाए सवाल

हाईकोर्ट में फाइल की गई पीआईएल में याचिकाकर्ता ने पेट्रोल कंपनियों और सरकार पर आम आदमी को चूना लगाने का आरोप लगाया है. याचिका में पूछा गया है कि 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला एथेनॉल ₹110 में कैसे बेचा जा रहे हैं. पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने के नाम पर आम आदमी को क्यों लूटा जा रहा है.

3 महीने बीते, नहीं आया जवाब
इस मामले को जबलपुर की सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सामने उठाया. मंच ने हाई कोर्ट से इस लूट पर रोक लगाने और पेट्रोलियम कंपनियों से जवाब मांगा है कि एथेनॉल मिलाने के बाद पेट्रोल के दाम ₹5 कम होने थे कम क्यों नहीं किए गए. इस मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. हाई कोर्ट की तरफ से सरकार को नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया गया है.

भोपाल/इंदौर/जबलपुर. तेजी से बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों के चलते मध्य प्रदेश में भी बायोडीजल की खपत और इसकी बिक्री का गोरखधंधा भी तेजी से बढ़ा है. खासकर मालवा निमाड़ सहित प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में इन दिनों अवैध बायोडीजल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन ने इस मामले में छापेमारी कर 2 पेट्रोल पंपों से 24000 लीटर बायोडीजल बरामद किया था. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद अंचल में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से चल रहे बायोडीजल की अवैध बिक्री के गोरखधंधे का भी खुलासा हुआ है.

विकल्प के तौर पर बढ़ी बायोडीजल की मांग
देशभर में पेट्रोल की तरह ही डीजल के दाम भी ₹100 के आसपास पहुंचने के बाद डीजल के विकल्प के तौर पर बायोडीजल की मांग में खासा इजाफा हुआ है, हालांकि राज्य एमपी में वैद्य अनुमति के बिना बायोडीजल की बिक्री को प्रतिबंधित कर रखा है, बावजूद इसके प्रदेश के मालवा निमाड़ अंचल में बड़े पैमाने पर गुजरात के रास्ते 'इंपोर्टेड डीजल' कहे जाने वाले बायोडीजल की बड़े पैमाने पर चोरी छुपे बंपर आवक हो रही है. अवैध तरीके से आ रहे इस 'इंपोर्टेड डीजल' को इंदौर समेत धार, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, देवास ,उज्जैन, मक्सी और शाजापुर आदि जिलों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.

रोजाना 400 टैंकर की अवैध सप्लाई

एक अनुमान के मुताबिक इंपोर्टेड डीजल के हर रोज लगभग 300 से 400 टैंकर मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित विभिन्न पेट्रोल पंपों पर चोरी छुपे बायोडीजल की सप्लाई कर रहे हैं. जिसे ऑर्डर मिलने पर रात में टैंकरों से सीधे ही बेचा जा रहा है. कई पेट्रोल पंप संचालक भी बायोडीजल को डीजल में मिलाकर बेच रहे हैं. पंपों पर बायोडीजल को अलग से करीब ₹70/ लीटर में बेचा जा रहा है. इस तरह से हो रही बायोडीजल की अवैध बिक्री पर व्यापारी 20 से ₹30 का मुनाफा कमा रहे हैं.

सार्वजनिक विक्रय के लिए 11 विभागों की अनुमति जरूरी
मध्यप्रदेश में बायो डीजल की बिक्री के लिए आमतौर पर पेट्रोल पंप जैसी व्यवस्था नहीं है लेकिन फिर भी इसके सार्वजनिक विक्रय के लिए विस्फोटक अधिनियम खाद्य अधिनियम एवं अन्य नियमों के अनुसार करीब 11 विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूरी है. इन विभागों की अनुमति के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थान पर ही बायोडीजल विक्रय की अनुमति दी जाती है, लेकिन उज्जैन में दो स्थानों को छोड़कर अंचल के करीब एक दर्जन जिलों में बायोडीजल अवैध तरीके से बेचा जा रहा है.

यह है कानून

बायोडीजल पंप का संचालन करने के दौरान 11 विभागों में से किसी एक की भी परमीशन अगर नहीं होती है तो संचालक के खिलाफ मोटर स्परिट और हाई स्पीड डीजल (आपूर्ति ,वितरण का विनिमयन और कदाचारों की रोकथाम) नियम 2005 के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाती है. जिसमें दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है.


इंदौर में जब्त हुआ 23 हजार लीटर मिलावटी बायोडीजल
हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन ने बिचोली हप्सी क्षेत्र में दो अवैध पेट्रोल पंपों पर अवैध तरीके से बायोडीजल बेचे जाने की शिकारत मिलने पर छापामारा था. इस दौरान 2 पंपो में से 1 पर साढ़े 4000 लीटर और दूसरे पर साढे 19000 लीटर बायोडीजल पाया गया. प्रशासन ने बायोडीजल बेचने वाले महेश्वर स्वराज बायोडीजल के रामपाल सिंह चौहान और कर्मचारी राजेश रूप सिंह परमार के खिलाफ अवैध डीजल बेचने का प्रकरण दर्ज किया था. अवैध तरीके से बायोडीजल की बिक्री बढ़ने के मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन अब आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. इंदौर जिले में ही फिलहाल 4 प्रकरणों में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.


मध्यप्रदेश में ऐसे आता है बायोडीजल
गुजरात से आने वाले अवैध बायोडीजल के टैंकर झाबुआ, बड़वानी और अलीराजपुर आदि इलाकों में लेकर आते हैं.उसके बाद इस बायोडीजल को टैंकरों में भरकर इंदौर, उज्जैन, भोपाल और आसपास के जिलों में भेजा जाता है. एक अनुमान के मुताबिक इंदौर में ही बायोडीजल की प्रतिदिन खपत 10 लाख लीटर के करीब पहुंच चुकी है. 55 रुपए प्रति लीटर के भाव पर खरीदा जाने वाले यह बायो डीजल पेट्रोल पंप पर 80 से ₹90 /लीटर तक वाहन मालिकों को बेच दिया जाता है. इसके अलावा अवैध रूप से रात के अंधेरे में सीधे ही टैंकरों के जरिए भी ग्रामीण इलाकों में इसकी सप्लाई की जा रही है.

ट्रक ऑपरेटरों ने की रोक लगाने की मांग
आपको बता दें कि बायोडीजल सामान्य डीजल से 15 से 20 रुपए प्रति लीटर सस्ता होता है. वर्तमान में सामान्य डीजल की कीमत 97.44 रुपए है, यही वजह है कि हैवी वाहन संचालक बायोडीजल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. मिलावट की शिकायतों के पीछे यही बड़ी वजह है. इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने बायोडीजल के नाम पर बेचे जा रहे मिलावटी डीजल की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है. एसोसिएशन के मुताबिक बायोडीजल के नाम पर सॉल्वेंट स्प्रेड आदि का मिश्रण कर हाईवे, ढाबे और बायोडीजल पंपों पर 70 से ₹75/ लीटर मिलावटी डीजल बेचा जा रहा है. जिससे वाहनों के इंजन सीज हो रहे हैं. एसोसिएशन का कहना है कि यह बायोडीजल पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है.

60 रुपए का एथेनॉल 110 रु. में कैसे बेचा जा रहा है?

हाईकोर्ट में पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने और पेट्रोल कंपनियों द्वारा एथेनॉल मिले पेट्रोल की कीमत भी सामान्य पेट्रोल की तरह वसूले जाने को लेकर एक याचिका फाइल की गई है. पीआईएल में याचिकाकर्ता ने पेट्रोल कंपनियों और सरकार पर आम आदमी को चूना लगाने का आरोप लगाया है. याचिका में पूछा गया है कि 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला एथेनॉल ₹110 में कैसे बेचा जा रहा है. पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने के नाम पर आम आदमी को क्यों चूना लगाया जा रहा है.

ऐसे लग रहा है आपको चूना

1 लीटर पेट्रोल मैं 10% एथेनॉल मिलाया जा रहा है. यदि हम 10 लीटर पेट्रोल खरीदते हैं, तो हमें लगभग 1 लीटर एथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल मिलता है. 10 लीटर पेट्रोल की कीमत होती है लगभग 11 सौ रुपए, इसमें ₹60 का एथेनॉल मिला हुआ है. यानि आपने जो पेट्रोल खरीदा वो 1050 रुपए का हुआ. अब जो 60 रुपए जो आपने चुकाए वो एथनॉल की कीमत है. पेट्रोल की कीमत अभी लगभग 110 ₹/ लीटर है. यानि पेट्रोल की वास्तिवक कीमत 1050 रुपए हुई और जो 60 रुपए आपने ज्यादा चुकाए वो सरकार को मुफ्त में दे दिए. एथेनॉल पर जीएसटी लगता है यदि वह जीएसटी भी हम लगाते हैं तो भी कीमत ₹70 से ज्यादा नहीं होगी, लेकिन सरकार इसपर vet लगा रही है, तब भी एथनॉल मिश्रित पेट्रोल की कीमत लगभग ₹90 रुपए के करीब होती है, लेकिन बाजार में जो पेट्रोल बेचा जा रहा है उसकी कीमत 110 रुपए है, यानि 20 रुपए ज्यादा वसूले जा रहे हैं, ऐसा क्यों हो रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

याचिकाकर्ता ने उठाए सवाल

हाईकोर्ट में फाइल की गई पीआईएल में याचिकाकर्ता ने पेट्रोल कंपनियों और सरकार पर आम आदमी को चूना लगाने का आरोप लगाया है. याचिका में पूछा गया है कि 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला एथेनॉल ₹110 में कैसे बेचा जा रहे हैं. पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने के नाम पर आम आदमी को क्यों लूटा जा रहा है.

3 महीने बीते, नहीं आया जवाब
इस मामले को जबलपुर की सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सामने उठाया. मंच ने हाई कोर्ट से इस लूट पर रोक लगाने और पेट्रोलियम कंपनियों से जवाब मांगा है कि एथेनॉल मिलाने के बाद पेट्रोल के दाम ₹5 कम होने थे कम क्यों नहीं किए गए. इस मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. हाई कोर्ट की तरफ से सरकार को नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया गया है.

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