भोपाल। सरकार ने तय किया है कि दिसंबर के अंत तक प्रदेश के सभी पात्र लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ((Big Challenge 100% Vaccination In MP)) लगा दी जाएगी. लेकिन ये लक्ष्य हासिल करना इतना आसान नहीं है. क्योंकि अभी भी करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज लगना बाकी है.
आसान नहीं दिसंबर तक 100% वैक्सीनेशन
करोना के नए-नए म्युटेंट से बचने के लिए सिर्फ वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है. (full vaccination target by december in mp) अगर वैक्सीन के दोनों डोज़ लगे होंगे तो इसका म्युटेंट आप पर कम असर करेगा, और ऐसे में मौतों की संख्या भी कम होगी. मध्य प्रदेश सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिसंबर अंत के पहले पूरे प्रदेश में 100 फीसदी वैक्सीनेशन कराने का बीड़ा उठाया है. अभी भी 3.50 करोड़ के लगभग टीके लगना बाकी है. एक महीने में सभी को टीके लगाना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. मध्य प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक लोगों की संख्या करीब 5.50 करोड़ है. एक व्यक्ति को दो वैक्सीन के हिसाब से 11 करोड़ टीके लगने हैं. अभी तक जो स्थिति है उस हिसाब से मध्यप्रदेश में 8.61 करोड़ टीके लग चुके हैं.(vaccination current status in mp india ) पहला टीका 5 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोगों को लग चुका है. दोनों वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या 3.50 करोड़ है. विभाग का पूरा फोकस अब दूसरे डोज़ पर बना हुआ है. दूसरे डोज़ के ढाई करोड़ से अधिक टीके लगने हैं. जबकि पहले डोज़ के 40 लाख से ज्यादा.
दूसरा वैक्सीन लगाने वालों की संख्या कम
अगर मध्य प्रदेश और भोपाल में वैक्सीनेशन की स्थिति पर नजर डाली जाए तो अभी तक 8 करोड़ 61 लाख ,40 हजार कुल टीके लग चुके हैं. जिसमें से पहला टीका 5 करोड़ 10 लाख 90 हज़ार को लगा है, जबकि दूसरा टीका 3 करोड़ 50 लाख से अधिक लोगों को लग चुका है. कुल 11 करोड़ के लगभग टीके लगने हैं। भोपाल में 35, लाख 90 हजार टीके लग चुके हैं. पहला टीका 20 लाख 40 हजार लोगों को और दूसरी वैक्सीन 15 लाख 80 हजार लोगों को लग चुकी है.
नवंबर में वैक्सीन लगाने की दर ज्यादा
नवंबर के महीने में ही मध्य प्रदेश में एक करोड़ 63 लाख लोगों को अभी तक वैक्सीन लगाई गई है. जबकि वैक्सीनेशन महा अभियान में 10 नवंबर को 14 लाख, 17 नवंबर को 16 लाख और 24 नवंबर को 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगी.
टारगेट पूरा करने में सबसे बड़ी समस्या
मध्य प्रदेश में 100% वैक्सीनेशन करने को लेकर जो टारगेट स्वास्थ विभाग में दिसंबर अंत तक रखा है, उसमें सबसे बड़ी समस्या उन लोगों की आ रही है जो कोरोना को कोई बीमारी ही नहीं मानते. वे कोरोना को महज अफवाह मानते हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कैमरे के सामने ऐसा कहने से बचते हैं, लेकिन ऑफ कैमरा मानते हैं कि कई लोग धार्मिक पहलू के कारण भी कोरोना वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. ऐसी समस्याओं के कारण मध्यप्रदेश में एक महीने में 100% वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा हो पाना मुश्किल नजर आता है.
मध्य प्रदेश में कितना वैक्सीनेशन
- इंदौर में 55 लाख 10 हजार लोगों को लगी वैक्सीन
- जबलपुर में 35 लाख 71 हजार लोगों की लगी वैक्सीन
- भोपाल में 35 लाख 90 हजार लोगों की लगी वैक्सीन
- उज्जैन में 26 लाख 78 हजार लोगों की लगी वैक्सीन
- सागर में 27 लाख 75 हजार लोगों की लगी वैक्सीन
- ग्वालियर में 25 लाख तीन हजार लोगों की लगी वैक्सीन
- छिंदवाड़ा में 26 लाख 84 हजार लोगों की लगी वैक्सीन
मध्य प्रदेश में कोरोना का पहला टीका 93% लोगों को लग चुका है, जबकि दूसरा टीका 63% लोगों को. जिसमें हेल्थ केयर वर्करों को 91 प्रतिशत पहला और 80% दूसरा टीका लग चुका है. फ्रंटलाइन वर्करों को 96% पहली, 91% को दूसरी वैक्सीन लग चुकी है. 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को 92 प्रतिशत पहला और 65% दूसरा टीका लग चुका है. 40 से 60 वर्ष के 94 फीसदी लोगों को पहला ओर 66% को दूसरा टीका लग चुका है. 18 प्लस लोगों में से 90% को पहला और 53% को दूसरा टीका लग चुका है.
देश में वैक्सीनेशन की हालत ज्यादा अच्छी नहीं
भारत अब तक 1.22 अरब लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है. (omicron coronavirus variant vs full vaccination ) 43 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं. ये संख्या भले ही बड़ी दिख रही हो, लेकिन आबादी के लिहाज से ये काफी कम है. अगर कुल आबादी के हिसाब से वैक्सीनेशन की बात करें, तो स्थिति अच्छी नहीं दिखती.चिंता की बात है कि भारत की सिर्फ 56% आबादी को ही वैक्सीन का एक डोज लगा है. सिर्फ 30% आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं.
वैक्सीन में राज्यों का क्या है हाल
वैक्सीन के सबसे ज्यादा डोज उत्तर प्रदेश में दिए गए हैं. 15 करोड़ से ज्यादा डोज देकर यूपी टॉप पर है. उसके बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश हैं. इन राज्यों की आबादी भी ज्यादा है इस वजह से यहां डोज भी ज्यादा दिए गए हैं.
सितंबर के बाद धीमा हो गया वैक्सीनेशन
सितंबर के बाद से देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो गई है. सितंबर में करीब 23 करोड़ वैक्सीन डोज दिए गए थे. पिछले 30 दिन में देश में 16 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दिए गए. अक्टूबर में भी करीब 16 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन दिए गए थे.
कहां-कहां कोरोना के नए केस
कई महीनों से केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना के नए केसेज मिल रहे हैं. 28 नवंबर को देश में 8,309 नए केस मिले. जिनमें आधे से ज्यादा सिर्फ केरल में ही थे. देश के कुल एक्टिव केसेज में भी सबसे ज्यादा केरल में हैं. 47 हजार से ज्यादा एक्टिव केसेज के साथ केरल देश में टॉप पर है. उसके बाद महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक हैं.
क्यों बढ़ गया खतरा
कोविड का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन दक्षिण अफ्रीका से निकलकर 17 देशों में फैल चुका है. इनमें कई देश ऐसे हैं जिन्होंने अपनी तीन-चौथाई आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट कर दिया है. जानकारों का मानना है कि म्यूटेशन की वजह से ये वैक्सीन की इम्यूनिटी को भी बायपास कर सकता है,हालांकि इस पर रिसर्च जारी है. इसके बाद कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी है. भारत की सिर्फ 30% आबादी ही पूरी तरह वैक्सीनेट हुई है, इस लिहाज से हमारे लिए ये बड़ा खतरा है.