भोपाल। मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य वन प्राणी बोर्ड की बैठक में भोपाल के आसपास बाघों के मूवमेंट बढ़ने का मामला भी उठा, बोर्ड के सदस्य अभिलाष खांडेकर ने रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव पर अपनी बात रखी. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टाइगर रिजर्व बनाने के पहले और और बफर जोन के आसपास आने वाले गांव की संख्या पूछी, लेकिन वन अधिकारी गांव की संख्या नहीं बता पाए. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जनप्रतिनिधियों और कोर और बफर जोन में आने वाले ग्रामीणों की सहमति ली जानी चाहिए, बोर्ड के सदस्य एच एस पाबला ने सुझाव दिया कि भोपाल के आसपास बाघों के मूवमेंट को देखते हुए शहर के आसपास फेंसिंग कराई जानी चाहिए. हालांकि इस मुद्दे पर बोर्ड में कोई निर्णय नहीं हुआ. (Bhopal Wildlife Board 23rd Meeting)
नीलगाय को लेकर भी हुई चर्चा: बैठक में बोर्ड के एक सदस्य ने नीलगाय और जंगली सूअर द्वारा खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि नीलगाय और जंगली सूअर बड़ी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, विदेशों में इन्हें मारने का नियम हैं. मध्यप्रदेश में भी खेत मालिक को इन्हें मारने की अनुमति दी जानी चाहिए, हालांकि मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति नहीं जताई. उन्होंने कहा कि जन और जानवर को नुकसान ना हो यह हम चाहते हैं, जहां भी नीलगाय और जंगली सूअर की संख्या ज्यादा है, उन्हें कम संख्या वाले स्थानों पर भेजा जा सकता है.
सागर में उत्तर सागर नाम से बनेगा अभ्यारण: राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में सागर में उत्तर सागर नाम से अभ्यारण बनाने की सहमति दे दी गई, इसके अलावा खरमोर अभ्यारण सरदारपुर के पुनर्गठन के प्रस्ताव पर सहमति बन गई. नौरादेही और वीरांगना दुर्गावती वन्य प्राणी अभ्यारण के क्षेत्र को वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए कोरिया और बफर क्षेत्र को अधिसूचित करने पर सहमति बनी, संजय टाइगर रिजर्व सीधी के तहत कटनी सिंगरौली रेलवे लाइन के दाहिने तरफ भूमि पर केवल डालें एवं बदलने के प्रस्ताव पर बोर्ड ने अपनी अनुमति दे दी. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया के तहत बलवाड़ा राम समूह जल प्रदाय योजना के लिए पाइप लाइन बिछाने के लिए वन्य प्राणी बोर्ड ने अपनी अनुमति दे दी. माना जा रहा है कि इसके बाद महाराष्ट्र को पछाड़कर मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा टाइगर वाला राज्य बनेगा.