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Bhopal Renaming of vyapam व्यापम का नाम बदलकर पीईबी रखा गया, जाने नाम बदलने की वजह

मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) का धब्बा मिटाने के लिए सरकार ने इसका नाम ही बदल डाला है. इस चयनबोर्ड को नया नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी दिया गया. नाम बदलने के बावजूद भी इस विभाग में गड़बड़ियां बंद नहीं हो रही है. इसको लेकर सरकार परेशान है. व्यापम घोटाले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. (MP Bhopal vyapam Renaming)

Bhopal Renaming of vyapam as BEP
भोपाल व्यापम का नाम बदलकर पीईबी रखा गया
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Published : Sep 15, 2022, 7:50 PM IST

भोपाल। प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े के लिए बदनाम व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) नाम बदलकर कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया है. मध्यप्रदेश विधानसभा में व्यावसायिक परीक्षा मंडल संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. संशोधन विधेयक में व्यावसायिक परीक्षा मंडल के स्थान पर इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन मंडल कर दिया गया है. कर्मचारी चयन मंडल का प्रशासकीय नियंत्रण सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया है. मंडल के पदेन सदस्य में सामान्य प्रशासन विभाग के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार के प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव भी रहेंगे. (Bhopal vyapam Renaming as PEB )

इसलिए बदला गया नामः व्यावसायिक परीक्षा मंडल का नाम बदले जाने के पीछे बताया गया है कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल तकनीकि पाठ्यक्रमों मुख्य रूप से मेडिकल और टेक्नीकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा संचालित करने के लिए गठित किया गया था. बाद में इन पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रियाएं बदल गई. वर्तमान में व्यावसायिक परीक्षा मंडल विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में खाली पड़े पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं संचालित करता है. इसको देखते हुए व्यापम का नाम बदलकर कर्मचारी चयन मंडल किया गया. (Bhopal know the reason for changing the name)

फर्जीवाड़े पर बन चुकी वेबसीरीज: साल 2013 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े सामने आए थे. इसमें कमजोर छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए फर्जी छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं में बैठाया जाता था. फर्जीवाड़े का खुलासा जुलाई 2013 में इंदौर से हुआ. इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से फर्जीवाड़ा सामने आता गया. हालांकि मामले की जांच में तेजी तब आई जब फर्जीवाडे़ में शामिल कई छात्र-छात्राओं की मौत हुई. इसके बाद मामले को सीबीआई के सौंप दिया गया. इस फर्जीवाड़े में नेता से लेकर नौकरशाह और कर्मचारी से लेकर पुलिस अधिकारी तक की भूमिका कठघरे में रही. व्यापम फर्जीवाड़े में करीब 3500 लोगों को आरोपी बनाया गया. देशभर में चर्चित हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर एक वेबसीरीज भी बनी थी. जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थी. पूरे देश में भी इस फर्जीवाड़े की उस समय खूब चर्चा. (Bhopal Disturbances found in 5 examinations in PEB)

तीसरी बार बदला नाम: फर्जीवाड़े से बदनाम हुए व्यापम के दाग धोने के लिए इसका नाम बदल दिया गया. व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम से इसके नाम का अंग्रेजीकरण कर दिया गया. नया नाम दिया गया प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी. इसके साथ ही इसके भवन का नाम चयन भवन कर दिया गया. हालांकि फर्जीवाड़े इसके बाद भी खत्म नहीं हुए है. विधानसभा में सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले तीन सालों में पीईबी में 5 बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई थी. जिसके चलते परीक्षाओं को दोबारा कराना पड़ा. गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार मानते हुए एजेंसी पर सवा 2 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था. पीईबी में ग्रामीण कृषि विस्तार और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी परीक्षा-2020, संयुक्त भर्ती परीक्षा संपरीक्षक, डाटा एंट्री ऑपरेटर और नर्स संवर्ग की परीक्षा 2020 में गड़बड़ी पाई गई थी. इसके अलावा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी गड़बड़ी मिल चुकी है. (Bhopal vyapam Renaming as PEB )

भोपाल। प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े के लिए बदनाम व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) नाम बदलकर कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया है. मध्यप्रदेश विधानसभा में व्यावसायिक परीक्षा मंडल संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. संशोधन विधेयक में व्यावसायिक परीक्षा मंडल के स्थान पर इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन मंडल कर दिया गया है. कर्मचारी चयन मंडल का प्रशासकीय नियंत्रण सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया है. मंडल के पदेन सदस्य में सामान्य प्रशासन विभाग के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार के प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव भी रहेंगे. (Bhopal vyapam Renaming as PEB )

इसलिए बदला गया नामः व्यावसायिक परीक्षा मंडल का नाम बदले जाने के पीछे बताया गया है कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल तकनीकि पाठ्यक्रमों मुख्य रूप से मेडिकल और टेक्नीकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा संचालित करने के लिए गठित किया गया था. बाद में इन पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रियाएं बदल गई. वर्तमान में व्यावसायिक परीक्षा मंडल विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में खाली पड़े पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं संचालित करता है. इसको देखते हुए व्यापम का नाम बदलकर कर्मचारी चयन मंडल किया गया. (Bhopal know the reason for changing the name)

फर्जीवाड़े पर बन चुकी वेबसीरीज: साल 2013 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े सामने आए थे. इसमें कमजोर छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए फर्जी छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं में बैठाया जाता था. फर्जीवाड़े का खुलासा जुलाई 2013 में इंदौर से हुआ. इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से फर्जीवाड़ा सामने आता गया. हालांकि मामले की जांच में तेजी तब आई जब फर्जीवाडे़ में शामिल कई छात्र-छात्राओं की मौत हुई. इसके बाद मामले को सीबीआई के सौंप दिया गया. इस फर्जीवाड़े में नेता से लेकर नौकरशाह और कर्मचारी से लेकर पुलिस अधिकारी तक की भूमिका कठघरे में रही. व्यापम फर्जीवाड़े में करीब 3500 लोगों को आरोपी बनाया गया. देशभर में चर्चित हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर एक वेबसीरीज भी बनी थी. जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थी. पूरे देश में भी इस फर्जीवाड़े की उस समय खूब चर्चा. (Bhopal Disturbances found in 5 examinations in PEB)

तीसरी बार बदला नाम: फर्जीवाड़े से बदनाम हुए व्यापम के दाग धोने के लिए इसका नाम बदल दिया गया. व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम से इसके नाम का अंग्रेजीकरण कर दिया गया. नया नाम दिया गया प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी. इसके साथ ही इसके भवन का नाम चयन भवन कर दिया गया. हालांकि फर्जीवाड़े इसके बाद भी खत्म नहीं हुए है. विधानसभा में सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले तीन सालों में पीईबी में 5 बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई थी. जिसके चलते परीक्षाओं को दोबारा कराना पड़ा. गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार मानते हुए एजेंसी पर सवा 2 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था. पीईबी में ग्रामीण कृषि विस्तार और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी परीक्षा-2020, संयुक्त भर्ती परीक्षा संपरीक्षक, डाटा एंट्री ऑपरेटर और नर्स संवर्ग की परीक्षा 2020 में गड़बड़ी पाई गई थी. इसके अलावा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी गड़बड़ी मिल चुकी है. (Bhopal vyapam Renaming as PEB )

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