भोपाल। एक ओर सुल्तानिया की शिफ्टिंग चल रही है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का एक मामला भी सामने आया है. सागर की रहने वाले एक मजदूर की पत्नी की गर्भावस्था के दौरान मौत हो गई, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने उसका गर्भ नहीं निकाला और उसका पेट फूलता रहा. बमुश्किल उसके पति ने उसका अंतिम संस्कार किया. (Bhopal Sultania Hospital Pregnant Woman Died) (Sagar Woman Died In Sultania Hospital Bhopal)
अस्पताल पुराने ढर्रे पर बरकरार: सोमवार से सुल्तानिया अस्पताल को हमीदिया की नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया. यह कवायद इसलिए की जा रही है जिससे सुल्तानिया की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हो सकें, लेकिन लगता है सुल्तानिया अस्पताल अपने पुराने ढर्रे पर ही बरकरार रहेगा. मृतका के पति विनोद बंसल ने बताया कि उसकी पत्नी रानी को 9 माह की गर्भवती थी, परिजन उसे सुल्तानिया अस्पताल में भर्ती कराने लाए थे. यहां उसे भर्ती तो कर दिया गया, लेकिन उसकी सांस फूल रही थी. उसे ऑक्सीजन लगाया गया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही पत्नी रानी ने दम तोड़ दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता का आरोप: अस्पताल में मौजूद स्टाफ डॉक्टरों ने कहा कि, उसकी पत्नी मर चुकी है, इसलिए उसे यहां से लेकर चले जाएं. इधर विनोद का कहना है कि पत्नी के पेट में बच्चा जीवित है या मर गया यह भी अस्पताल प्रबंधन ने नहीं बताया और वैसे ही मुझे वापस भेज दिया. मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि "मध्य प्रदेश में एक ओर सरकार सुल्तानिया अस्पताल को बेहतर करने के लिए हमीदिया में शिफ्ट कर रही है, वहीं दूसरी ओर सुल्तानिया में महिला की मौत हो जाती है और मामले को अस्पताल प्रबंधन छुपाने में लगा रहा." (Bhopal Sultania Hospital Pregnant Woman Died) (Sagar Woman Died In Sultania Hospital Bhopal)