भोपाल। राजनीति में सबसे मजबूत दांव वो होता है, जिसमें एक्शन कहीं हो उसकी रिएक्शन दूर तक और देर तक दिखाई और सुनाई दे. आधा घंटे के भीतर एमपी में सीएम शिवराज ने दो बड़े फैसले किए. एमपी पीएससी की आगामी परीक्षा में तीन साल की छूट. दूसरा झाबुआ में कॉलेज के छात्रों की शिकायत सुनने के बजाए उनसे फोन पर अभद्रता करने वाले झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी का सस्पेंशन. इन फैसलों को साल भर की दूरी पर खड़े चुनाव के चश्में से देखिए तो सीएम शिवराज ने उस वोटर तक पहुंच का मजबूत रास्ता तैयार कर लिया है. 2018 के विधानसभा चुनाव में एक करोड़ 38 लाख के करीब जिस युवा वोटर के हाथ में था सत्ता का सेहरा बांधने की डोर है. अगले वर्ष 18 बरस की उम्र पार कर रहे नौजवानों की खेप के साथ ये आंकड़ा बढ़ चुका होगा. 2008 से मजबूत महिला वोटर के जरिए सत्ता की हैट्रिक लगाने वाले शिवराज की 2023 में निगाह क्या इस बार यूथ वोटर पर है? (Bhopal Shivraj played big bet in PSC exam)
CM शिवराज का दावा, आने वाले 10 वर्षो में हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों को पीछे छोड़ेगा इंदौर
आयु सीमा बढ़ाकर शिवराज ने खेला बड़ा दांवः एमपी पीएससी परीक्षा में आयु सीमा में इस बार दी गई तीन साल की छूट मध्यप्रदेश के उन तमाम नौजवानों के लिए बड़ी राहत है, जो कोरोना की वजह से परीक्षा देने से चूक गए थे. 2019 से लेकर 2022 तक के इन छात्रों के लिए आयु सीमा बढ़ाकर एमपी पीएससी में इन छात्रों का समायोजन करके सीएम शिवराज ने बड़ा चुनावी दांव भी खेल दिया है. माना जा रहा है कि इस दायरे में दस लाख से ज्यादा छात्र आएंगे. जिनको शिवराज सरकार का ये फैसला सीधा प्रभावित करेगा. दूसरी तरफ 18 पार के कॉलेज के छात्रों से एसपी के दुर्व्यव्यवहार के मामले में भी शिवराज ने बड़ा संदेश दिया है. सीएम शिवराज ने जितनी फुर्ती से एक्शन लिया और उन्हें निलंबित किया यह संदेश अधिकारियों को तो था ही साथ ही नौजवानों को भी बता दिया कि उनके साथ हुई बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. (Bhopal Cm big bet 3 years relaxation PSC exam) (MP Bhopal CM Shivraj singh Master Stroke)