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Bhopal Ravan 2022: सोने की लंका वाले रावण को एक अदद नौकरी की तलाश !

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Published : Oct 4, 2022, 3:36 PM IST

श्रीलंका की बदहाली से रावण की अपनी माली सेहत पर असर तो जो जरूर पड़ा है. अट्टाहास करने वाला रावण अब शायद कायदे से मुस्कुरा भी नहीं पा रहा है. श्रीलंका में बिगड़े हालात के बाद लंकापति दशानन अपने पुतलों को देखने राजधानी भोपाल आए थे. वो ये जानने के लिए आये थे कि लंका की बदहाली से उनकी लोकप्रियता पर कितना फर्क आ रहा है. देखिए ईटीवी भारत पर लंकापति दशानन से एक्सक्लूसिव बातचीत. (Ravan 2022) (Bhopal Ravan 2022 )

Bhopal Ravan 2022
रावण 2022

भोपाल। हर बार दशहरे पर जिस रावण के जलने पर आप तालियां बजाते हैं, कभी आपने सोचा है कि मौजूदा हालात में वो रावण अगर आपके सामने होता तो क्या संकट होते उसके सामने. कौन से सवाल से वो जूझ रहा होता. श्रीलंका की बदहाली का रावण की पर क्या असर पड़ता. भोपाल में ईटीवी भारत से लंकापति रावण ने बात करके अपना गम हलका किया.

ईटीवी भारत पर लंकापति दशानन से एक्सक्लूसिव बातचीत

अट्टाहास करने वाले रावण जब रो पड़े: श्रीलंका की खराब हुई माली हालत को दशानन के चेहरे पर पढ़ा जा सकता है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में रावण ने बताया कि कैसे लाव लश्कर के साथ चलने वाले रावण के पास अपना ड्राईवर तक नहीं रहा. स्थिति ये हो गई है कि कई बार पैदल ही चलने की नौबत आ जाती है. सोने की लंका ऐसे तबाह होगी ये रावण को भी अंदाज़ा नहीं था. हालात ये हो गए कि अब रावण ने अपने दस सिर रखने भी छोड़ दिए हैं. वजह ये बताई की अब इतनी मंहगाई में दस सिर का खर्चा उठाना पाना मुश्किल हो रहा है. दस सिरों की दाढ़ी बनवाने में ही बहुत खर्चा हो जाता है.

कांड भी ऐसे नहीं कि राजनीति में एंट्री मिल जाए: ईटीवी भारत से बातचीत में रावण 2022 ने बताया कि उनका मन अब युद्ध के मैदान में नहीं लगता. वो रण छोड़कर राजनीति का रुख करना चाहते हैं, लेकिन उनकी योग्यता आड़े आ रही है. रावण का कहना है कि जिस तरह के कारनामे इन दिनों राजनेताओ के हैं, उसके आगे रावण के जीवनकाल में जो कुछ प्रसंग है. वो इतने बड़े नहीं हैं. सीता माता के अपहरण के अलावा कोई भी ऐसा नहीं जिसे गिनती में भी लिया जा सके. रावण पर भ्रष्ट्राचार के आरोप भी नहीं लगे और सीबीआई की रेड भी नहीं पड़ी. लिहाजा राजनीति में एंट्री के लिए जो जरूरी विशेषज्ञता है वो दशानन पूरी नहीं कर पा रहे. हालत ये है कि भोपाल में नौकरी तलाश रहे हैं रावण.

MP: यहां है रावण का मंदिर, रोजाना होती है पूजा, कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहीं दिया था आशीर्वाद

दशानन की अपील, कब तक मन का रावण मारोगे: दशानन ने सोशल मीडिया पर रावण को लेकर कोट्स जोक्स बनाने वालों से खास अपील की है. उनका कहना है कि जब वे अपने जीवन के सबसे बुरे दौर में गुजर रहे हैं तब लोगों को चाहिए कि उन्हें मोटिवेट करें. जबकि हालात ये हैं कि लोग अब तक उन्हें लेकर पुराने जोक्स और कोट्स का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए अपील की कि मन के रावण को मारने वाली लाईन बहुत पुरानी हो चुकी है. अब अगर इसे नहीं बदला गया तो इस कमज़ोर हालत में भी रावण को गुस्सा आ जाएगा. उन्होंने कहा कि ये समय है कि रावण का नैतिक बल देने के लिए उन पर लिखी गई लाईनें बदली जाएं. कॉपी पेस्ट से लोग बाहर आएं. उन्होंने आम लोग से ये भी अपील की है कि जिसकी सोने की लंका थी अगर वो रावण की ये दशा हो सकती है तो आर्थिक संकट किसी पर भी आ सकता है. इसलिए मंहगाई के दौर में हाथ बांध के चलने में समझदारी है. (Ravan 2022) (Bhopal Ravan 2022 )

भोपाल। हर बार दशहरे पर जिस रावण के जलने पर आप तालियां बजाते हैं, कभी आपने सोचा है कि मौजूदा हालात में वो रावण अगर आपके सामने होता तो क्या संकट होते उसके सामने. कौन से सवाल से वो जूझ रहा होता. श्रीलंका की बदहाली का रावण की पर क्या असर पड़ता. भोपाल में ईटीवी भारत से लंकापति रावण ने बात करके अपना गम हलका किया.

ईटीवी भारत पर लंकापति दशानन से एक्सक्लूसिव बातचीत

अट्टाहास करने वाले रावण जब रो पड़े: श्रीलंका की खराब हुई माली हालत को दशानन के चेहरे पर पढ़ा जा सकता है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में रावण ने बताया कि कैसे लाव लश्कर के साथ चलने वाले रावण के पास अपना ड्राईवर तक नहीं रहा. स्थिति ये हो गई है कि कई बार पैदल ही चलने की नौबत आ जाती है. सोने की लंका ऐसे तबाह होगी ये रावण को भी अंदाज़ा नहीं था. हालात ये हो गए कि अब रावण ने अपने दस सिर रखने भी छोड़ दिए हैं. वजह ये बताई की अब इतनी मंहगाई में दस सिर का खर्चा उठाना पाना मुश्किल हो रहा है. दस सिरों की दाढ़ी बनवाने में ही बहुत खर्चा हो जाता है.

कांड भी ऐसे नहीं कि राजनीति में एंट्री मिल जाए: ईटीवी भारत से बातचीत में रावण 2022 ने बताया कि उनका मन अब युद्ध के मैदान में नहीं लगता. वो रण छोड़कर राजनीति का रुख करना चाहते हैं, लेकिन उनकी योग्यता आड़े आ रही है. रावण का कहना है कि जिस तरह के कारनामे इन दिनों राजनेताओ के हैं, उसके आगे रावण के जीवनकाल में जो कुछ प्रसंग है. वो इतने बड़े नहीं हैं. सीता माता के अपहरण के अलावा कोई भी ऐसा नहीं जिसे गिनती में भी लिया जा सके. रावण पर भ्रष्ट्राचार के आरोप भी नहीं लगे और सीबीआई की रेड भी नहीं पड़ी. लिहाजा राजनीति में एंट्री के लिए जो जरूरी विशेषज्ञता है वो दशानन पूरी नहीं कर पा रहे. हालत ये है कि भोपाल में नौकरी तलाश रहे हैं रावण.

MP: यहां है रावण का मंदिर, रोजाना होती है पूजा, कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहीं दिया था आशीर्वाद

दशानन की अपील, कब तक मन का रावण मारोगे: दशानन ने सोशल मीडिया पर रावण को लेकर कोट्स जोक्स बनाने वालों से खास अपील की है. उनका कहना है कि जब वे अपने जीवन के सबसे बुरे दौर में गुजर रहे हैं तब लोगों को चाहिए कि उन्हें मोटिवेट करें. जबकि हालात ये हैं कि लोग अब तक उन्हें लेकर पुराने जोक्स और कोट्स का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए अपील की कि मन के रावण को मारने वाली लाईन बहुत पुरानी हो चुकी है. अब अगर इसे नहीं बदला गया तो इस कमज़ोर हालत में भी रावण को गुस्सा आ जाएगा. उन्होंने कहा कि ये समय है कि रावण का नैतिक बल देने के लिए उन पर लिखी गई लाईनें बदली जाएं. कॉपी पेस्ट से लोग बाहर आएं. उन्होंने आम लोग से ये भी अपील की है कि जिसकी सोने की लंका थी अगर वो रावण की ये दशा हो सकती है तो आर्थिक संकट किसी पर भी आ सकता है. इसलिए मंहगाई के दौर में हाथ बांध के चलने में समझदारी है. (Ravan 2022) (Bhopal Ravan 2022 )

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