भोपाल। पढ़ाई के बोझ के साथ आपस में कंपटीशन के चलते कई बार बच्चे मानसिक तनाव में आ जाते हैं. स्कूल में बेहतर करने और क्लास में अच्छे नंबरों से पास होने का दबाव अभिभावकों द्वारा इन बच्चों पर लगातार दिया जाता है. ऐसे में बच्चे डिप्रेशन में आ जाते हैं और कई बार गलत कदम भी उठा लेते हैं. इन सब परेशानियों से जूझ रहे बच्चों के समाधान के लिए भोपाल के मॉडल स्कूल टीटी नगर में एक साइकोलॉजिकल लैब बनाई गई है. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित स्कूल में वे तमाम सुविधाएं हैं जो स्टूडेंट्स को दी जाती हैं, ऐसे में स्टूडेंट्स का मानसिक स्तर भी बेहतर हो इसके लिए इस लैब को इसी साल जनवरी से शुरू किया गया था. Psychological lab built in model school
साइकोलॉजिकल किट से स्टूडेंट्स के टेस्ट: दरअसल इस लैब में काउंसलर के साथ ही कुछ इक्विपमेंट्स (उपकरण) भी मौजूद हैं. जिन्हें साइकोलॉजिकल किट का नाम दिया गया है. इसके माध्यम से आने वाले स्टूडेंट्स को पहले बैठा कर उससे सवाल जवाब किए जाते हैं, फिर किट के माध्यम से उसके कई तरह के टेस्ट लिए जाते हैं. जिससे बच्चे का मानसिक स्तर देखा जाता है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर उसके माता-पिता को भी बुलाया जाता है. Model Higher Secondary School TT Nagar
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अब तक 700 से अधिक स्टूडेंट्स की काउंसलिंग: स्कूल की प्राचार्य रेखा शर्मा बताती हैं कि ''मध्य प्रदेश में यह संभवत पहला ऐसा स्कूल है जहां सरकारी स्तर पर साइकोलॉजिकल लैब संचालित की जा रही है. अभी तक 700 से अधिक स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की जा चुकी है. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों में सब्जेक्ट चयन को लेकर होती है. इसमें कक्षा नौवीं से बारहवीं के छात्र शामिल हैं. ऐसे में उनका मानसिक स्तर बेहतर हो इसके लिए इस साइकोलॉजिकल लैब की शुरुआत की गई है.
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