भोपाल। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती नजर आती हैं, साथ ही केंद्र हो या प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना को लेकर अपनी पीठ थपथपाते नजर आती है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल इन योजनाओं का मखौल उड़ाते हुए अपनी मनमानी पर उतारू हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी भोपाल में देखने को मिला, जहां भोपाल के कोलार स्थित रुद्राक्ष अस्पताल में 27 सितंबर को मरीज को भर्ती कराया गया था, उसका इलाज आयुष्मान कार्ड से होना था पर डॉक्टर इलाज करते गए और बाद में अस्सी हजार का बिल मरीज के परिजनों को थमा दिया.
अस्पताल में बंधक बना मरीज, परिजन हो रहे परेशान: मरीज को अस्पताल द्वारा बंधक बनाकर रखा गया है, साथ ही उसके परिजनों से कहा गया कि उनका आपका आयुष्मान कार्ड फर्जी है. मरीज को 1 अक्टूबर को डिस्चार्ज किया जाना था, वहीं अभी तक उसे डिस्चार्ज नहीं किया गया है. फिलहाल अस्पताल लगातार बिल में बढ़ोतरी कर रहा है और मरीज को अस्पताल में बंधक बनाए हुए है, जिसके चलते मरीज के परिजन काफी परेशान हैं.
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मीडिया से बचते नजर आया अस्पताल प्रबंधन: वहीं इस मामले में प्रबंधन ना तो मीडिया से ना ही मरीज से सीधे मुँह बात कर रहा है, इसके अलावा अस्पताल के मैनेजर ने साफ कहा कि जब तक पैसा नहीं मिलेगा, तब तक मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा. इतना ही नहीं मैनेजर ने अपना नाम तक बताने से मना कर दिया, फिलहाल परिजनों ने इस मामले में पुलिस में शिकायत नहीं की है. (bhopal patient looted in name of treatment)