भोपाल(Bhopal)। प्रदेश में कोरोना और मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं तीसरी लहर के खतरे के बीच, अस्पतालों की कमी और मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने बैलून अस्पतालों (Balloon Hospital) के निर्माण का फैसला लिया है. इसके तहत बैतूल (Betul) के सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में 10 दिन के अंदर 50 बिस्तर वाला हॉस्पिटल का निर्माण होगा. इस बैलून अस्पताल में वह तमाम सुविधाएं मौजूद रहेंगी, जो एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Speciality Hospital) में होती हैं. अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन की मदद से इसे तैयार किया जा रहा है. जिसमें मरीजों का अमेरिकन तकनीक से इलाज हो सकेगा.
राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidiya Hospital) में भी इस तरह का अस्पताल बनाए जाने की योजना थी. लेकिन नई बिल्डिंग के निर्माण के चलते अभी तक बैलून अस्पताल का निर्माण नहीं हो पाया है. यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया है.
क्या होता है बैलून हॉस्पिटल ?
यह एक बैलून के अंदर बनने वाला हॉस्पिटल होता है. इसके तहत अस्पताल के बाहर की जो बिल्डिंग होती है, वह कंक्रीट की ना होकर बैलून की तरह एक टेंट की होती है. जिसके अंदर इस अस्पताल को स्थापित किया जाता है. यह बैलून रूपी टेंट इतनी हाई क्वालिटी से तैयार किया जाता है कि इस पर पानी और आग का भी असर नहीं होता है.
बैतूल में तैयार हो रहा बैलून अस्पताल
50 बिस्तरों वाला इंफ्लेटेबल हॉस्पिटल, पानी और अग्निरोधक हवादार बैलून से बना है. इसमें ICU, ऑक्सीजन बेड से लेकर वह सभी सुविधाएं होंगी जो एक निजी अस्पताल में होती हैं. दिल्ली की कंपनी पीडी मेडिकल इसे तैयार कर रही है. इसमें 15 ऑक्सीजन बेड और 27 सामान्य बेड, ऑक्सीजन पाइप लाइन का सपोर्ट है. हॉस्पिटल में रिसेप्शन एरिया, डॉक्टर लॉज, एग्जामिनेशन हॉल, डॉक्टर, नर्स, मरीज, वॉशरूम, मरीजों को भर्ती करने की सुविधा होगी.
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हॉस्पिटल के लिए जिला अस्पताल ने भूमि उपलब्ध कराई है. जबकि PWD PIU ने इसका फ्लोर तैयार कर उपलब्ध कराया है. अस्पताल के सीवरेज और पेयजल की व्यवस्था नगर पालिका प्रशासन को सौंपी गई है. हॉस्पिटल में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध कराएगा.
ठंडे बस्ते में भोपाल का बैलून अस्पताल
4 महीने पहले कोरोना की दूसरी लहर के समय भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भी इस तरह का बैलून अस्पताल बनाए जाने की तैयारी की जा रही थी. उस समय पेशेंट ज्यादा होने की वजह से बैड की कमी सामने आई थी. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया था. लेकिन प्राइवेट अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल घोषित करने के बाद यह मामला तब ठंडे बस्ते में चला गया था. अब हमीदिया की नई बिल्डिंग का निर्माण शुरू होने की वजह से बैलून अस्पताल का निर्माण ठंडे बस्ते में चला गया.