भोपाल। भोपाल के वन विहार में उस समय अफरा-तफरी मच गई रेस्क्यू सेंटर में बंद टाइगर अचानक अपने केज से बाहर निकल आया. घटना की जानकारी लगते ही वन विहार में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में वन विहार में मौजूद पर्यटकों को बाहर निकालकर पार्क से सभी गेट बंद कराए गए. बाघ की तलाश के लिए लगभग 2 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया. जिसके बाद वन विहार एरिया में ही बाघ एक पेड़ के नीचे सोता हुआ पाया गया. जिसे ट्रेन्कूलाइज कर वापस में रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है.
दो घंटे तक रही अफरा-तफरी: भोपाल का वन विहार राष्ट्रीय उद्यान शहर से लगा हुआ है. जिस आदमखोर बाघ को यहां हरदा से पिछले साल रेस्क्यू करके लाया गया था वही बाघ अचानक अपने बाड़े से बाहर निकल गया. इसकी जानकारी तब लगी जब सुबह करीब 10 बजे बाड़े का केयरटेकर बाड़े के नजदीक पहुंचा. बाघ उसे बाड़े में नहीं दिखाई दिया जिसके बाद उसने तत्काल इसकी सूचना वन विहार प्रबंधन को दी. सूचना के बाद वन विहार में हड़कंप मच गया, क्योंकि घटना के वक्त वन विहार में कई पर्यटक भी मौजूद थे. तत्काल वन विहार प्रबंधन ने पर्यटकों को बाहर निकालकर पार्क के सभी गेट बंद कराए. जिसके बाद बाघ की सर्चिंग शुरू की गई. आखिरकार करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद प्रबंधन बाघ को खोजने में सफल रहा. वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर एके जैन के मुताबिक-
बाघ वन विहार के अंदर ही एक पेड़ के नीचे सोते मिला. बाद में बाघ को बेहोश कर वापस पिंजरे में लाया गया।
एके जैन ,डिप्टी डायरेक्टर,वन विहार
आदमखोर था बाघ शौर्य: बाड़े से भागे बाघ शौर्य को पिछले साल मार्च में हरदा से रेसक्यू कर लाया गया था. वहां बाघ ने तीन लोगों पर हमला किया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसके बाद ग्रामीणों ने बाघ को मारने की कोशिश की थी. बाद में इसे एसटीआर रेस्क्यू टीम ने रेस्क्यू कर वन विहार पहुंचाया था.
बाड़े से बाहर कैसे निकला बाघ? बाघ के सुरक्षित रेस्क्यू से वन विहार प्रबंधन ने राहत की सांस ली है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बाघ बाड़े से बाहर कैसे निकला. वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर के मुताबिक इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर कैसा किसकी गलती से हुआ. जिसकी भी गलती मिलेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.