भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कपास की खरीदी पर लगने वाले मंडी शुल्क में कमी करने की मांग की है. कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि कपास की खरीदी पर 1.7 फीसदी मंडी शुल्क लगता है. जिसे घटाकर 0.5 फीसदी किया जाए. इस मांग को लेकर प्रदेश भर में कपास व्यवसायियों और जीनिंग कारखानों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल की जा रही है.(kamal nath wrote letter to chief minister shivraj) (bhopal highest fee compared to border states)
सीमावर्ती राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है शुल्कः कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के सीमावर्ती राज्य गुजरात में कपास पर मंडी का शुल्क 0.25 प्रतिशत लगता है. वहीं महाराष्ट्र में कपास पर मंडी शुल्क 0.5 फीसदी है. निकटवर्ती राज्यों में मंडी शुल्क के कम होने से कपास की बिक्री बाहरी राज्यों में होने से राज्य का व्यापार अन्य राज्यों में जा रहा है. इससे प्रदेश को नुकसान हो रहा है. पिछले समय में प्रदेश के अनेक जीनिंग कारखाने या तो बंद हो गए हैं, या गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में जा चुके हैं. इसी का परिणाम है कि प्रदेश के किसानों, व्यवसायियों और मजदूरों का आक्रोश हड़ताल के रूप में सामने आ रहा है. पहले प्रदेश की पहचान कपास, कपास के उत्पादों और जीनिंग कारखानों से हुआ करती थी. इससे प्रदेश के जिलों में बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका चलती थी. लेकिन सरकार की नीतियों के चलते यह खत्म होती जा रही हैं. इसको देखते हुए सरकार को कपास की खरीदी पर लगने वाले मंडी टैक्स को घटाया जाना चाहिए. (bhopal demanding reduction in mandi fee on cotton) (bhopal highest fee compared to border states)