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GRP rescued Minors: 'बचपन का प्यार'-1000 रुपए लेकर प्यार की दुनिया बसाने घर से भागे नाबालिग, फिर इस तरह पहुंचे अपने घर - Child Welfare Committee

यूपी के एक जिले के रहने वाले दो नाबालिग लड़का-लड़की अपने प्यार को परवान चढ़ाने घर से भाग गए. भोपाल में जीआरपी की निगाह उन पर पड़ गई. इसके बाद उन्हें रेस्क्यू कर चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया. बच्चों ने बताया कि ''परिवार वालों की सख्ती की वजह से दोनों उन्हें सबक सिखाने के लिए घर से भागे थे''. उनकी यह बातें सुनकर चाइल्ड लाइन की टीम और परिजन हैरान रह गए. (Bhopal GRP rescued Minors)

Bhopal GRP rescued Minors
भोपाल जीआरपी ने नाबालिगों को चाइल्ड लाइन को सौंपा
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Published : Jul 18, 2022, 10:09 AM IST

भोपाल। दुनिया की सख्त हकीकत से बेखबर किशोर उम्र लड़का और लड़की प्यार की नई दुनिया बसाने निकल पड़े. दोनों अपने घर से 500-500 रूपये लेकर निकले थे. जीआरपी की नजर उन पर पड़ी तो भोपाल चाइल्ड लाइन से संपर्क किया. जिसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम उन्हें अपने साथ ले गई. काउंसलिंग के बाद बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) के आदेश पर दोनों को उनके परिवार को सौंप दिया गया है.

प्यार को परवान चढ़ाने घर से भागे नाबालिग: भोपाल चाइल्ड हेल्पलाइन (Bhopal Child Helpline) से मिली जानकारी के अनुसार, 16 वर्षीय लड़की और 17 वर्षीय लड़का यूपी के एक जिले के रहने वाले हैं. दोनों बचपन के दोस्त थे. एक साथ पढ़ते हुए दोस्ती प्यार में बदल गई. लड़की का भाई उससे बड़ा है. जब उसे दोनों के रिश्ते के बारे में जानकारी लगी तो उसने दोनों को वॉर्निंग दी. दो-तीन बार मिली वॉर्निंग के बाद दोनों डर गए स्कूल के बाहर मिलना बंद हो गया.

परिवार को सबक सिखाने के लिए बनाई योजना: परिवार वालों की सख्ती की वजह से दोनों ने अपने परिवार वालों को सबक सिखाने की योजना बनाई. उन्होंने सोचा कि घर से चले जाते हैं, परिवार वालों को सबक भी मिल जाएगा और वो दोनों एक साथ जहां चाहे वहां रह पाएंगे. यह सोचकर दोनों अपने- अपने घर से पांच-पांच सौ रुपए लेकर आए. हजार रुपए लेकर दोनों ने अपना अलग संसार बसाने के सपने बुनना शुरू कर दिए.

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बिना किसी प्लानिंग के निकले घर से: काउंसलिंग में दोनों ने बताया कि ''ऐसी कोई प्लानिंग नही थी कि अब कहां जाना है. उन्हें सबसे पहले जो ट्रेन मिली वो उसमें चढ़ गए. भोपाल तक कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन भोपाल में उन पर जीआरपी की निगाह पड़ीं, इसके बाद उन्हें रेस्क्यू किया गया''. मामले में माता-पिता बच्चों के इस तरह का कदम उठाने से हैरत में नजर आए. लड़के के पिता ने कहा कि ''दोनों बच्चों को अभी दुनियादारी की समझ नहीं है. हम सोच भी नहीं सकते थे कि बच्चे इतनी हिम्मत करेंगे और इस तरह घर से निकल पड़ेंगे''.
(Bhopal GRP rescued Minors) (Minor lovers who ran away from home) (Bhopal GRP Big Action) (Bhopal GRP handed over minors to Child Line)

भोपाल। दुनिया की सख्त हकीकत से बेखबर किशोर उम्र लड़का और लड़की प्यार की नई दुनिया बसाने निकल पड़े. दोनों अपने घर से 500-500 रूपये लेकर निकले थे. जीआरपी की नजर उन पर पड़ी तो भोपाल चाइल्ड लाइन से संपर्क किया. जिसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम उन्हें अपने साथ ले गई. काउंसलिंग के बाद बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) के आदेश पर दोनों को उनके परिवार को सौंप दिया गया है.

प्यार को परवान चढ़ाने घर से भागे नाबालिग: भोपाल चाइल्ड हेल्पलाइन (Bhopal Child Helpline) से मिली जानकारी के अनुसार, 16 वर्षीय लड़की और 17 वर्षीय लड़का यूपी के एक जिले के रहने वाले हैं. दोनों बचपन के दोस्त थे. एक साथ पढ़ते हुए दोस्ती प्यार में बदल गई. लड़की का भाई उससे बड़ा है. जब उसे दोनों के रिश्ते के बारे में जानकारी लगी तो उसने दोनों को वॉर्निंग दी. दो-तीन बार मिली वॉर्निंग के बाद दोनों डर गए स्कूल के बाहर मिलना बंद हो गया.

परिवार को सबक सिखाने के लिए बनाई योजना: परिवार वालों की सख्ती की वजह से दोनों ने अपने परिवार वालों को सबक सिखाने की योजना बनाई. उन्होंने सोचा कि घर से चले जाते हैं, परिवार वालों को सबक भी मिल जाएगा और वो दोनों एक साथ जहां चाहे वहां रह पाएंगे. यह सोचकर दोनों अपने- अपने घर से पांच-पांच सौ रुपए लेकर आए. हजार रुपए लेकर दोनों ने अपना अलग संसार बसाने के सपने बुनना शुरू कर दिए.

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बिना किसी प्लानिंग के निकले घर से: काउंसलिंग में दोनों ने बताया कि ''ऐसी कोई प्लानिंग नही थी कि अब कहां जाना है. उन्हें सबसे पहले जो ट्रेन मिली वो उसमें चढ़ गए. भोपाल तक कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन भोपाल में उन पर जीआरपी की निगाह पड़ीं, इसके बाद उन्हें रेस्क्यू किया गया''. मामले में माता-पिता बच्चों के इस तरह का कदम उठाने से हैरत में नजर आए. लड़के के पिता ने कहा कि ''दोनों बच्चों को अभी दुनियादारी की समझ नहीं है. हम सोच भी नहीं सकते थे कि बच्चे इतनी हिम्मत करेंगे और इस तरह घर से निकल पड़ेंगे''.
(Bhopal GRP rescued Minors) (Minor lovers who ran away from home) (Bhopal GRP Big Action) (Bhopal GRP handed over minors to Child Line)

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