भोपाल। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Bollywood Actress Kangna Ranaut) से पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shree Award) वापस लेने की मांग को लेकर भोपाल में कांग्रेस (Bhopal Congress) ने अभिनेत्री कंगना रनौत का पुतला जलाया ( Congress burnt effigy of Actress Kangana Ranaut) और देशद्रोह का मुकदमा कायम (sedition case against Actress Kangna Ranaut) करने की मांग की है.
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर की थी अभद्र टिप्पणी
अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी (Indecent remarks on Father of the Nation Mahatma Gandhi) करने व उनका अपमान करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज 6 नंबर बस स्टॉप पर कंगना रनौत का पुतला दहन किया. जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कंगना राणावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस ने करनाल गांव से पद्मश्री वापस दिए जाने की मांग की.
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कंगना रनौत पर देशद्रोह का मुकदमा कायम करने की मांग
देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग करते हुए जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान ने कहा कि सरकार को कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेना चाहिए, इसके साथ ही उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए.
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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राष्ट्रपति से कंगना को दिया पद्म पुरस्कार वापस लेनी की मांग की
अभी हाल में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इसको लेकर तीन ट्वीट किए. उन्होंने लिखा कि निंदनीय और पूरे देश को चौंकाने वाला. सुश्री कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे साहसी स्वतंत्रता सेनानियों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और कई अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान का अपमान करता है. "माननीय @rashtrapatibhvn को सुश्री रनौत को दिया गया पद्म पुरस्कार तुरंत वापस लेना चाहिए. इस तरह के पुरस्कार देने से पहले मानसिक मनोचिकित्सीय मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे व्यक्ति राष्ट्र और उसके नायकों का अपमान न करें. 'प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और राष्ट्र को बताना चाहिए कि क्या वह सुश्री रनौत के विचारों का समर्थन करते हैं? यदि नहीं, तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.'
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पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हुई हैं कंगना रनौत
बता दें कि हाल ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभिनेत्री कंगना रनौत को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. कंगना के ताजा बयान पर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी उन्हें खरी-खोटी सुनाई हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, कि आखिर वे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को भीख कैसे बता सकती हैं. बता दें कि कंगना के इन्हीं भड़काउ बयानों के चलते ट्विटर पहले ही उनका अकाउंट बंद कर चुका है. (Bollywood Actress Kangna Ranaut Controversy)
1947 की आज़ादी पर क्या बोलीं थी कंगना रनौत?
कंगना बृहस्पतिवार को टाइम्स नाउ की सम्मिट में पहुंचीं, जहां कंगना ने निजी मामलों से लेकर राजनीति पर अपने विचार रखे. इस बीच कंगना यह कहती सुनाई दीं कि 1947 में मिली देश को आजादी एक भीख में मिली आजादी थी. कंगना ने अपने बयान में कहा, 'सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून न बहाए. उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, यकीनन, लेकिन वो आजादी नहीं थी वो भीख थी, असली आजादी तो 2014 में मिली है.'
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर ये टिप्पणी की
अभिनेत्री कंगना रनौत ने अब महात्मा गांधी को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि दूसरा गाल आगे करने से आजादी नहीं 'भीख' मिलती है. रनौत ने पिछले हफ्ते कहा था कि 1947 में भारत को आजादी नहीं बल्कि भीख मिली थी. असली स्वतंत्रता 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई.
रनौत ने इंस्ट्राग्राम पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर महात्मा गांधी को निशाना बनाया और कहा कि अपने नायकों को समझदारी से चुनो. अभिनेत्री ने एक अखबार की पुरानी कतरन साझा की है जिसकी सुर्खी है, गांधी, अन्य नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे.
खबर में दावा किया गया है कि गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी कि यदि बोस देश में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे. रनौत ने अखबार की कतरन के साथ लिखा है कि या तो आप गांधी के प्रशंसक हैं या नेताजी के समर्थक हैं. आप दोनों एक साथ नहीं हो सकते हैं. चुनो और फैसला करो.