धमतरी/भोपाल। कहते हैं कि हिम्मत से बड़ी कोई ताकत नहीं होती... अगर समय रहते हिम्मत दिखायी जाए तो इंसान कुछ भी कर गुजरता है. आज हम आपको एक ऐसे बालवीर से रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं, जो अपने आप में किसी नज़ीर से कम नहीं... दरअसल हम बात कर रहे हैं, धमतरी (Dhamtari) की साहसी बालिका जाह्नवी (Jhanvi) की, जिसे राज्य वीरता पुरस्कार (State Gallantry Award) से भी नवाजा जा चुका है.
हम बाल दिवस (children's Day) के मौके पर आपको बालवीर जाह्नवी (Baalveer Jhanvi)के उस साहसी कार्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी वजह से हर कोई जाह्नवी के हिम्मत की सराहना करता है.
ये है पूरा वाकया
धमतरी जिले के कुरूद में रहने वाली जाह्नवी राजपूत ने न सिर्फ सूझबूझ का परिचय दिया था बल्कि अपनी जान पर खेलकर करंट से चिपक रहे अपने भाई (Jhanvi Brother ) की जान बचाई थी. साल 2020 और 15 अगस्त का वो दिन... तकरीबन 11.30 मिनट का वक्त था. उस वक्त ऐसी घटना घटी कि सब हैरत में पड़ गए. कारगिल चौक निवासी भारत भूषण राजपूत का 5 वर्षीय बेटा शिवांश राजपूत छत के पास खेल रहा था. छत की ऊंचाई करीब 14 फीट है. खेलते-खेलते शिवांश छत से गुजरने वाले बिजली के तार की चपेट में आ गया. शिवांश को बचाने की कोशिश में उसकी मां और बहन भी बिजली के झटके से दूर गिर गई. शिवांश बिजली की तार से चिपका (trapped in electric wire) तड़प रहा था. इसी दौरान शिवांश की 12 वर्षीय बड़ी बहन जाह्नवी राजपूत ने सूझबूझ से छत में रखे बांस को उठा लिया और तार पर जोर जोर से मारने लगी.इससे शिवांश बिजली के तार से छूट गया, लेकिन छत से वह गिरने लगा.बहन जाह्नवी ने हिम्मत दिखाते हुए शिवांश का हाथ पकड़कर उसे ऊपर खींचा और उसकी जान बचा ली.
ये था जाह्नवी का कारनामा... वहीं, जाह्नवी के इस हिम्मत को सबने सराहा और राज्य वीरता पुरस्कार से उसे सम्मानित किया गया.
पिता से मिली प्रेरणा
जब ETV भारत ने साहसी जाह्नवी से खास बातचीत की तो जाह्नवी ने बताया कि उसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली थी. एक दिन पिता ने उसे बताया था कि बांस में करंट नहीं लगती है. ये बात उसे याद थी. पहले उसे लगा कि वो अपने भाई को नहीं बचा पाएगी, लेकिन अपने पिता की बात और सूझबूझ से जान जोखिम में डालकर उसने आखिरकार अपने भाई को बचा ही लिया.
हर ओर हो रही बालवीर जाह्नवी की तारीफ
इधर, जाह्नवी के पिता बताते हैं कि उन्हें अपनी बेटी के साहस पर गर्व है. उनकी बेटी उनका अभिमान बन गई है. वहीं शहरवासी भी साहसी जाह्नवी की तारीफ करते नहीं थक रहे.