भोपाल। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद मध्यप्रदेश में एक बार फिर स्कूलों को खोला जा रहा है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया था, कि सभी शिक्षकों को वैक्सीन लगाई जाए, इसके बाद स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन इस निर्देश के बावजूद कई शिक्षकों को वैक्सीन नहीं लगाया गया है, कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं, जिन्हे पहली डोज दी गई है, जबकि दूसरी डोज देना बाकि है, ऐसे में बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा सकता है, इसके बावजूद 26 जुलाई से 11वीं और 12वीं के स्कूल खोल जा रहे हैं.
माता-पिता की सहमति से बच्चों को स्कूलों में मिलेगा प्रवेश
राज्य शासन के निर्देशों के बाद 26 जुलाई से शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों का संचालन शुरू किया जा रहा है, शासकीय स्कूलों में कक्षाओं के संचालन के लिए शिक्षा विभाग ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं, जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र जैन के अनुसार बीते दिनों शासकीय स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई, स्कूलों में शिक्षकों का आना भी शुरू हो गया है, वर्तमान में स्कूलों में पहुंचने वाले बच्चों को अपने माता-पिता की सहमति लाना अनिवार्य होगा, माता-पिता की सहमति के बाद ही बच्चों को कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा.
80% शासकीय स्कूलों के शिक्षकों का हो चुका है वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद 26 जुलाई से स्कूलों को खोलने की शुरुआत की जा रही है, वहीं बीते दिनों यह भी घोषणा की गई थी कि स्कूलों का संचालन करने से पूर्व 100% शिक्षकों को वैक्सीन लगाई जाएगी, वर्तमान में इंदौर के शासकीय स्कूलों में 80% शिक्षकों को ही वैक्सीन लगी है, 20% के लगभग शिक्षकों को वैक्सिंग अब तक नहीं लगी है, मामले में जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र जैन का कहना है कि आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन को लेकर कैंप आयोजित किया जाएगा, जिसके माध्यम से 100% शिक्षकों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
100% शिक्षकों को नहीं लगी वैक्सीन
100% शिक्षकों को वैक्सीन लगाने के बाद ही स्कूल खोलने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक बड़ी संख्या में शिक्षकों को वैक्सीन नहीं लगाई गई है, जिसके चलते संक्रमण की आशंका और भी अधिक बढ़ गया है, इंदौर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ ज्योति बिंदल के अनुसार वैक्सीन लगने के 3 हफ्तों बाद वैक्सीन का मुख्य प्रभाव शरीर में शुरू होता है, हालांकि वैक्सीन लगने के 10 दिन बाद से ही वैक्सीन अपना असर शरीर में शुरू कर देती है.
वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद इसका असर कारगर होता है. साथ ही वैक्सीन मुख्य तौर पर जिस व्यक्ति को लगी है, उसे संक्रमण के खतरे से बचाती है, अगर वैक्सीन लगने वाले व्यक्ति को संक्रमण होता है, तो उसकी जान का खतरा कम होता है, लेकिन उस व्यक्ति से संक्रमण की उम्मीद बनी रहती है.
स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का किया जाएगा पालन
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी नरेंद्र जैन के अनुसार स्कूलों में कक्षाओं के संचालन के दौरान कोरोना वायरस का विशेष तौर पर पालन किया जाएगा, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा, साथ ही सेनीटाइजर की व्यवस्था की जाएगी, बीते दिनों ईटीवी भारत ने स्कूलों को खोले जाने को लेकर अभिभावक की राय जानी थी, जिसमें अभिभावकों का कहना था कि जब तक बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता तब तक संक्रमण का खतरा बना हुआ है, ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना उनकी जान के साथ खिलवाड़ करना है, मुख्य तौर पर अधिकतम अभिभावकों द्वारा वेक्सिनेशन के पूर्व बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार किया गया था.
भोपाल में भी शिक्षकों को नहीं लगी वैक्सीन
मध्यप्रदेश सरकार 26 जुलाई से स्कूल खोलने जा रही है, इसे लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं, सवा साल बाद बच्चे स्कूल जाएंगे, इसके लिये सीएम ने निर्देश दिया है कि स्कूल के सभी शिक्षकों को वैक्सीनेशन अनिवार्य है, इसे लेकर कलेक्टरों को भी आदेश दिए गए हैं, वहीं लोक शिक्षण केन्द्र से मिले आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 1 लाख शिक्षकों का ही वैक्सीनेशन हुआ है, अभी भी 2 लाख लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना बाकी है.
सीएम के निर्देश के बावजूद शिक्षकों को नहीं लगी वैक्सीन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकार ने स्कूलों कॉलेजों शिक्षक और कर्मचारी का वैक्सीनेशन जरूरी किया है, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कलेक्टरों को 26 जुलाई से 31 जुलाई के बीच शिक्षकों का वैक्सीनेशन कराने का निर्देश दिए हैं, वैक्सीनेशन वर्कप्लेस कोविड-19 का सत्र अलग से लगाने के बात कही है, ऐसे में अलग-अलग जिलों में 2 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन 5 दिन के अंदर लगाना होगा.
रोजाना लगवाने होंगे 40 हजार से अधिक डोज
मध्यप्रदेश में 1 लाख 58 हजार शिक्षकों का पहला डोज, वहीं 30 हजार शिक्षकों को दूसरा डोज लग चुका है, ऐसे में 70 प्रतिशत शिक्षकों को वैक्सीनेशन जरुरी है, जिसे 5 दिन में पूरा किया जाना है, यानी रोजना 40 हजार से अधिक डोज लगाना होगा, इसके लिये सभी कलेक्टर को आदेश जारी किए हैं, वहीं 9वीं से 12वीं क्लास के 17 हजार स्कूलों में 39 लाख बच्चे हैं, जिन्हें स्कूल जाना है, इन के बचाव के लिये सरकार तमाम इंतेजाम करने हैं.
कुछ इस तरह रहेगा स्कूल का शेड्यूल
स्कूल शिक्षा विभाग कैलेंडर जारी किया है जिसके अनुसार सोमवार से 11वीं और 12वीं की कक्षाएं सप्ताह में 2 दिन लगेंगे, 12वीं की क्लास के लिए सोमवार और गुरुवार तय किया हुआ है, वहीं 11वीं की कक्षा के लिए मंगलवार और शुक्रवार का दिन तय किया है. 50 फ़ीसदी बच्चे स्कूल पहुंचेंगे मई 5 अगस्त से नौवीं और दसवीं की क्लासेस हफ्ते में एक दिन लगाई जाएगी.
26 जुलाई से खुल जाएंगे स्कूल, इस Guideline के तहत होगी पढ़ाई, हफ्ते में दो दिन लगेंगी Class
सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन
दसवीं कक्षा के लिए बुधवार और 9वीं कक्षा के लिए शनिवार का दिन तय किया गया है, साथ ही ऑनलाइन क्लासेस पहले की तरह ही जारी रहेगी, इस दौरान आने जाने के लिए निजी वाहन में भी 50% बच्चे ही स्कूल आएंगे, साथ ही हॉस्टल भी खुल सकेंगे, जिसके लिए भी अलग से नियम जारी किए गए हैं, इस दौरान स्कूल में सभी तरह की प्रार्थना और एक साथ इकट्ठा होने पर रोक रहेगी.