भोपाल: पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मध्य प्रदेश में कोरोना के इलाज में लापरवाही और हाल ही में नकली प्लाज्मा से मरीज की मौत के मामले को लेकर शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा है. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश में अस्पतालों में आपदा को अवसर में बदलने का खेल चल रहा है. नकली प्लाज्मा से मरीजों की मौत सत्ता का शर्मनाक चेहरा है. अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए जनता शिवराज सिंह की तरफ देख रही है.
नीरो की तरह चैन की बंशी बजा रहे शिवराज
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह( Former Leader of Opposition Ajay Singh) ने कहा है कि आपदा को अवसर में बदलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सलाह को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे जोर-शोर से निभा रहे हैं. नकली प्लाज्मा से मरीजों की मौत हो रही है. प्रदेश में शुरू हुई गिद्ध संस्कृति के चलते अस्पतालों में दलालों का रैकेट सक्रिय है. आदिवासी जिलों में सैकड़ों बच्चों की मौत हो रही है. इन सबसे बेफिक्र शिवराज सिंह नीरो की तरह चैन की बंसी बजा रहे हैं, क्योंकि अब तो वे सत्ता हथिया चुके हैं.
ग्वालियर में 20-20 हजार में कराया जा रहा नकली प्लाज्मा उपलब्ध
अजय सिंह ने कहा कि ग्वालियर में कोरोना मरीज के परिजनों से 20-20 हजार लेकर नकली प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा रहा है और मरीज मर रहे हैं. आश्चर्य है कि जयारोग्य अस्पताल में प्लाज्मा का सर्टिफिकेट भी दिया जाता है. अपोलो अस्पताल में जो प्लाज्मा चढ़ाया गया, वह नकली निकला और मरीज की दर्दनाक मौत हो गई. अस्पताल प्रबंधन ने बिना जांचे प्लाज्मा मरीज को चढ़ा दिया. निजी अस्पतालों में खून, प्लाज्मा और इलाज के नाम पर रैकेट सक्रिय हैं. जांच की घोषणा कर, समितियां बनाकर या फिर दोषी का तबादला करके इतिश्री कर ली जाती है. शिवराज सिंह की प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था ठोस बनाने में कोई रुचि नहीं है, सिर्फ झूठ और बातों का जमा खर्च है.
सरकार को नहीं आदिवासियों की चिंता
अजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी सरकार को आदिवासियों की भलाई से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि वे उन्हें आदिवासी मानते ही नहीं, वनवासी कहते हैं. शहडोल के ठाकरे अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत व पूरे देश में चर्चा का विषय है. यहां पिछले आठ माह में 362 बच्चों की मौत हो चुकी है. इन मौतों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां इमरजेंसी वार्ड में केवल 20 नवजातों को भर्ती करने की जगह है. जबकि अनूपपुर, उमरिया आदिवासी जिलों से भी बच्चों को शहडोल के अस्पताल में रेफर किया जाता है. लेकिन स्थानीय मंत्री बिसाहूलाल सिंह जीत का जश्न मना रहे हैं. लगता है कि उन्हें अपनी बिरादरी की चिंता नहीं है. गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त इलाज नहीं मिल रहा है. सरकारी योजनाएं शहडोल जिला अस्पताल में सिर्फ कागजों पर चल रही हैं.
लोगों की जान का अब भगवान ही मालिक
अजय सिंह ने कहा कि कुछ समय पहले मंत्री गोपाल भार्गव (Minister Gopal Bhargava) गढ़ाकोटा के अस्पताल का अचानक निरीक्षण करने पहुंचे. तो उन्हें डॉक्टर से लेकर चौकीदार तक सब गायब मिले. वे दीवारों से बात करके वापस आ गए. अस्पताल के हाल बेहाल की शिकायत उच्च स्तर पर करना पड़ी. जब सरकार का एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सच बयां कर रहा है. तो शिवराज सिंह को स्वास्थ्य विभाग में व्यवस्था को सुधार करने में किस बात का संकोच है. यह मध्य प्रदेश की साढे़ सात करोड़ जनता उनसे पूछ रही है. सिर्फ मुंह चलाने से जनता का भला नहीं होगा. अच्छा काम जमीन पर दिखना चाहिए. ऐसा लगता है कि लोगों की जान का अब भगवान ही मालिक है.