भोपाल। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नाराजगी और असंतोष का सामना कर रही बीजेपी के लिए विधानसभा का आगामी मानसून सत्र चुनौती का सबब बन सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार में जिस तरह से क्षेत्रीय और जातीय असंतुलन देखने को मिल रहा है. सिंधिया समर्थकों को ज्यादा मंत्री पद देने की मजबूरी के कारण बीजेपी में असंतोष फैला है, कांग्रेस उसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकती है. आगामी सत्र में कई ऐसे मौके आएंगे, जहां मतदान की स्थिति बनेगी और मतदान की स्थिति बनने पर कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि, वो बीजेपी के असंतोष का फायदा उठाए. कांग्रेस का मानना है कि, ये एक सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया है. उन्होंने हमारे असंतोष का फायदा उठाया. हम उनके असंतोष पर नजर रख रहे हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि, कहीं ऐसा ना हो कि बची खुची कांग्रेस भी खत्म हो जाए.
बीजेपी के सामने अपने कुनबे को एकजुट रखने की चुनौती-
विधानसभा के मानसून सत्र में कई ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होने वाली हैं. जिसमें बीजेपी के सामने अपने कुनबे को एकजुट रखने की चुनौती होगी. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जिस तरह की परिस्थितियां बनी हैं और उपचुनाव की मजबूरी के चलते अपने विधायकों को नजरअंदाज कर सिंधिया के गैर विधायक नेताओं को मंत्री बनाया गया है, उसको लेकर बीजेपी में असंतोष देखने को मिल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी पहले से यही कहते आ रहे हैं कि, 'एक बार मंत्रिमंडल विस्तार तो हो जाने दीजिए, फिर देखिए क्या हाल होता है'. आगामी विधानसभा सत्र में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होना है. इसके अलावा बजट बुलेटिन पारित होना है. जिसमें कई परिस्थितियां मतदान की बनेंगी. ऐसी स्थिति में कांग्रेस बीजेपी को झटका देने की कोशिश कर सकती है. जब तक उपचुनाव नहीं होता है, तब तक बीजेपी और कांग्रेस के बीच में संख्या बल का मामूली अंतर है. इन परिस्थितियों में बीजेपी के लिए जहां अपने कुनबे को एकजुट रखना होगा. वहीं सत्र के पहले सभी नाराज विधायकों को मनाने की पूरी कोशिश भी करना होगी.
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को बताया लंगड़ी सरकार
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, अभी जो सत्र बुलाया जा रहा है, इस सत्र में कई वैधानिक कार्यवाही होनी है. बजट पास होना है, लेखानुदान होना है. बुंदेलखंड और विंध्य की उपेक्षा हुई है, विंध्य प्रदेश, मालवा और हर तरफ विरोध हो रहा है. अपने बच्चों को भूखा रखकर पड़ोसियों के बच्चे को दूध पिलाया गया है, तो इसको लेकर नाराजगी कहीं भी झलक सकती है और कई वैधानिक संकट आ सकते हैं. ये अल्पमत की सरकार है, जो सौदे से बनी है. 107 की संख्या है, ये तो लंगड़ी सरकार है. एक हफ्ता हो गया है, विभाग तक तो नहीं बांट पा रहे हैं. भाजपा के असंतोष पर कांग्रेस की नजर के सवाल पर भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि, ये सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया है. हमारे असंतोष पर उनकी नजर थी, उनके असंतोष पर हमारी नजर है. जैसी स्थिति बनेगी देखा जाएगा.
बीजेपी ने दी चेतावनी, कहीं बची खुची कांग्रेस ही ना टूट जाए-
इस मामले में मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि, 'विधानसभा के सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार के काले कारनामे, काली करतूतें, धोखाधड़ी के मामले, वचन भंग के मामले सामने आएंग. एक-एक मामले पर बीजेपी सरकार जवाब देगी और खुलासा करेगी. जो भी सवाल करना है. जिस पर भी कांग्रेस को चर्चा करनी है, भाजपा की सरकार तैयार है. एकजुटता के साथ नेक नियत, विकास और सुशासन के संकल्प के साथ में बीजेपी सरकार मानसून सत्र में कांग्रेस से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है, लेकिन ध्यान रखें कि बची खुची कांग्रेस ही ना टूट जाए'.