भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में काम कर रहे 2500 से ज्यादा डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है. कारण ये है कि विभाग ने आउटसोर्सिंग पर लगे कंप्यूटर डाटा ऑपरेटरों को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं. इन डाटा ऑपरेटर का कहना है कि दूसरी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग ऐसा कर रहा है. अगर उन्हें हटाया जाता है उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में उन्हें इच्छामृत्यु दी जाए(2500 employees sought euthanasia in madhya pradesh). क्योंकि उनके सामने यही एक रास्ता बचा है.
नौकरी गई, तो 3000 ऑपरेटर्स दे देंगे जान
करोना काल में कई लोगों के रोजगार छिन गए हैं. कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी मंडरा रहा है. ऐसे में किसी का रोजगार छिन जाए तो क्या होगा. मध्य प्रदेश सरकार कोविड के बाद से लोगों को रोजगार देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. (mp karmchariyon ne maagni ichhamrityu)लेकिन प्रदेश के शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर कई डाटा ऑपरेटर की नौकरी समाप्त करने का ऐलान कर दिया है. शिक्षा विभाग में 2500 से 3000 डाटा एंट्री ऑपरेटर आउट सोर्स के माध्यम से यहां काम कर रहे हैं. 5 साल से ये काम कर रहे हैं. अब इन्हें अचानक 31 दिसंबर तक ही सेवाएं देने को कहा गया है. उसके बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी. अभी तक जिनमैनपॉवर कंपनी के पास इन ऑपरेटरों को नियुक्त करने का टेंडर था ,जिसका कार्यकाल भी अभी समाप्त नहीं हुआ था. बीच में ही शिक्षा विभाग में एमपीकोन कंपनी को इसका टेंडर दे दिया गया. ऐसे में प्रदेश भर के डाटा ऑपरेटरों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इनका कहना है कि अगर शासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इनका परिवार कैसे चलेगा. ऐसे में राष्ट्रपति इन्हें इच्छा मृत्यु दे दें.
ये सरकार का फैसला है, जो करना है वही करेगी
जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना से जब इस बारे में जानकारी ली गई, तो (mp education department removed 2500 operators)उनका कहना था कि शासन की ओर से आदेश दिए गए हैं. शासन ने ही फैसला लिया है कि पुरानी कंपनी को हटाकर नई कंपनी को टेंडर दिया जाए. ऐसे में आगे जो होगा वह शासन स्तर पर ही होना है.
बड़े आंदोलन की तैयारी
शिक्षा विभाग के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश भर के डाटा ऑपरेटर राजधानी में बड़े आंदोलन की रूपरेखा बना रहे हैं. इनका कहना है कि 1 सप्ताह के अंदर अगर सरकार ने इस पर फैसला नहीं लिया तो भोपाल में आकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे. फिर भी कुछ नहीं हुआ तो सामूहिक रूप से राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की जाएगी.