मुंबई : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. एक्सपर्टस के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी मुद्रा के बढ़ते खर्च के कारण डॉलर मजबूत हुआ है. गुरुवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 77.81 पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.74 पर खुला और गिरावट दर्ज करते हुए दिन के निचले स्तर 77.81 पर आ गया. बुधवार को रुपया 10 पैसे की तेजी के साथ 77.68 पर बंद हुआ था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का कीमत 123.43 डॉलर प्रति बैरल हो गई. शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 2,484.25 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
बता दें कि अमेरिकी डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों की करेंसी है. यह दुनिया की प्राइमरी रिजर्व करेंसी है. दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों में यूएस डॉलर की डिमांड बनी रहती है. ग्लोबल ट्रेड में रोजाना 88 फीसदी कारोबार डॉलर के जरिये होते हैं, इसलिए यह दुनिया की कई करेंसी की वैल्यू को भी प्रभावित करती है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट (foreign exchange market) में इसकी डिमांड सबसे अधिक है. जब किसी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट होती है तो उस देश की मुद्रा कमजोर हो जाती है. फिर उसके मुकाबले में डॉलर मजबूत हो जाता है.
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