नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को एमपीसी मीटिंग के दौरान कहा कि पीएम विश्वकर्मा को पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) योजना के तहत शामिल करने के साथ कार्यकाल को दो साल तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है. गवर्नर ने Bi-monthly monetary policy की घोषणा किया, और कहा कि अब पीआईडीएफ योजना को दो साल की अवधि के लिए यानी 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव जारी किया गया है.
जनवरी 2021 में संचालित, पीआईडीएफ योजना का उद्देश्य टियर-3 से टियर-6 केंद्रों, उत्तर-पूर्वी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भौतिक बिक्री बिंदु (पीओएस), त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड जैसे भुगतान स्वीकृति बुनियादी ढांचे की तैनाती को प्रोत्साहित करना है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की मूल योजना के मुताबिक पीआईडीएफ योजना का कार्यकाल दिसंबर 2023 तक तीन साल के लिए निर्धारित किया गया था.
PM Swanidhi Scheme लाभार्थियों को PIDF में शामिल किया गया
गवर्नर ने कहा कि टियर-1 और 2 केंद्रों में PM Swanidhi Scheme के लाभार्थियों को बाद में अगस्त 2021 में पीआईडीएफ योजना के तहत शामिल किया गया है. अगस्त 2023 के अंत तक, योजना के तहत 2.66 करोड़ से अधिक नए टच पॉइंट तैयार किए गए है. उन्होंने कहा कि अब पीआईडीएफ योजना को 2 साल के समय के लिए, यानी 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है.
उन्होंने कहा कि PIDAF योजना के तहत लाभार्थियों का विस्तार करने का निर्णय जमीनी स्तर पर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की ओर में आरबीआई के प्रयासों को बढ़ावा देने में मदद करेगा. इसके अलावा, आरबीआई गवर्नर ने बताया कि इंटस्ट्री से मिले फीडबैक के आधार पर, PIDAF योजना के तहत भुगतान स्वीकृति के उभरते तरीकों, जैसे साउंडबॉक्स डिवाइस और आधार-सक्षम बायोमेट्रिक डिवाइस की तैनाती को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है.
कारीगरों को सस्ते ब्याज पर 3 लाख तक का लोन मिल रहा
उन्होंने कहा कि इससे targeted geographies area में भुगतान स्वीकृति बुनियादी ढांचे की तैनाती में तेजी लाने और बढ़त होने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की जिसमें कारीगरों को दिए जाने वाले ऋण पर 8 फीसदी तक की सब्सिडी देने का प्रस्ताव है. इस योजना के तहत कारीगरों को 5 फीसदी की सस्ती ब्याज रेट पर 3 लाख रुपये तक का collateral-free loan देती है.
इस योजना के तहत सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, बढ़ई, पत्थर की मूर्ति, नाई और नाविक सहित 18 क्षेत्रों से संबंधित कारीगरों को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत शुरू में 1 लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा और लाभार्थी 18 महीने की पुनर्भुगतान अनुसूची के बाद अतिरिक्त 2 लाख रुपये के लिए पात्र होगा.