मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को 'स्पष्ट खतरा' बताते हुए गुरुवार को कहा कि किसी अंतर्निहित मूल्य के बगैर सिर्फ काल्पनिक कीमत वाली कोई चीज महज अटकल भर है. बता दें, सरकार विभिन्न हितधारकों और संस्थानों से जानकारी जुटाने के बाद क्रिप्टोकरेंसी पर एक परामर्श पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लगातार चिंता जताता रहा है.
दास ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के 25वें अंक की प्रस्तावना में कहा है कि जैसे-जैसे वित्तीय प्रणाली तेजी से डिजिटल होती जा रही है, साइबर जोखिम बढ़ रहे हैं और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. दास ने कहा, हमें उभरते जोखिमों को लेकर सजग रहना चाहिए. क्रिप्टोकरेंसी एक स्पष्ट खतरा है. कोई भी चीज जो बिना किसी अंतर्निहित मूल्य के सिर्फ विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करती है, उसके लिए परिष्कृत नाम अटकलबाजी ही हो सकती है.'
पिछले कुछ सप्ताह में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में वैश्विक स्तर पर लगातार अस्थिरता देखी गई है. रिजर्व बैंक ने पहली बार 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में एक परिपत्र जारी किया था और अपनी विनियमित संस्थाओं को इस तरह के वित्तीय साधन से रोक दिया था. हालांकि, वर्ष 2020 की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय बैंक के उस परिपत्र को निरस्त कर दिया था.
क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में नियामकीय स्पष्टता अभी तक नहीं आई है. सरकार विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) सहित विभिन्न हितधारकों और संस्थानों की राय के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक परामर्श पत्र को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रही है.
(पीटीआई-भाषा)