नई दिल्ली : वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (finance secretary T V Somanathan) ने कहा है कि बजट 2022-23 में प्रस्तावित सरकार के बड़े पैमाने पर पूंजीगत व्यय कार्यक्रम से आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी और मांग बढ़ने से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman ) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है. महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार को सार्वजनिक निवेश के जरिए जारी रखने के लिए ऐसा किया गया है. चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय 5.5 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
सोमनाथन ने एक साक्षात्कार में कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के चलते लागू प्रतिबंधों ने मांग को कम किया है, जिससे निजी निवेश प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारी पूंजीगत व्यय कार्यक्रम के कारण बड़े पैमाने पर निजी पूंजी निवेश आना भी शुरू हो जाएगा.' उन्होंने कहा कि कम निजी निवेश एक गैर-आर्थिक समस्या है, जिसे आर्थिक उपायों से हल नहीं किया जा सकता है, और मांग बढ़ने के साथ ही इसका समाधान होगा.
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सोमनाथन ने कहा, 'चालू वर्ष में खुदरा या सीपीआई की तुलना में थोक कीमतें (डब्ल्यूपीआई) बहुत तेजी से बढ़ रही हैं. आमतौर पर अगले साल उच्च आधार प्रभाव के कारण सीपीआई के मुकाबले डब्ल्यूपीआई कम होगी. उस स्थिति में अपस्फीतिकारक (डिफ्लेटर) 3-4 प्रतिशत होगा. हमने बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को 11-12 प्रतिशत के दायरे में रखा है.'
(पीटीआई-भाषा)