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जलापूर्ति बाधित होने से जलसंकट गहराया, निगम आयुक्त पर कांग्रेस के दबाव में काम करने का आरोप

पिछले कई दिनों से शहर में जलापूर्ति बाधित है, जिससे जलसंकट गहरा गया है. बीजेपी विधायक और पार्षदों ने निगम आयुक्त पर कांग्रेस के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है.

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Published : Apr 19, 2019, 1:59 PM IST

जलसंकट

खंडवा। जिले में इन दिनों नर्मदा जल का मुद्दा गर्माया हुआ है. पिछले कई दिनों से शहर में जल आपूर्ति नहीं हो रही है. इसे लेकर बीजेपी विधायक और पार्षद कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि उनके दबाव में अधिकारी बीजेपी पार्षदों के क्षेत्र में जलपूर्ति नहीं कर रहे हैं.

जलसंकट


बीजेपी पार्षदों के साथ विधायक देवेंद्र वर्मा गुरुवार को कलेक्टर से मिलने पहुंचे. उन्होंने निगम आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा वे कांग्रेस के दबाव में काम कर रहे हैं और बीजेपी पार्षदों के क्षेत्र में जलापूर्ति नहीं होने दे रहे हैं. वहीं बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि नर्मदा जल योजना की पाइप लाइन को बार-बार डैमेज कर शहर में पानी का संकट खड़ा किया जा रहा है. बता दें कि शहर में पिछले 10 दिनों से जलसंकट गहराया हुआ है. वहीं शहर में पानी की भयंकर समस्या होने के बावजूद महापौर पड़ोसी जिले में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.


दरअसल खंडवा में 120 करोड़ रुपए लागत की नर्मदा जल योजना तत्कालीन UPA सरकार से मंजूर कराई थी. बीजेपी शासनकाल में इस योजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में डालकर शुरू किया गया था, जिसमें खंडवा से लगभग 50 किलोमीटर दूर चारखेड़ा गांव से नर्मदा बैक वॉटर से पाइपलाइन के जरिए खंडवा लाना था. बताया जा रहा है कि जब योजना बनी थी, उस समय उसमें जेआई पाइप लगने थे, लेकिन बाद में इसे बदलकर पीवीसी पाइप लगा दिए गए.

खंडवा। जिले में इन दिनों नर्मदा जल का मुद्दा गर्माया हुआ है. पिछले कई दिनों से शहर में जल आपूर्ति नहीं हो रही है. इसे लेकर बीजेपी विधायक और पार्षद कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि उनके दबाव में अधिकारी बीजेपी पार्षदों के क्षेत्र में जलपूर्ति नहीं कर रहे हैं.

जलसंकट


बीजेपी पार्षदों के साथ विधायक देवेंद्र वर्मा गुरुवार को कलेक्टर से मिलने पहुंचे. उन्होंने निगम आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा वे कांग्रेस के दबाव में काम कर रहे हैं और बीजेपी पार्षदों के क्षेत्र में जलापूर्ति नहीं होने दे रहे हैं. वहीं बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि नर्मदा जल योजना की पाइप लाइन को बार-बार डैमेज कर शहर में पानी का संकट खड़ा किया जा रहा है. बता दें कि शहर में पिछले 10 दिनों से जलसंकट गहराया हुआ है. वहीं शहर में पानी की भयंकर समस्या होने के बावजूद महापौर पड़ोसी जिले में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.


दरअसल खंडवा में 120 करोड़ रुपए लागत की नर्मदा जल योजना तत्कालीन UPA सरकार से मंजूर कराई थी. बीजेपी शासनकाल में इस योजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में डालकर शुरू किया गया था, जिसमें खंडवा से लगभग 50 किलोमीटर दूर चारखेड़ा गांव से नर्मदा बैक वॉटर से पाइपलाइन के जरिए खंडवा लाना था. बताया जा रहा है कि जब योजना बनी थी, उस समय उसमें जेआई पाइप लगने थे, लेकिन बाद में इसे बदलकर पीवीसी पाइप लगा दिए गए.

Intro:खंडवा - खंडवा में इन दिनों नर्मदा जल का मुद्दा गर्मी के पारे के साथ साथ बढ़ रहा हैं। पिछले कई दिनों से शहर में जल आपूर्ति नही हो रही हैं। और ऐसा इसलिए हो रहा हैं क्योंकि नर्मदा की पाईप लाईन बार बार फूट रही हैं और आए दिन शहर में पानी को लेकर हाहाकार मच रहा हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद अब भाजपा के विधायक और पार्षद कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस नेताओं के दबाव में अधिकारी भाजपा पार्षदों के क्षेत्र में जल की आपूर्ति नही कर रहे हैं। और आम जनता के साथ भेदभाव किया जा रहा हैं। इसी को लेकर आज भाजपा विधायक और पार्षद कलेक्टर से शिकायत लेकर पहुंचे थे। हालांकि भाजपा के इस कार्यक्रम से स्वयं महापौर नदारद रहे। बता दे कि नगर निगम में भाजपा का शासन हैं।



Body:भाजपा पार्षदों के साथ विधायक देवेंद्र वर्मा गुरुवार को कलेक्टर से मिलने पहुंचे। वहां उन्होंने निगम आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा निगम आयुक्त कांग्रेस के दबाव में काम कर भाजपा पार्षदों के क्षेत्र में जल वितरण नही होने दे रहे हैं। वही भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि नर्मदा जल योजना की पाईप लाईन को बार बार डेमेज कर शहर में पानी का संकट खड़ा किया जा रहा हैं। बता दे शहर में पिछले 10 दिनों से जल का संकट गहरा रहा हैं। जिस पर राजनैतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं। वही शहर में पानी की भयंकर समस्या होने पर भी महापौर पड़ोसी जिले में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। उन्हें शायद शहर की जनता से कोई लेना देना नहीं हैं। इधर पार्टी के जिम्मेदार नेताओं को जवाब देते नही बन रहा। दरअसल खंडवा में 120 करोड़ रुपए लागत की नर्मदा जल योजना कांग्रेस ने ही केंद्र की यूपीए 2 सरकार से मंजूर कराई थी भाजपा शासन काल में इस योजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में डालकर इसे शुरु किया। जिसमें खंडवा से लगभग 50 किलोमीटर दूर चारखेड़ा ग्राम से नर्मदा बैक वाटर से पाइपलाइन के जरिए खंडवा लाना था जब योजना बनी थी उस समय उसमें जेआई पाइप लगने थे पर बाद में इसे बदल कर पीवीसी पाइप लगा दिए गए। लेकिन अब इसमें राजनीति हो रही हैं। और भाजपा कांग्रेस पर भेदभावपूर्ण तरीके से जल आपूर्ति का आरोप लगा रही हैं। भाजपा विधायक ने कहा कि हम जिलाधीश महोदय से जल आपूर्ति के संबंध में निवेदन करने आए थे। नगर निगम प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा हैं। पाईप लाईन बार बार फूट रही हैं इसकी पेट्रोलिंग हो और जांच हो। और शहर के नागरिकों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। वहीं इस दौरान महापौर के नदारद रहने पर विधायक जी को जवाब देते नही बना और वे बगले झांकते नजर आए अंत मे इतना कह दिया पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए भीकनगांव गए है। वही 200 रूपये प्रतिमाह जल कर के सवाल पर उन्होंने कहा यह परिषद का निर्णय हैं जो लागत लग रही हैं उसका मिनिमम लिया जाता हैं। उसे दृष्टिगत रखते हुए फैसला लिया होगा। शहर की जनता के साथ अन्याय हुआ तो हम चौकीदार की भूमिका में रहेंगे।


Conclusion:वहीं पूरे मामले पर कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने कहा कि पानी की समस्या को लेकर कुछ पार्षद गण आए थे नगर निगम आयुक्त द्वारा मुझे बताया गया है कि वह पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं कहीं कहीं पाइपलाइन और बिजली के फॉल्ट आए थे वह भी दुरुस्त कर लिए गए हैं मैंने उसे कहा है कि मैं आयुक्त नगर निगम से समझा कि कहां समय और किन कारणों से कहां पर सप्लाई बाधित हो रही है हम रोज निगम से संपर्क में हैं। वही भेदभाव पूर्ण तरीके से जल वितरण करने के भाजपा के आरोप पर कहा कि यह आरोप बिल्कुल निराधार हैं अगर चारखेड़ा प्लांट से पानी आएगा तो सभी जगह उपलब्ध होगा।
byte - देवेंद्र वर्मा ,विधायक
byte - विशेष गढ़पाले , कलेक्टर
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