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पानी के लिए परेशान ग्रामीण, नदी, तालाब और हैंडपंप सभी सूखे - ponds dried up

टीकमगढ़ के 980 गांवों में से 900 गांव पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गांववाले रात-रातभर जगकर पानी का जुगाड़ करते हैं.

पानी की समस्या
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Published : Jun 25, 2019, 4:54 PM IST

टीकमगढ़। जिले में पानी की कमी से लोगों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जिले में करीब 7 हजार हैंडपंप हैं. यानि लगभग 80 प्रतिशत पानी की पूर्ति हैंडपंप से होती है, लेकिन अब इनसे पानी नहीं निकल पा रहा. हैंडपंप सूख चुके हैं. वहीं जिले के तालाबों और नदियों का हाल भी यही है. जमदार, बेतवा, उर, जमुनी सभी नदियों का पानी सूख चुका है.

पानी की समस्या


लोगों को कोसों दूर से पानी लाना पड़ता है. खेतों में पानी देने के लिए सुबह से ही लाइनें लगानी पड़ती है और तो और कई गांवों में तो लोग रातभर जागकर पानी का जुगाड़ करते हैं. कुछ हैंडपम्प जो थोड़ा-बहुत पानी दे रहे हैं, उनके पास लोग घंटों लाइन लगाकर अपनी बारी की इंतजार करते हैं. कुछ निजी बोरों में पानी था, लेकिन नदियां और तालाब ही सूखने के कारण पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस पानी की समस्या से टीकमगढ़ के 900 गांव पीड़ित हैं.

टीकमगढ़। जिले में पानी की कमी से लोगों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जिले में करीब 7 हजार हैंडपंप हैं. यानि लगभग 80 प्रतिशत पानी की पूर्ति हैंडपंप से होती है, लेकिन अब इनसे पानी नहीं निकल पा रहा. हैंडपंप सूख चुके हैं. वहीं जिले के तालाबों और नदियों का हाल भी यही है. जमदार, बेतवा, उर, जमुनी सभी नदियों का पानी सूख चुका है.

पानी की समस्या


लोगों को कोसों दूर से पानी लाना पड़ता है. खेतों में पानी देने के लिए सुबह से ही लाइनें लगानी पड़ती है और तो और कई गांवों में तो लोग रातभर जागकर पानी का जुगाड़ करते हैं. कुछ हैंडपम्प जो थोड़ा-बहुत पानी दे रहे हैं, उनके पास लोग घंटों लाइन लगाकर अपनी बारी की इंतजार करते हैं. कुछ निजी बोरों में पानी था, लेकिन नदियां और तालाब ही सूखने के कारण पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस पानी की समस्या से टीकमगढ़ के 900 गांव पीड़ित हैं.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ़ जिले में सूखे से बहुत ही बुरे हालात है नदिया तालाव पूरी तरह से सुख चुके है !और पानी को लेकर मचा है हा हा कार लोगो को पीने के पानी के लिए करनी पड़ती है जंग


Body:वाइस ओबर /टीकमगढ़ जिले में सूखे के चलते बहुत ही बुरे हालात है !लोग बून्द बून्द पानी के लिए जंग लड़ रहे है फिर भी पीने को पानी नशीब नही होता है जिससे दिन पर दिन हालात बिगड़ते जा रहे है ! जिले में लगे तकरिवान 7000 हेंडपम्पो ने पानी छोड़ दिया है जिससे अब जिले के 80 प्रतिसत हेण्डपम्प पानी की जगह हवा उगल रहे है !तो वही जिले में बने तकरिवान 1500 तालाव पूरी तरह से सुख चुके है और यही हाल नदियों का रहा जिसमे जमदार नदी, बेतवा नदी ,उर नदी ,जमुनी नदी शिता छोटे बड़े नालों में भी पानी कहि दिखाई नही देरहा है और लोगो को पानी की अति आवश्यक्ता है जिसको लेकर लोगो को कोशो दूर खेतो पर पानी के लिए सुबह से ही लाइनें लगानी पड़ती है और तो ओर कई गांवों में लोग रतजगा कर पानी की जुगाड़ में देखे जाते है और नलों ओर कुछ हेंडपम्पो जो छोड़ा बहुत पानी दे रहे है उनके पास लाइन लगाकर पानी के इंतजार में देखे जाते है !और जून के महीना पूरा निकल गया और अभी तक इंद्र देव प्रसन्न नही हुए और सारे नदी तालाव पानी के इंतजार में है कि इंद्रदेव सूखे नदियों तालाबो ओर कुओ की प्यास बुझाये यदि 20 दिन ओर पानी नही वर्षा तो सायद पानी को लेकर जंग सुरु न होजाये जो एक गम्भीर मामला है


Conclusion:टीकमगढ़ जिले के 960 गांवों में से 900 गावो में पानी का घोर जल संकट है लोगो को काफी दूरी से पानी लाना पड़ता है लेकिन अभी तक जो कुछ पानी बचा है वह भी खत्म होने की कगार पर है ऐसे फिर लोगो को पानी के लिए लड़ाई भी लड़नी पड़ सकती है जिन लोगो के निजी बोरो में जो कुछ पानी है लेकिन वह अपनी आवश्यकता के चलते लोगो को पानी नही भरने देते है लेकिन जब लोगो को पीने को पानी नही मिलेगा तो जिले में पानी युद्ध की प्रवल सम्भावनाये दिखाई दे रही है !अभी भी जिले में जलस्रोतों पर पानी भरने को लेकर लड़ाइयां खूब होती है !जिला प्रसासन ने भी पानी की उपलब्धता करवाई है कुछ निजी बोरो से जिसमे पानी था लेकिन जब नदिया ओर तालाव ही सुख जाबे ओर पानी का जल स्तर नीचे चला गया है जिस कारण जिले में पीने के पानी की बिकराल समस्या उत्पन्य हो गई है और लोग बेहद परेसान है जिन गांवों का हमने रियल्टी चेक किया उनमे मिनोरा, दिगौड़ा, मस्तापुर, दरगाय, वनगाये, अस्तोत्र,कुंडेश्वर ,हीरापुर ,जमदार बड़ागांव , हैदरपुर बेला अटरिया गांव समिल है जहां पर लोग बून्द बून्द पानी को तरस रहे है
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