ETV Bharat / briefs

बुरहानपुर में अनूठी परंपरा, भक्त ने 250 लोगों से भरी 12 गाड़ियां मिनटों में खींची

रास्तीपुरा में श्रद्धालुओं द्वारा गाड़ियों की खींचने की परंपरा है. श्रद्धालु मंदिर में मत्था टेककर 12 गाड़ी खींचने के कार्यक्रम में शामिल होते हैं.

बुरहनपुर में अनूठी परंपरा
author img

By

Published : May 8, 2019, 10:30 AM IST

बुरहानपुर। रास्तीपुरा में अक्षय तृतीया के मौके पर अचंभित करने वाला नजारा देखने को मिला. एक श्रद्धालु ने 200 से 250 भक्तों से भरी 12 गाड़ियों को चंद मिनटो में 250 मीटर तक खींच दी. हालांकि इन गाड़ियों को खींचने वाले शख्स के साथ दो और लोग थे जो उसकी इस काम में मदद कर रहे थे.

बुरहनपुर में अनूठी परंपरा

श्रद्धालुओं द्वारा गाड़ियों की खींचने की परंपरा सालों पुरानी है. अक्षय तृतीया के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सभी धर्मों के लोग हनुमान मंदिर पहुंचकर पहले पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालु मंदिर में मत्था टेककर 12 गाड़ी खींचने के कार्यक्रम में शामिल होते हैं.

काछी माली समाज के अध्यक्ष पांडुरंग महाजन ने बताया कि यह धार्मिक परंपरा है, जो उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है. 12 गाड़ियों पर बैठने के लिए भक्त काफी उत्साहित रहते हैं. भक्तों के मन मे जो भी मनोकामनाएं होती हैं ऐसा करने से पूरी होती हैं. यही वजह है कि वो इस परंपरा को आज भी निभा रहे हैं.

बुरहानपुर। रास्तीपुरा में अक्षय तृतीया के मौके पर अचंभित करने वाला नजारा देखने को मिला. एक श्रद्धालु ने 200 से 250 भक्तों से भरी 12 गाड़ियों को चंद मिनटो में 250 मीटर तक खींच दी. हालांकि इन गाड़ियों को खींचने वाले शख्स के साथ दो और लोग थे जो उसकी इस काम में मदद कर रहे थे.

बुरहनपुर में अनूठी परंपरा

श्रद्धालुओं द्वारा गाड़ियों की खींचने की परंपरा सालों पुरानी है. अक्षय तृतीया के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सभी धर्मों के लोग हनुमान मंदिर पहुंचकर पहले पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालु मंदिर में मत्था टेककर 12 गाड़ी खींचने के कार्यक्रम में शामिल होते हैं.

काछी माली समाज के अध्यक्ष पांडुरंग महाजन ने बताया कि यह धार्मिक परंपरा है, जो उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है. 12 गाड़ियों पर बैठने के लिए भक्त काफी उत्साहित रहते हैं. भक्तों के मन मे जो भी मनोकामनाएं होती हैं ऐसा करने से पूरी होती हैं. यही वजह है कि वो इस परंपरा को आज भी निभा रहे हैं.

Intro:बुरहानपुर जिलें के रास्तीपुरा में अक्षय तृतीया के अवसर पर 1 भगत ने हनुमान मंदिर पहुंच आशीर्वाद लिया, जिसके बाद 200 से 250 भक्तों से भरी 12 गाड़ियो को चंद मिनिटो में 250 मीटर तक खींच दी, बता दे की 12 गाड़ियां खींचने की परंपरा वर्षो पुरानी है, इसे खिंचने वाले भगत के 2 बगली होते हैं, जो भगत के साथ आखरी तक दौड़ते हैं, हालांकि 12 गाड़ी खींचने से पहले भगत को 7 दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है।




Body:बुरहानपुर जिले के रास्तीपुरा में एक ऐसा नजारा भी देखा गया, जहां एक भगत जो कि अक्षय तृतीया के उपलक्ष में खेतों में बैलों को जोतकर खेती की जाने वाली 12 गाड़ियों को अपने पूर्वजों से खींचते आ रहे हैं, यह भगत एक नहीं बल्कि सैकड़ो भक्तो से भरी क्विंटलो वजनी 12 गाड़ियों को खींच लेते हैं, यहां सभी धर्मों के लोग हनुमान मंदिर में मत्था टेककर 12 गाड़ी के आयोजन में शामिल होते हैं, इस दौरान दूरदराज से आए भक्तों की भी जो मन्नते लेते हैं वह भी पूर्ण हो जाती है।




Conclusion:काछी माली समाज के अध्यक्ष पांडुरंग महाजन ने बताया कि यह धार्मिक परंपरा है, जो उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है, 12 गाड़ियों पर बैठने के लिए भक्त काफी उत्साहित रहते हैं, भक्तो के मन मे जो भी मनोकामनाएं होती है, पूर्ण होती है, यही वजह है कि वर्षों बीत जाने के बाद भी यह परंपरा को आज भी जीवित हैं।

बाईट 01:- रूपेश महाजन, भक्त।
बाईट 02:- पांडुरंग महाजन, काछी माली समाज अध्यक्ष।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.