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सावन का पहला सोमवार आज, खुले रहेंगे मंदिर लेकिन करना होगा गाइडलाइन का पालन - प्राचीन बड़ा महादेव मंदिर

राजगढ़ के मंदिरों में सावन के महीने में हर साल मंदिरों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की है, जिसके चलते लोगों को गाइडलाइन का पालन करते हुए ही भगवन के दर्शन करने होंगे.

The temple will be open in the first Monday of the month of Sawan
The temple will be open in the first Monday of the month of Sawan
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Published : Jul 5, 2020, 11:50 PM IST

राजगढ़। भगवान भोलेनाथ की नगरी कहे जाने वाले नरसिंहगढ़ में सावन के पहले सोमवार को लेकर शिवालयों में विशेष तैयारियां की गई हैं. लेकिन कोरोना संकट के इस दौर में भोले के भक्तों को मंदिरों में दर्शन के लिए अब शासन की गाइडलाइन का पालन करना होगा.

शहर के प्रमुख बड़ा महादेव, छोटा महादेव, जल मंदिर, गुप्तेश्वर, नादिया पानी, कोदू पानी और खजूर पानी मंदिरों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर प्रशासनिक टीम भी तैनात रहेगी, इस दौरान जहां श्रृद्धालुओं को मास्क पहनकर, सोशल डिस्टेंस में रहकर ही भगवान के दर्शन करना होंगे, वहीं मंदिरों में भी सैनेटाईजिंग की व्यवस्था रहेगी. जिसको लेकर प्रशासन ने मंदिर प्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

The temple will be open in the first Monday of the month of Sawan
सावन के पहले सोमवार में खुले रहेंगे मंदिर

सावन की रौनक खत्म


बता दें कि शहर में ऐतिहासिक महत्व के प्राचीन शिवालय मौजूद हैं, सावन के महीन में इन मंदिरों में दर्शन के लिए दूर-दराज क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं सावन मास में हर साल मेले का भी आयोजन किया जाता है. पूर्व में छोटा महादेव पहाड़ी पर लगने वाले मेले को बीते कुछ वर्ष पहले प्रशासन ने मेला ग्राउन्ड में शिफ्ट कर दिया था, जहां धूमधाम के साथ मेला आयोजित किया जाता है. लेकिन कोरोना संकटकाल में अब सावन मेले की रौनक भी खत्म हो चुकी है, क्योंकि इस बार मेले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.


बड़ा महादेव मंदिर का विशेष महत्व


शहर के प्राचीन बड़ा महादेव मंदिर पर भगवान भोलेनाथ का रोज अभिषेक किया जाता है. इस मंदिर की विशेषता है कि महिलाऐं मन्नत मांगने के लिए शिवालय की दीवार पर गोबर से उल्टा स्वास्तिक बनाती हैं. वहीं मन्नतें पूरी होने पर सीधा स्वास्तित बनाकर भगवान भोले की पूजा अर्चना करती हैं. इस मंदिर में मौजूद बड़े गणेश, माता पार्वती, श्रीराम मंदिर, पुराना शिवालय, सद्गुरूदेव समाधि भी श्रृद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है.

राजगढ़। भगवान भोलेनाथ की नगरी कहे जाने वाले नरसिंहगढ़ में सावन के पहले सोमवार को लेकर शिवालयों में विशेष तैयारियां की गई हैं. लेकिन कोरोना संकट के इस दौर में भोले के भक्तों को मंदिरों में दर्शन के लिए अब शासन की गाइडलाइन का पालन करना होगा.

शहर के प्रमुख बड़ा महादेव, छोटा महादेव, जल मंदिर, गुप्तेश्वर, नादिया पानी, कोदू पानी और खजूर पानी मंदिरों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर प्रशासनिक टीम भी तैनात रहेगी, इस दौरान जहां श्रृद्धालुओं को मास्क पहनकर, सोशल डिस्टेंस में रहकर ही भगवान के दर्शन करना होंगे, वहीं मंदिरों में भी सैनेटाईजिंग की व्यवस्था रहेगी. जिसको लेकर प्रशासन ने मंदिर प्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

The temple will be open in the first Monday of the month of Sawan
सावन के पहले सोमवार में खुले रहेंगे मंदिर

सावन की रौनक खत्म


बता दें कि शहर में ऐतिहासिक महत्व के प्राचीन शिवालय मौजूद हैं, सावन के महीन में इन मंदिरों में दर्शन के लिए दूर-दराज क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं सावन मास में हर साल मेले का भी आयोजन किया जाता है. पूर्व में छोटा महादेव पहाड़ी पर लगने वाले मेले को बीते कुछ वर्ष पहले प्रशासन ने मेला ग्राउन्ड में शिफ्ट कर दिया था, जहां धूमधाम के साथ मेला आयोजित किया जाता है. लेकिन कोरोना संकटकाल में अब सावन मेले की रौनक भी खत्म हो चुकी है, क्योंकि इस बार मेले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.


बड़ा महादेव मंदिर का विशेष महत्व


शहर के प्राचीन बड़ा महादेव मंदिर पर भगवान भोलेनाथ का रोज अभिषेक किया जाता है. इस मंदिर की विशेषता है कि महिलाऐं मन्नत मांगने के लिए शिवालय की दीवार पर गोबर से उल्टा स्वास्तिक बनाती हैं. वहीं मन्नतें पूरी होने पर सीधा स्वास्तित बनाकर भगवान भोले की पूजा अर्चना करती हैं. इस मंदिर में मौजूद बड़े गणेश, माता पार्वती, श्रीराम मंदिर, पुराना शिवालय, सद्गुरूदेव समाधि भी श्रृद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है.

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