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तीन रूप धारण करती हैं मां बलारी, जानें इस चमत्कारी मंदिर की लीला

मां बलारी के मंदिर में माता तीन रूपों में विराजमान रहती हैं, जिसमें सुबह के समय मां बच्चे का रूप धारण करती हैं, दोपहर के समय किशोरावस्था और सायंकाल में वृद्धावस्था का रूप धारण करती हैं.

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Published : Apr 13, 2019, 12:07 PM IST

मां बलारी मंदिर

शिवपुरी। शहर से करीब 30 किलोमीटर घनघोर जंगल के बीचोंबीच मां बलारी का भव्य मंदिर स्थित है. यहां हर नवरात्रि पर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यहां माता रानी तीन रूपों में विराजमान रहती हैं, जिसमें सुबह के समय मां बच्चे का रूप धारण करती हैं, दोपहर के समय किशोरावस्था और सायंकाल में वृद्धावस्था का रूप धारण करती हैं.

मां बलारी मंदिर


हर नवरात्रि के छठवें और सातवें दिन मां बलारी के मंदिर में मेला लगाया जाता है. भक्तों का मानना है कि घनघोर जंगल में विराजमान मां बलारी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. मंदिर के महंत ने बताया कि यहां डाकुओं का गिरोह भी जंगलों में रहा करता था और घंटा चढ़ाने माता के दरबार में डकैत आया करते थे.

शिवपुरी। शहर से करीब 30 किलोमीटर घनघोर जंगल के बीचोंबीच मां बलारी का भव्य मंदिर स्थित है. यहां हर नवरात्रि पर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यहां माता रानी तीन रूपों में विराजमान रहती हैं, जिसमें सुबह के समय मां बच्चे का रूप धारण करती हैं, दोपहर के समय किशोरावस्था और सायंकाल में वृद्धावस्था का रूप धारण करती हैं.

मां बलारी मंदिर


हर नवरात्रि के छठवें और सातवें दिन मां बलारी के मंदिर में मेला लगाया जाता है. भक्तों का मानना है कि घनघोर जंगल में विराजमान मां बलारी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. मंदिर के महंत ने बताया कि यहां डाकुओं का गिरोह भी जंगलों में रहा करता था और घंटा चढ़ाने माता के दरबार में डकैत आया करते थे.

Intro:स्लग-नवरात्रि
तीन रूप धारण करती हैं मां बलारी
एंकर- शिवपुरी नगर से करीब 30 किलोमीटर घनघोर जंगल के बीचो-बीच मा बलारी का भव्य दरबार स्थित है यहां हर नवरात्रि पर दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं मां बलारी के दरबार की कहानी आश्चर्य से परिपूर्ण है । मां बलारी के मंदिर में भक्तों का ता ता हर नवरात्रि पर देखने को मिलता है यहां माता रानी तीन रूपों में विराजमान रहती हैं जिसमें सुबह के समय मां बच्चे का रूप धारण करती हैं और दोपहर के समय किशोरावस्था एवं साय काल में वृद्धावस्था का रूप धारण करती हैं।माँ के दरबार मे श्रद्धालुओं की भीड़ अत्यधिक मौजूद रहती है श्रद्धालुओं को कहीं कोई नुकसान ना हो या कोई घटना घटना घटित ना हो इसके लिए पुलिस मंदिर के आसपास ही चौकसी पर रहती है जिससे श्रद्धालु सुरक्षित रहें।




Body:हर नवरात्रि नवरात्रि के छठवें और सातवें दिवस के दिन मां बलारी के मंदिर में मेला लगाया जाता है और दूर दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आया करते हैं घनघोर जंगल में विराजमान मां बलारी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं जब ईटीवी भारत की टीम मा के इस चमत्कारिक मंदिर के संदर्भ में मंदिर के प्रांगण में पहुंची तो यहां पूजा अर्चना कर रहे महंत जी ने बताया कि यहां डाकुओं का गिरोह भी जंगलों में रहा करता था और घंटा चढ़ाने माता के दरबार में डकैत आया करते थे वहीं महन्त जी का कहना है कि अब वन विभाग की टीम श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए प्रतिबंधित करती है जिससे काफी परेशानियों का सामना श्रद्धालुओं को करना पड़ रहा है।



Conclusion:व्हिओ- प्राचीन काल के समय का यह बहुत चमत्कारिक मंदिर है यहां डाकू घंटा चढ़ाने आया आया करते थे लेकिन अब वन विभाग श्रद्धालुओं को मंदिर आने से रोकते हैं जिससे काफी परेशानियों का सामना भक्तजनों को करना पड़ रहा है।
बाइट-महन्त जी
व्हिओ - हर वर्ष नवरात्रि के छठवें एवं सातवें दिवस में मां बलारी के दरबार में मेला लगता है यहां चारों ओर जंगल के बीचोबीच माता रानी का भव्य दरबार है यहां डाकू घंटा चढ़ाने के लिए आया करते थे और दूर दूर से श्रद्धालु यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं।
बाइट-कीर्ति शिवहरे (श्रद्धालु)



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