आगर मालवा। शहर के प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ मंदिर के समीप लाखों रुपए खर्च कर वन विभाग की भूमि पर लगाए गए पौधों के लिए संकट पैदा हो गया है. इस भूमि पर प्रशासन द्वारा खनन की योजना बनाई जा रही है. ऐसे में शहर की एक सामाजिक संस्था ने इस खनन को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.
बता दें कि वर्ष 2016 में तत्कालीन कलेक्टर दुर्ग विजय सिंह ने बैजनाथ महादेव मंदिर के पास बेशकीमती भूमि वन विभाग के लिए आरक्षित की थी. यह भूमि सीमांकन कर वन परिक्षेत्र सहायक लाखन सिंह राजपूत को सौंप दी गई. इसके बाद करीब 52 लाख रुपये खर्च कर वन विभाग ने यहां विभिन्न प्रजातियों के करीब 22 हजार पौधे लगाए थे. इनमें से कई औषधीय पौधे हैं. साथ ही इस परिक्षेत्र को हिरण, लोमड़ी, नीलगाय, सियार, मोर, खरगोश, लक्कड़बग्घा जैसे जीवों ने अपना आशियाना बना रखा है.
उक्त भूमि वन विभाग की आपत्ति को दरकिनार कर मेसर्स अटलांटिक मार्बल्स को खनन के लिए लीज पर देने की तैयारी की गई है. इसकी जानकारी लगने पर सामाजिक संस्था साईं परिवार ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यदि विधि संगत निर्णय नहीं लिया गया तो मामला राष्ट्रीय हरित न्यायालय भोपाल ले जाया जाएगा. खनन की वजह से जंगली जानवरों, पेड़-पौधों और प्रसिद्ध बैजनाथ महादेव मंदिर पर दुष्प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है.