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बारिश में हो रही देरी किसानों के लिए बन रही परेशानी का सबब

शहडोल में धान की खेती प्रमुखता से की जाती है, लेकिन इस साल कम बारिश की वजह से किसानों को धान की फसल के अलावा और दूसरी फसलों की खेती करनी पड़ सकती है.

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Published : Jun 26, 2019, 1:39 PM IST

बारिश में हो रही देरी से परेशान किसान

शहडोल। जिले में बारिश की कमी ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. किसान अपनी फसल की बोनी के लिए अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं और उनका ये इंतजार दिन-ब-दिन लंबा होता जा रहा है. बारिश में हो रही देरी का असर सीधे तौर पर खेती पर पड़ रहा है, जिसके कारण किसान खासे परेशान हैं.

बारिश में हो रही देरी से परेशान किसान


कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक ये समय धान की नर्सरी डालने के लिए सही है. अगर पानी का कुछ इंतज़ाम है, तो धान की नर्सरी डाल देना ही उचित होगा. साथ ही उन्होंने किसानों को सतर्क रहने की चेतावनी भी दी है, क्योंकि इस साल जिले में कम बारिश होने की संभावना है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि किसानों को कम समय वाली फसल का चयन करना चाहिए, साथ ही जो खेत ऊंचाई पर हैं, उन्हें धान की जगह दलहन की फसल की बुआई करनी चाहिए.

शहडोल। जिले में बारिश की कमी ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. किसान अपनी फसल की बोनी के लिए अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं और उनका ये इंतजार दिन-ब-दिन लंबा होता जा रहा है. बारिश में हो रही देरी का असर सीधे तौर पर खेती पर पड़ रहा है, जिसके कारण किसान खासे परेशान हैं.

बारिश में हो रही देरी से परेशान किसान


कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक ये समय धान की नर्सरी डालने के लिए सही है. अगर पानी का कुछ इंतज़ाम है, तो धान की नर्सरी डाल देना ही उचित होगा. साथ ही उन्होंने किसानों को सतर्क रहने की चेतावनी भी दी है, क्योंकि इस साल जिले में कम बारिश होने की संभावना है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि किसानों को कम समय वाली फसल का चयन करना चाहिए, साथ ही जो खेत ऊंचाई पर हैं, उन्हें धान की जगह दलहन की फसल की बुआई करनी चाहिए.

Intro:note_ बाईट कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह की है।

बारिश में देरी, खेती में हो रहा लेट, तो टेंशन न लें, इस तरीके करें खेती, नहीं होगा ज्यादा नुकसान

शहडोल- बरसात का मौसम है लेकिन अभी शहडोल जिले में उस तरह की बारिश नहीं हुई है। जिस तरह के बारिश का इंतज़ार किसानों को है। जिससे वो अपने खेती के काम को आगे बढ़ा सकें। खेतों में बीज डाल सकें। किसान भी बड़ी बारिश का इंतज़ार कर रहे हैं। क्योंकि अब जितनी देरी बारिश में होगी उतना किसानों के फसल के उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना बनी रहती है। जो किसानों की टेंशन लगातार बढ़ा रहा है।




Body:जानिए कब पहुंचेगा मानसून

बारिश में देरी हो रही है तो किसान चिंतित न हों, बल्कि अपने खेतों को तैयार करना अभी जारी रखें। कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक अभी जो शहडोल में बारिश हुई है वो प्री मानसून बारिश हुई है अभी मानसून यहां पर आया नहीं है। अभी लेटेस्ट खबर जो मिल रही है उसके मुताबिक मध्यप्रदेश में मंडला के रास्ते मानसून पहुंच चुका है और शहडोल में भी मानसून तीन से चार दिन में पहुंच सकता है।

चिंतित न हों किसान इस तरह से करें खेती

शहडोल जिला आदिवासी अंचल के अन्तर्गत आता है और यहां पर भी कई तरह के खरीफ के फसलों की खेती की जाती है।

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक ये समय धान की नर्सरी डालने का सही समय है। अगर पानी का कुछ इंतज़ाम है तो धान की नर्सरी डाल दें। साथ ही उन्होंने ये भी चेतावनी दी है कि इस साल कम बारिश होने की संभावना है इसलिए सतर्क रहें। और कम दिन वाली फसलों का ही सलेक्शन करें। साथ ही जो खेत ऊंचाई पर हैं, वहां धान की जगह दलहन की फसलों की पैदावार करें, अरहर उड़द मूंग जैसे फसलों का चयन करें।


सोयाबीन की खेती करते समय ये ध्यान रखें

शहडोल जिले में कई जगह पर सोयाबीन की खेती भी की जाती है और इसकी खेती से किसान काफी समृद्धि भी हुए हैं सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को कृषि वैज्ञानिको की सलाह है की सोयाबीन की खेती करने वाले किसान जबतक 4 इंच बारिश न हो जाए, तबतक सोयाबीन के फसल की बुवाई बिल्कुल भी न करें।


Conclusion:खेतों में ये तैयारियां पहले से कर लें

बारिश में देरी हो रही है तो घबराएं नहीं अभी समय है खेतों की गहरी जुताई कर लें, मेढ़ों को बांध दें जिससे पहले बारिश का पानी खेत में जरूर लगे। इसके अलावा खेतों में बीज डालने से पहले उसे बीजोउपचार जरूर कर लें। क्योंकि इससे भविष्य में फसल कई तरह के रोग कीट से बचे रहेंगे, और फसल स्वस्थ रहेंगे तो पैदावार भी अच्छी होगी।

जानिए कितने क्षेत्र में किस फसल की खेती

शहडोल जिले में धान की खेतीं प्रमुखता से की जाती है धान की फ़सल 1 लाख, 4 हज़ार 500 हेक्टेयर में की जाती है।

मक्के की खेती 17,400 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है।

कोदो कुटकी की खेती 9400 हेक्टेयर

अरहर 17,900 हेक्टेयर में

उड़द 8,100 हेक्टेयर

तिल 8,800 हेक्टेयर

सोयाबीन 10,500 हेक्टेयर

क्षेत्र में शहडोल जिले में खेती की जाती है।
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