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मूक बधिर मां को इस तरह सिखाया नन्हीं जान को स्तनपान कराना

समोती मजूमदार के जन्म से गूंगे व बहरे होने एवं पहला शिशु होने के कारण जानकारी संवादहीनता के कारण स्तनपान में कठिनाई आ रही थी, जिसके बाद महिला पोषक प्रशिक्षक सपना कुरावले ने महिला स्तनपान दिवस (1 अगस्त-8 अगस्त) के अन्तर्गत समोती को परामर्श दिया. साथ ही स्तनपान के सही तरीकों से ईएनपी बुकलेट से अवगत कराया.

Difficulties overcome by advising a deaf woman through a picture
Difficulties overcome by advising a deaf woman through a picture
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Published : Aug 9, 2020, 9:33 PM IST

बैतूल। जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण साधन हैं. शिक्षा से हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है. शिक्षा के आगे मानव की दिव्यांगता भी बौनी साबित हो जाती है. इस बात को सच साबित कर दिखाया है, घोड़ाडोंगरी की एक मूक-बधिर मां ने, जिसने शिक्षा के माध्यम से मूक बधिरता को हरा दिया.

बीएमओ डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि मूकबधिर समोती मजूमदार झोली-2 गांव की मूल निवासी हैं. समोती कक्षा दसवीं तक शिक्षित हैं, 6 अगस्त को समोती को प्रसव पीड़ा हुई, समोती ने 2.492 किलो के हस्ट-पुष्ट बच्चे को जन्म दिया, लेकिन समोती मजूमदार के जन्म से गूंगे व बहरे होने और पहला शिशु होने के कारण जानकारी के अभाव और संवादहीनता के कारण स्तनपान में कठिनाई आ रही थी.

महिला पोषक प्रशिक्षक सपना कुरावले को जब महिला की परेशानी के बारे में जानकारी लगी तो उन्होंने महिला स्तनपान दिवस (1 अगस्त-8 अगस्त) जो कि समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घोडाडोंगरी में मनाया जा रहा था, के अन्तर्गत समोती को परामर्श दिया. साथ ही स्तनपान के सही तरीको से ईएनपी बुकलेट की मदद से समझाया, जो कि समोती के लिए समझना कठिन था. इसके बाद भी सपना कुरावले ने पेपर पर लिखकर एवं चित्रों के माध्यम से स्तनपान कराने के सही तरीकों के बारे में बताया. उचित परामर्श के कारण जज्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं, साथ ही मां भी सही तरीके से शिशु को स्तनपान करा रही है.

बैतूल। जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण साधन हैं. शिक्षा से हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है. शिक्षा के आगे मानव की दिव्यांगता भी बौनी साबित हो जाती है. इस बात को सच साबित कर दिखाया है, घोड़ाडोंगरी की एक मूक-बधिर मां ने, जिसने शिक्षा के माध्यम से मूक बधिरता को हरा दिया.

बीएमओ डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि मूकबधिर समोती मजूमदार झोली-2 गांव की मूल निवासी हैं. समोती कक्षा दसवीं तक शिक्षित हैं, 6 अगस्त को समोती को प्रसव पीड़ा हुई, समोती ने 2.492 किलो के हस्ट-पुष्ट बच्चे को जन्म दिया, लेकिन समोती मजूमदार के जन्म से गूंगे व बहरे होने और पहला शिशु होने के कारण जानकारी के अभाव और संवादहीनता के कारण स्तनपान में कठिनाई आ रही थी.

महिला पोषक प्रशिक्षक सपना कुरावले को जब महिला की परेशानी के बारे में जानकारी लगी तो उन्होंने महिला स्तनपान दिवस (1 अगस्त-8 अगस्त) जो कि समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घोडाडोंगरी में मनाया जा रहा था, के अन्तर्गत समोती को परामर्श दिया. साथ ही स्तनपान के सही तरीको से ईएनपी बुकलेट की मदद से समझाया, जो कि समोती के लिए समझना कठिन था. इसके बाद भी सपना कुरावले ने पेपर पर लिखकर एवं चित्रों के माध्यम से स्तनपान कराने के सही तरीकों के बारे में बताया. उचित परामर्श के कारण जज्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं, साथ ही मां भी सही तरीके से शिशु को स्तनपान करा रही है.

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