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बन रहा है विशेष संयोग, एक ही दिन पड़ रही है सोमवती अमावस्या और शनि जयंती

शनि जयंती एवं सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त पर पवित्र नदियों पर स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे नर्मदा नदी के भी सभी घाटों पर भारी संख्या में लोग देखने को मिलेगे.

सोमवती अमावस्या और शनि जयंती
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Published : Jun 1, 2019, 5:52 PM IST

होशंगाबाद। सोमवार को सनातन धर्म के अनुसार दो विशेष संयोग बन रहे हैं. सोमवती अमावस्या के साथी शनि जयंती भी सोमवार को पड़ रही है, जिसके चलते सभी पवित्र नदियों की घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने की संभावना है

सोमवती अमावस्या और शनि जयंती


आचार्य सोमेश्वर परसाई के अनुसार 5 साल बाद ऐसा शुभ मुहूर्त आया है, जब सोमवती अमावस्या एवं रोहिणी नक्षत्र में एक ही दिन पड़ रही है, जो कि शनिदेव को खुश करने के लिए बहुत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है. इस दिन शनि देव की पूजा आराधना कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर सोमवार को बट सावित्री व्रत भी पड़ रहा है इसे हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह दिन और खास हो गया है.


शास्त्रों एवं वेदों के अनुसार प्राचीन समय के जेष्ठ माह की अमावस्या की तिथि पर सूर्य और छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था. यम और यमुना शनि के भाई-बहन है. सूर्य और चंद्रमा जब वृषभ राशि में होते हैं तब शनि जयंती आती है.

होशंगाबाद। सोमवार को सनातन धर्म के अनुसार दो विशेष संयोग बन रहे हैं. सोमवती अमावस्या के साथी शनि जयंती भी सोमवार को पड़ रही है, जिसके चलते सभी पवित्र नदियों की घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने की संभावना है

सोमवती अमावस्या और शनि जयंती


आचार्य सोमेश्वर परसाई के अनुसार 5 साल बाद ऐसा शुभ मुहूर्त आया है, जब सोमवती अमावस्या एवं रोहिणी नक्षत्र में एक ही दिन पड़ रही है, जो कि शनिदेव को खुश करने के लिए बहुत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है. इस दिन शनि देव की पूजा आराधना कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर सोमवार को बट सावित्री व्रत भी पड़ रहा है इसे हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह दिन और खास हो गया है.


शास्त्रों एवं वेदों के अनुसार प्राचीन समय के जेष्ठ माह की अमावस्या की तिथि पर सूर्य और छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था. यम और यमुना शनि के भाई-बहन है. सूर्य और चंद्रमा जब वृषभ राशि में होते हैं तब शनि जयंती आती है.

Intro:होशंगाबाद। वैशाख माह की अमावस्या तिथि है सोमवार को सनातन धर्म के अनुसार दो विशेष संयोग बन रहे हैं सोमवार को सोमवती अमावस्या के साथी शनि जयंती भी है यह अमावस्या अनेक शुभ संयोग लेकर आ रहा है रोहिणी नक्षत्र मैं भी है


Body:सोमवती अमावस्या होने के चलते सभी पवित्र नदियों की घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रद्धा की डुबकी लगाएंगे होशंगाबाद में भी नर्मदा नदी के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की बड़ी मात्रा में संख्या देखने को मिलेगी आचार्य सोमेश्वर परसाई के अनुसार 5 साल बाद ऐसा शुभ मुहूर्त आया है कि एक ही दिन अमावस्या सोमवती एवं रोहिणी नक्षत्र में पढ़ रही है जोकि शनिदेव को खुश करने के लिए वह शुभ मुहूर्त माना जाता है इस दिन शनि देव की पूजा आराधना कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर सोमवार को बट सावित्री व्रत भी पड़ रहा है इसे हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह दिन और खास हो गया है ।


क्यों मनाई जाती शनि जयंती

शास्त्रों एवं वेदों के अनुसार प्राचीन समय के जेष्ठ माह की अमावस्या की तिथि पर सूर्य और छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था यम ओर यमुना शनि के भाई बहन है सूर्य और चंद्रमा जब वृषभ राशि में होते हैं तब शनि जयंती आती ।

पवित्र नदियों के घाटों पर लगेगा श्रद्धालुओं का जमावड़ा
शनि जयंती एवं सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त पर पवित्र नदियों पर स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे नर्मदा नदी के भी सभी घाटों पर भारी संख्या में लोग देखने को मिलेगे। आचार्य सोमेश परसाई के अनुसार अमावस्या 2 जून को शाम 4:39 से शुरू हो जाएगी 3 जून को दोपहर 3:31 तक रहेगी।

बाइट सोमेश परसाई ( आचार्य )
फ़ाइल शार्ट


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