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कुलियों को अभी भी है यात्रियों का इंतजार, लॉकडाउन खुलने से जगी उम्मीद - आर्थिक तंगी

लॉकडाउन के कारण भोपाल जंक्शन पर काम करने वाले कुली भी बेरोजगार हो गए थे, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद कुछ ट्रेनों का आवागमन फिर से शुरू हो गया, तो फिर से इनकी में उम्मीद जगी हैं.

 Chances of the porters resurfaced due to the movement of trains
ट्रेनों के आवागमन से कुलियों की फिर से जगी उम्मीद
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Published : Jun 14, 2020, 2:51 AM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण पूरे देश में सब कुछ थम सा गया था. यहां तक रेल के पहिए भी काफी समय से रुके हुए थे. रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का बोझ उठाने वाले कुलियों की आय बंद हो गई थी. इस कारण उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई. अब लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से उनकी उम्मीदें जगी हैं.

लाॉकडाउन खुलने से कुलियों को मिली राहत
रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का सामान उठाने वाले कुली इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. राजधानी के सबसे पुराने और मुख्य रेलवे स्टेशन भोपाल जंक्शन पर कुली का काम करने वाले शब्बीर अहमद ने बताया कि, लॉकडाउन में स्थिति बहुत ही खराब हो गई थी. अब अनलॉक में कुछ रेलगाड़ियों का चलना शुरू हुआ है तो रोज 100-150 की कमाई हो जाती है. लॉकडाउन में घर खर्च चलाने के लिए लोगों से काफी पैसे उधार लेने पड़े, जिसे चुकाना पड़ रहा है. भोपाल जंक्शन पर पहले 120 कुली थे, जो लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हो गए थे. अब वे सभी अपने-अपने गांव वापस चले गए हैं. अब कुल 28 कुली बचे हैं, जो बारी-बारी से शिफ्ट में काम करते हैं. पवन नामक कुली ने ईटीवी भारत को बताया कि, सुबह एक ट्रेन रहती है मंगला लक्षद्वीप एक्सप्रेस. अगर उसमें कुछ आमदनी हो गई तो अच्छी बात, नहीं तो हम घर चले जाते हैं. रात में भी बस एक-दो गाड़ियां हैं. अब किसी तरह थोड़ा-बहुत काम चल रहा है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण पूरे देश में सब कुछ थम सा गया था. यहां तक रेल के पहिए भी काफी समय से रुके हुए थे. रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का बोझ उठाने वाले कुलियों की आय बंद हो गई थी. इस कारण उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई. अब लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से उनकी उम्मीदें जगी हैं.

लाॉकडाउन खुलने से कुलियों को मिली राहत
रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का सामान उठाने वाले कुली इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. राजधानी के सबसे पुराने और मुख्य रेलवे स्टेशन भोपाल जंक्शन पर कुली का काम करने वाले शब्बीर अहमद ने बताया कि, लॉकडाउन में स्थिति बहुत ही खराब हो गई थी. अब अनलॉक में कुछ रेलगाड़ियों का चलना शुरू हुआ है तो रोज 100-150 की कमाई हो जाती है. लॉकडाउन में घर खर्च चलाने के लिए लोगों से काफी पैसे उधार लेने पड़े, जिसे चुकाना पड़ रहा है. भोपाल जंक्शन पर पहले 120 कुली थे, जो लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हो गए थे. अब वे सभी अपने-अपने गांव वापस चले गए हैं. अब कुल 28 कुली बचे हैं, जो बारी-बारी से शिफ्ट में काम करते हैं. पवन नामक कुली ने ईटीवी भारत को बताया कि, सुबह एक ट्रेन रहती है मंगला लक्षद्वीप एक्सप्रेस. अगर उसमें कुछ आमदनी हो गई तो अच्छी बात, नहीं तो हम घर चले जाते हैं. रात में भी बस एक-दो गाड़ियां हैं. अब किसी तरह थोड़ा-बहुत काम चल रहा है.
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