ETV Bharat / briefs

वृक्षारोपण की एक अनोखी मुहिम, ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए निकाली ये तरकीब

साईंखेड़ा में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिछले चार सालों से पौधारोपण और उनके संरक्षण की मुहिम चला रखी है. कल्पतरु अभियान के तहत हर शनिवार को पौधारोपण किया जाता है.

वृक्षारोपण की एक अनोखी मुहिम
author img

By

Published : May 26, 2019, 3:42 PM IST

नरसिंहपुर। दुनिया भर में आज ग्लोबल वॉर्मिंग एक बड़ी समस्या बनी हुई है. असन्तुलित तापमान और भीषण गर्मी से लोग जूझ रहे हैं. इन्हीं आपदाओं से लड़ने के लिए नरसिंहपुर के सामाजिक कार्यकर्ता जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक पहल शुरु की है, जिसके तहत वो पिछले चार सालों से हर शनिवार पौधरोपण कर रहे हैं.

वृक्षारोपण की एक अनोखी मुहिम

साईंखेड़ा में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिछले चार सालों से पौधारोपण और उनके संरक्षण की मुहिम चला रखी है. कल्पतरु अभियान के तहत हर शनिवार को पौधारोपण किया जाता है. लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुक किया जाता है और ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने की सलाह दी जाती है. यही वजह है कि क्षेत्र में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ती जा रही है. यही नहीं, आसपास के कई गांवों में भी अब इस मुहिम का असर दिखाई दे रहा है.

कल्पतरु अभियान को यहां के सामाजिक कार्यकर्ता बखूबी अंजाम दे रहे हैं. हर शनिवार को पौधारोपण कर उसके संरक्षण का भी संकल्प लिया जाता है. यही वजह है कि आज यहां एक हजार से ज्यादा पेड़ फल-फूल रहे हैं. प्रकृति को संरक्षित करने की मुहीम जो इन कार्यकर्ताओं ने शुरू की है, वो ना केवल हमारे लिए बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अनमोल साबित होगी. ग्लोबल वॉर्मिंग, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में यही पेड़-पौधे हमारी मदद करेंगे.

नरसिंहपुर। दुनिया भर में आज ग्लोबल वॉर्मिंग एक बड़ी समस्या बनी हुई है. असन्तुलित तापमान और भीषण गर्मी से लोग जूझ रहे हैं. इन्हीं आपदाओं से लड़ने के लिए नरसिंहपुर के सामाजिक कार्यकर्ता जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक पहल शुरु की है, जिसके तहत वो पिछले चार सालों से हर शनिवार पौधरोपण कर रहे हैं.

वृक्षारोपण की एक अनोखी मुहिम

साईंखेड़ा में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पिछले चार सालों से पौधारोपण और उनके संरक्षण की मुहिम चला रखी है. कल्पतरु अभियान के तहत हर शनिवार को पौधारोपण किया जाता है. लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुक किया जाता है और ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने की सलाह दी जाती है. यही वजह है कि क्षेत्र में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ती जा रही है. यही नहीं, आसपास के कई गांवों में भी अब इस मुहिम का असर दिखाई दे रहा है.

कल्पतरु अभियान को यहां के सामाजिक कार्यकर्ता बखूबी अंजाम दे रहे हैं. हर शनिवार को पौधारोपण कर उसके संरक्षण का भी संकल्प लिया जाता है. यही वजह है कि आज यहां एक हजार से ज्यादा पेड़ फल-फूल रहे हैं. प्रकृति को संरक्षित करने की मुहीम जो इन कार्यकर्ताओं ने शुरू की है, वो ना केवल हमारे लिए बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अनमोल साबित होगी. ग्लोबल वॉर्मिंग, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में यही पेड़-पौधे हमारी मदद करेंगे.

Intro:जिला नरसिंहपुर तहसील गाडरवारा

भीषण गर्मी में जहाँ बड़े बड़े पेड़ पौधे सुख जाते है वही नरसिंहपुर के साईंखेड़ा में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पौधरोपण और उनके संरक्षण की पिछले चार वर्षों से ऐसी मुहिम चलाई जा रही है कि जिससे पर्यावरण संरक्षण को तो बल मिल ही रहा है साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव से भी क्षेत्र को राहत मिल रही है इस कल्पतरू अभियान के तहत प्रत्येक शनिवार को निश्चित तौर पर पौधरोपण किया जाता है वही क्षेतवासियो में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है और आसपास के कई गांव अब इस मुहिम का अनुसरण कर रहे है देखिये यह खास रिपोर्टBody:एंकर - भीषण गर्मी में जहाँ बड़े बड़े पेड़ पौधे सुख जाते है वही नरसिंहपुर के साईंखेड़ा में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पौधरोपण और उनके संरक्षण की पिछले चार वर्षों से ऐसी मुहिम चलाई जा रही है कि जिससे पर्यावरण संरक्षण को तो बल मिल ही रहा है साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव से भी क्षेत्र को राहत मिल रही है इस कल्पतरू अभियान के तहत प्रत्येक शनिवार को निश्चित तौर पर पौधरोपण किया जाता है वही क्षेतवासियो में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है और आसपास के कई गांव अब इस मुहिम का अनुसरण कर रहे है देखिये यह खास रिपोर्ट


वीओ 01 - धूनी वाले दादा दरबार के नाम से प्रख्यात नरसिंहपुर जिले का छोटा सा कस्बा साईंखेड़ा पर्यावरण संरक्षण का केंद्र बना हुआ है खास बात है है कि यहां के स्थानीय बिना किसी सरकारी मदद के पर्यावरण संरक्षण की मुहिम छेड़े हुए है और पिछले चार वर्षों से यह सिलसिला निरन्तर जारी है पिछले चार वर्षों में कल्पतरु अभियान के नाम से संचालित पर्यावरण संरक्षण के इस कार्यक्रम को यहां के सामाजिक कार्यकर्ता बखूबी अंजाम दे रहे है और प्रत्येक शनिवार को पौधरोपण कर उसके संरक्षण का भी संकल्प लेते है और यही वजह है कि आज यहां 1000 से अधिक पौधे वृक्ष की शक्ल लेकर फलफूल रहे है 




वीओ 02 - मृदा संरक्षण और पर्यावरण के प्रति प्रेम ही यहां के लोगो की इस सफलता का मूलमंत्र है पर्यावरण संरक्षणकर्ता बताते है कि जीवन मे जल वायु और मृदा तीनो की अपनी अहमियत होती है और यदि हम आज इसकी देखभाल नही करेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी को शायद ही स्वस्थ वातावरण दे पाएंगे इसलिए आनेवाले कल को सुरक्षित रखने आज इस मोहिम की महत्व अधिक है और इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए जन्मदिन सालगिरह में लोगो को प्रेरित भी करते है जिससे अधिक से अधिक पौधरोपण हो सके 








वीओ 03 - जिहोने सबसे पहले स्थानीयों को इस अभियान से जोड़ा फिर लोगो को जन्मदिन सालगिरह में पौधरोपण करने और उनके संरक्षण की भी अपील की देखते ही देखने यह सरोकार रंग लाने लगा और लोग जुड़ते गए आज साईंखेड़ा जिले का सबसे हरित कस्बे के रूप में अपनी पहचान बना रहा है साथ ही अन्य गांव कस्बे भी इससे प्रेरणा लेकर अपने अपने क्षेत्र में पौधरोपण और उनके संरक्षण के लिए आगे आने लगे है साथ ही जागरूकता के लिए अरविंद राजपूत कल्पतरु नामक पर्यावरण पर एक पत्रिका को भी प्रकाशित कर उनमे पौधरोपण करने वालो का चित्रांकन कर उसे संकलित कर रहे जिससे लोग और अधिक प्रेरित हो सके पर्यावरण संरक्षण की इस अनोखी पहल को संचालित करने वाले अरविंद बताते है कि पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम से दो दर्जन से अधिक अन्य गांव कस्बे भी जुड़ चुके है और धीरे धीरे अब इसका विस्तार का दरया भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है 

बाइट- नीरज श्रीवास्तव समाजसेवी




साइन आउट - पर्यावरण संरक्षण की ओर उठाया गया साईंखेड़ा वासियो का यह कदम समाज को एक नई दिशा भी देता दिखलाई पड़ रहा कि हर काम के लिए शासन की ओर आशावादी न होकर बल्कि समाज के विकास और पर्यावरण के प्रति स्वयँ की नैतिक जिम्मेदारी के भी समझते हुए उसे अंजाम देने की भी आदत होनी चाहिए तभी हम समाज को बेहतर आने वाला कल दे सकते है .....Conclusion:पर्यावरण संरक्षण की ओर उठाया गया साईंखेड़ा वासियो का यह कदम समाज को एक नई दिशा भी देता दिखलाई पड़ रहा कि हर काम के लिए शासन की ओर आशावादी न होकर बल्कि समाज के विकास और पर्यावरण के प्रति स्वयँ की नैतिक जिम्मेदारी के भी समझते हुए उसे अंजाम देने की भी आदत होनी चाहिए तभी हम समाज को बेहतर आने वाला कल दे सकते है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.