ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी रैगिंग को रोकने के लिए नया प्रयोग करने जा रहा है. पीआरओ के मुताबिक इस साल सीनियर और जूनियर छात्रों के साथ एक संवाद आयोजित किया जाएगा. जिसमें सभी छात्रों को यह बताया जाएगा कि यदि कोई भी छात्र किसी भी दूसरे छात्र के साथ रैगिंग करता है या रैकिंग को होते हुए देखता है तो यूजीसी के तय नियमों के अनुसार उसे सजा दी जाएगी.
पीआरओ शांतिदेव सिसोदिया ने बताया कि जीवाजी यूनिवर्सिटी रैगिंग को लेकर हमेशा रही गंभीर रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जितनी भी शिकायत प्राप्त हुई है उसमें रैंगिंग को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया है है. पीआरओ ने कहा कि जैसे ही नये छात्रों की क्लास शुरु होगी वैसे ही हम पुराने और नये छात्रों के साथ एक बैठक करेंगे, जिसमें हम सभी छात्रों को बताएगे कि विश्वविद्यालय परिसर में रैगिंग कितना बड़ा अपराध है.
उन्होंने कहा कि छात्र यदि रैगिंग करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और साथ ही उसके चरित्र प्रमाण-पत्र पर एक री-मार्क लगाया जाएगा. जो दर्शाएगा कि यह छात्र में सम्मलित था.
जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है जीवाजी यूनिवर्सिटी की यह पहल काफी सराहनीय है क्योंकि रैगिंग की वजह से छात्रों का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है इसके कारण वह ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाता या फिर संस्थान में पढ़ने के लिए नहीं आता.