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12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर कांग्रेस विधायक ने जताई चिंता, शिवराज सरकार से की ये मांग

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष और कालापीपल से विधायक कुणाल चौधरी ने 9 जून से आयोजित हो रही 12वीं बोर्ड की परीक्षा को लेकर चिंता जताई. इस दौरान उन्होंने सरकार से बच्चों की सुरक्षा को लेकर अपनी मांग भी रखी.

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Published : Jun 8, 2020, 9:44 PM IST

शाजापुर। मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष और कालापीपल से विधायक कुणाल चौधरी ने 12वीं की होने वाली परीक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने सरकार से कई बार अनुरोध किया था कि बच्चों को प्रमोशन दे देना चाहिए. मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो अब सरकार इस बात की जवाबदेही का अच्छी तरह से निर्वाहन करें. सबसे पहले परीक्षा केंद्रों को अच्छी तरह सैनेटाइज करवाया जाए. साथ ही छात्रों और शिक्षकों को अच्छे से थर्मल स्क्रीनिंग की जरूरत है.

इसके साथ विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार को छात्रों और शिक्षकों सभी के लिए मास्क और सैनेटाइजर की व्यवस्था भी मुहैया करानी चाहिए. सरकार को हर प्रकार से बच्चों के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए. कुणाल चौधरी ने मांग कि अगर शिक्षक 55 साल से आयु से ज्यादा हों तो सरकार इस बात का ध्यान रखें कि उनकी बजाय युवा शिक्षकों को परीक्षा केन्द्रों पर तैनात किया जाए.

विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के समय बच्चों की परीक्षा करवाना बेहद गलत है, क्योंकि इस महामारी बच्चों के मन में एक अजीब प्रकार का डर बैठा हुआ है, जो कि उनके माता-पिता में भी है. ऐसे में जब बच्चे परीक्षा देने जाएंगे तो खुले दिमाग से शायद परीक्षा में न लिख पाएं, क्योंकि उनके दिमाग में कोरोना महामारी का डर लगातार सताते रहेगा.

शाजापुर। मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष और कालापीपल से विधायक कुणाल चौधरी ने 12वीं की होने वाली परीक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने सरकार से कई बार अनुरोध किया था कि बच्चों को प्रमोशन दे देना चाहिए. मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो अब सरकार इस बात की जवाबदेही का अच्छी तरह से निर्वाहन करें. सबसे पहले परीक्षा केंद्रों को अच्छी तरह सैनेटाइज करवाया जाए. साथ ही छात्रों और शिक्षकों को अच्छे से थर्मल स्क्रीनिंग की जरूरत है.

इसके साथ विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार को छात्रों और शिक्षकों सभी के लिए मास्क और सैनेटाइजर की व्यवस्था भी मुहैया करानी चाहिए. सरकार को हर प्रकार से बच्चों के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए. कुणाल चौधरी ने मांग कि अगर शिक्षक 55 साल से आयु से ज्यादा हों तो सरकार इस बात का ध्यान रखें कि उनकी बजाय युवा शिक्षकों को परीक्षा केन्द्रों पर तैनात किया जाए.

विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के समय बच्चों की परीक्षा करवाना बेहद गलत है, क्योंकि इस महामारी बच्चों के मन में एक अजीब प्रकार का डर बैठा हुआ है, जो कि उनके माता-पिता में भी है. ऐसे में जब बच्चे परीक्षा देने जाएंगे तो खुले दिमाग से शायद परीक्षा में न लिख पाएं, क्योंकि उनके दिमाग में कोरोना महामारी का डर लगातार सताते रहेगा.

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