भोपाल। पशु संजीवनी योजना के तहत इलाज के लिए पशुपालकों से शुल्क वसूले जाने के निर्णय पर पशुपालन मंत्री लाखन सिंह का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि कुछ असामाजिक तत्व टोल फ्री नंबर पर कॉल करके फर्जी सूचना देते थे. जब बताए गए पते पर वेटनरी अमला पहुंचता था, तो वहां शिकायत करने वाला कोई शख्स नहीं मिलता, जिससे कर्चमारी-अधिकारी परेशान होते थे.
इसके साथ ही आने-जाने में भी काफी पैसा खर्च होता था. इस तरह के फोन कॉल पर लगाम लगे, इसीलिए शुल्क का निर्धारण किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह शुल्क केवल निजी पशु मालिकों के घर जाकर इलाज करने पर ही लिया जाएगा. आवारा पशुओं के इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा.