देवास। कोरोना संक्रमण के चलते पूरे प्रदेश में मांगलिक, सामाजिक, राजनीतिक ,धार्मिक एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रम प्रतिबंधित है. जिसके चलते टेंट हाउस, लाइट डेकोरेशन ,साउंड सिस्टम व्यवसाई काफी प्रभावित हुए हैं. इन व्यवसाइयों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कई व्यवसायियों, कर्मचारियों एवं मजदूरों के सामने अपने परिवार के भरण पोषण की समस्याएं खड़ी है. इन्ही समस्याओं को लेकर खातेगांव में टेंट एवं लाइट साउंड एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज के नाम एक ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में बताया कि कोरोना संकट के चलते वे बैंक एवं अन्य संस्थानों से लिए गए ऋण की किस्त अदायगी, दुकान किराया, गोदाम किराया, गार्डन का किराया ,मजदूरों का वेतन आदि चुकाने में असमर्थ हो गए हैं. टेंट एवं लाइट व्यवस्था के माध्यम से क्षेत्र के 10 से 15% लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं ,इसमें लेबर, कैंटीन, ट्रांसपोर्ट, फ्लावर डेकोरेशन, बैंड बाजा, हलवाई आदि लोग शामिल हैं.
टेंट एवं लाइट साउंड एसोसिएशन ने प्रशासन से मांग है कि नवंबर तक होने वाले मांगलिक एवं सामाजिक धार्मिक कार्यक्रमों में कम से कम 500 व्यक्ति के आयोजन की अनुमति प्रदान करें. जिससे उनका व्यवसाय भी गति पकड़ सके. प्रदेश के सभी छोटे टेंट व्यवसाई लाइट साउंड व्यवसाई, जिनका वार्षिक कारोबार 10 लाख से कम है, उन्हें सहकारी बैंक के माध्यम से बिना गारंटी तथा बिना ब्याज के 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता कम से कम पेपर पर दी जाए, जो कि 1 वर्ष बिना ब्याज के 36 किस्तों में वापस जमा किया जा सके. ऐसे में छोटे-छोटे टेंट,लाईट व्यवसाई को आर्थिक मदद हो जाएगी. बैंक को ये निर्देश दिए जाएं कि व्यवसायियों को सकारात्मक रूप से सहयोग करे.
आपदा प्रबंधन समिति और शांति समिति में मिले स्थान
एसोसिएशन ने ये भी मांग की है कि आपदा प्रबंधन समिति और शांति समिति में एसोसिएशन को भी स्थान दिया जाए, ताकि वे अपनी बात रख सकें और समय समय पर लगने वाले लाइट टेंट की जानकारी व्यवसाई तक पहुंच सके. एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते हमारे व्यवसाय पर ध्यान नहीं दिया गया तो अनिश्चितकालीन व्यवसाय बंद कर चाबी प्रशासन को सौंप दी जाएगी, जिसमें व्यवसायियों को होने वाली क्षति की जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी.