खंडवा/श्योपुर। वृंदावन की लट्ठमार होली के चर्चे पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन मध्यप्रदेश के खंडवा और श्योपुर में भी लठमार होली का अपना अलग रुप है. यहां महिला और पुरूष मिलकर होली का अनोखा उत्सव मनाते है, जिसमें पुरुषों को प्राचीन परंपरा निभाते हुए महिलाओं के लट्ठ खानी पड़ती है.
खंडवा के कावड़िया गांव में गोसाई समाज में एक अनोखी परम्परा हैं. जहां समाज की महिलाएं होली से एक दिन पहले पुरुषों को घर से बाहर निकल देती हैं. जिसमें यह शर्त रखी जाती है कि पुरुष घर में तभी प्रवेश कर सकते है जब वह महिलाओं द्वारा लगाया गया झंडा ना तोड़ दें. लेकिन इसके लिए पुरुषों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. इस दौरान पूर्व सरपंच कचरू गिरी की पत्नी ने लठमार कर अपने ही पति का दांत तोड़ दिया. इस पर पूर्व सरपंच का कहना है कि ये हमारी परंपरा हैं. हम लोग ऐसे ही होली खेलते हैं. यहां होली खेलने के दौरान घायल शख्स पुलिस के पास नहीं जाता.
चंबल संभाग के श्योपुर जिले में लठमार होली का अपना अलग ही महत्व है. जहां गांव के लोग मंदिर के बाहर इमली की बड़ी डाली को काटकर जमीन में गाढ़ देते हैं और फिर टहनी पर गुड़ बांधा जाता है गांव के युवावस्था से लेकर बुजुर्ग वर्ग तक के हर पुरुष को इमली डाल पर बंधे गुड़ को लूटने और डाल को उखाड़ने के लिए कहा जाता है. उसके बाद रख वाली कर रही सभी महिलााएं पुरुषों पर टूट पड़ती है और जमकर डंडे बरसाती है. महिलाओं की पिटाई खाने वाले गांव के युवा, बुजुर्ग बताते है कि यह 200 साल पुरानी परंपरा है जिसे सभी लोग भाई चारे के साथ निभाते है.