ग्वालियर। शहर में बीते 15 दिनों में 4 से अधिक आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. जिला प्रशासन और नगर निगम की मॉनिटरिंग टीम पर आरोप है कि वे इस पर कोई ध्यान नहीं देते, जिससे हर साल आगजनी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. हालांकि अब नगर निगम ऐसे हादसों का कारण जानने और कमी को पता करने के लिए फायर ऑडिट कराने की तैयारी कर रहा है.
बता दें कि शहर के विभिन्न संस्थानों, शो रूम, हाईराइज मल्टी और फैक्ट्री हर साल फायर एनओसी नहीं लेती है, जिसके कारण आग लगने के दौरान फायर किट काम नहीं कर पाता है और आग से करोड़ों का नुकसान होता है. इतने लंबे समय से जिला प्रशासन और नगर निगम की लापरवाही के कारण आग लगने की कई घटनाएं घट चुकी हैं.
आग लगने के कुछ मामले इस प्रकार हैं-
- 2018 में गत्ता बनाने की फैक्ट्री में आग लग गई थी. आग से बॉयलर फटने की आशंका बन आई थी, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी .
- पुरानी छावनी में बने गणपति कोल्ड स्टोरेज में लगी आग को बुझाने में 1 सप्ताह से अधिक का समय लगा.
- हजीरा स्थित कबाड़ की गोदाम में आग लगने के कारण 50 लाख से अधिक का नुकसान हुआ.
- हजीरा क्षेत्र में बनी धागा फैक्ट्री में आग लगने से लाखों रुपए का माल जल गया.
ऐसी ही 3 दर्जन से अधिक आग लगने की बड़ी घटनाओं में सिर्फ आग बुझाई गई, लेकिन घटना के वास्तविक कारण सामने नहीं आ सके. अब निगम फायर ऑडिट कराने की तैयारी में है.