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गैविनाथ धाम पर कोरोना का साया, सुरक्षा के बीच हो रही शिवलिंग की पूजा

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Published : Jul 5, 2020, 8:00 PM IST

सतना जिले के बिरसिंहपुर में भगवान भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है. सावन सोमवार में यहां हर साल भक्तों का मेला लगता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार अलग व्यवस्था की गई है.

gavinath dham during Corona time in satna
gavinath dham during Corona time in satna

सतना। जिले के बिरसिंहपुर में भगवान भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है, जो स्वयंभू स्थापित है और उज्जैन महाकाल के दूसरे शिवलिंग के रूप में जाना जाता है. यहां पर खंडित शिवलिंग की पूजा होती है, सावन सोमवार में यहां हर साल भक्तों का मेला लगता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार अलग व्यवस्था की गई है, जिससे आस्था और सुरक्षा चक्र दोनों न टूटें.

कोविड-19 महामारी की वजह से इस वर्ष विगत 81 दिनों तक मंदिर के पट बंद कर दिए गए थे, उसके बाद मंदिर के कपाट खोले गए, गैवीनाथ धाम बिरसिंहपुर में भगवान भोलेनाथ के मंदिर के कपाट तो खोल दिए गए हैं. लेकिन भोलेनाथ की मूर्ति को छूने नहीं दिया जा रहा है, भक्तों को जल चढ़ाने की अलग से व्यवस्था कर दी गई है, भोलेनाथ तक जल पाइप के माध्यम से पहुंच रहा है, मंदिर की घंटी को बांध दिया गया है.

साथ ही मंदिर के अंदर केवल दो-दो व्यक्तियों को आने की अनुमति दी जा रही है, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मास्क सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की लगातार अपील की जा रही है, इस महामारी की वजह से इस वर्ष मंदिर में भीड़ का भी काफी प्रभाव पड़ा है, मंदिर के अंदर बहुत कम भीड़ हो रही है.

सतना। जिले के बिरसिंहपुर में भगवान भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है, जो स्वयंभू स्थापित है और उज्जैन महाकाल के दूसरे शिवलिंग के रूप में जाना जाता है. यहां पर खंडित शिवलिंग की पूजा होती है, सावन सोमवार में यहां हर साल भक्तों का मेला लगता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार अलग व्यवस्था की गई है, जिससे आस्था और सुरक्षा चक्र दोनों न टूटें.

कोविड-19 महामारी की वजह से इस वर्ष विगत 81 दिनों तक मंदिर के पट बंद कर दिए गए थे, उसके बाद मंदिर के कपाट खोले गए, गैवीनाथ धाम बिरसिंहपुर में भगवान भोलेनाथ के मंदिर के कपाट तो खोल दिए गए हैं. लेकिन भोलेनाथ की मूर्ति को छूने नहीं दिया जा रहा है, भक्तों को जल चढ़ाने की अलग से व्यवस्था कर दी गई है, भोलेनाथ तक जल पाइप के माध्यम से पहुंच रहा है, मंदिर की घंटी को बांध दिया गया है.

साथ ही मंदिर के अंदर केवल दो-दो व्यक्तियों को आने की अनुमति दी जा रही है, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मास्क सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की लगातार अपील की जा रही है, इस महामारी की वजह से इस वर्ष मंदिर में भीड़ का भी काफी प्रभाव पड़ा है, मंदिर के अंदर बहुत कम भीड़ हो रही है.

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